दुमका। झारखंड की उपराजधानी दुमका में दो सितंबर को श्रीअमड़ा गांव में आदिवासी किशोरी की बॉडी पेड़ से लटकी मिली मामले की जांच में लापरवाही बरतने के आरोप में विश्वविद्यालय ओपी प्रभारी सुजीत उरांव को को हटा दिया गया है। जरमुंडी पुलिस स्टेशन से एसआइ आकृष्ट अमन को नया थाना प्रभारी बनाया गया है।
आकृष्ट अमन ने प्रभारी पद पर ज्वाइन कर लिया है।आरोप है कि एसआइ सुजीत उरांव आरोपित अरमान का मूल निवास पता कर सके।उसकी मां व बहन को भी खोज नहीं के। एसपी ने उन्हें पद से हटाकर हंसडीहा पुलिस स्टेशन में बतौर जेएसआइ भेज दिया है। हालांकि आरोपी अरमान को पुलिस अरेस्ट कर जेल भेज चुकी है।
अरमान अंसारी बांग्लादेशी? दुमका में स्थायी पता नहीं ढूंढ़ सकी पुलिस
बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी आदिवासी लड़की के साथ रेप और उसकी मर्डर के आरोपी अरमान अंसारी को बांग्लादेशी बता रहे हैं, उस अरमान का स्थायी निवास ढूंढ़ने में दुमका पुलिस को अब तक सफलता नहीं मिल सकी है। पुलिस की एक टीम शिकारीपाड़ा के चित्रागढ़िया इलाके में अरमान के घर का पता-ठिकाना खोजती रही पर सफलता नहीं मिली है। अरमान अंसारी अभी जेल में है। FIR में उसका पता श्रीअमड़ा बताया गया है। पुलिस के समक्ष तीन सितंबर को जब उसकाबयान दर्ज हुआ तो उसने अपना स्थायी पता शिकारीपाड़ा के पिनरगड़िया में बताया। जब पुलिस पिनरगड़िया पहुंची तो उसका निवास होने का कोई एवीडेंस नहीं पाया गया। ग्राम प्रधान, पंचायत समिति सदस्य और आंगनबाड़ी सेविका तक यह लिखकर दे चुकी है कि अरमान अंसारी, पिता कासिम अंसारी नाम के व्यक्ति को वे लोग नहीं जानते।
संताल परगना के डीआईजी सुदर्शन प्रसाद मंडल ने अरमान अंसारी के स्थायी निवास स्थान का पता लगा कर दुमका पुलिस से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। उसके स्थायी घर के जमीन के खतियानी दस्तावेज भी पता करने का टास्क दुमका पुलिस को दिया गया है। पुलिस अब तक अरमान का स्थायी घर का पता नहीं लगा सकी है। अरमान श्रीअमड़ा गांव में अपनी मां के साथ रहता था। अरमान की मां महरुन खातून उर्फ महरुन बीवी आदिवासी लड़की के साथ अरमान की शादी नहीं होने देना चाहती थी। इस मामले में पुलिस को उसकी मां की भी संलिप्तता का संदेह है। पुलिस ने अबतक उससे पूछताछ नहीं की। अब वह फरार हो गई है। संताल परगना के डीआईजी सुदर्शन प्रसाद मंडल ने अरमान की मां को हिरासत में लेने का टास्क विवि ओपी के थाना प्रभारी सुजीत उरांव को दिया गया था। पुलिस कार्रवाई से पहले वह फरार हो गयी। इसी लापरवाही के कारण थाना प्रभारी सुजीत उरांव पर हटना पड़ा।
पुलिस आठ दिन की जांच के बावजूद भी आरोपित अरमान की मां और बहन का पता नहीं लगा सकी है। ये दोनों भी अरमान के साथ रहती थीं। घटना के बाद उन्होंने दोनों से पूछताछ भी नहीं की थी। वे दोनों अब गायब हैं। बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो पांच सितंबर को दुमका आये थे। उन्होंने भी आश्चर्य जताया था कि पुलिस ने अरमान के परिजनों से पूछताछ करना जरूरी नहीं समझा। किशोरी को चार माह का गर्भ था। वह अरमान के घर भी अक्सर रुक जाती थी। निश्चित ही वे उसके बारे में जानते होंगे। हो सकता है कि मर्डर में उनका भी हाथ हो। अरमान श्रीअमड़ा में किराये के घर में रहता था। उस घर में ताला लटका मिला, उसका मूल घर का भी पता नहीं चला है।
पुलिस अब अरमान को रिमांड लेने की कवायद में लगी है। कोर्ट आवेदन दे दिया गया है। सोमवार को रिमांड पर अदालत में सुनवाई होगी। रिमांड में अरमान को लेने के बाद पुलिस उससे कुछ उगलवा सकेगी। गिरफ्तारी के बाद पुलिस को अरमान ने बताया था कि उसका मूल घर पिनगड़िया में है। छानबीन में वह पता गलत निकला। वहां के लोगों ने पुलिस को बताया कि यहां कोई अरमान नहीं रहता था। अब रिमांड पर अरमान को लेने के बाद पुलिस जानकारी लेगी कि उसका मूल निवास कहां है, घर में किशोरी का आना जाना था तो मां व बहन का क्या रोल था।