बिहार की 1723 स्वास्थ्य केंद्रों पर ई-संजीवनी सेवा,ऑनलाइन होंगी कई सुविधाएं, सीएम नीतीश कुमार ने किया उद्घाटन
सीएम नीतीश कुमार ने रविवार मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद कक्ष से ई संजीवनी टेलीमेडिसिन सुविधा का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े कई डिजिटल सर्विसेस का भी उद्घाटन किया। समारोह में डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद, रेणु देवी व हेल्थ मिनिस्टर मंगल पांडेय भी उपस्थित थे।
- अब पास के स्वास्थ्य केंद्रों पर ही विशेषज्ञ चिकित्सकों का परामर्श उपलब्ध हो सकेगा
- एंबुलेंस की रियल टाइम ट्रैकिंग संभव हो सकेगी
- सीएम ने जीविका दीदी रसोई सेवा का भी शुभारंभ किया
- आशा वर्कर के नियिमत भुगतान के लिए पोर्टल लांच
पटना। सीएम नीतीश कुमार ने रविवार मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद कक्ष से ई संजीवनी टेलीमेडिसिन सुविधा का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े कई डिजिटल सर्विसेस का भी उद्घाटन किया। समारोह में डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद, रेणु देवी व हेल्थ मिनिस्टर मंगल पांडेय भी उपस्थित थे।
सुदूर क्षेत्रों में रह रहे लोगों को भी अब अपने पास के हेल्थ सेंटरों पर ही स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स का परामर्श उपलब्ध हो सकेगा। उन्हें दवा और किसी दूसरे हॉस्पीटल में रेफर किए जाने की सुविधा भी मिल सकेगी।
हेल्थ डिपार्टमेंट के लिए छुट्टी का दिन नहीं
मौके पर सीएम ने कहा कि रविवार को हेल्थ डिपार्टमेंटल का यह आयोजन इस मायने में प्रतीकात्मक भी है कि स्वास्थ्य विभाग के लिए छुट्टी का कोई दिन नहीं होता। उन्होंने कहा कि ई संजीवनी टेलीमेडिसिन आने वाले समय में प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध होगी। यह कोई मामूली चीज नहीं है। सभी स्वाथ्य केंद्र, जिला व अनुमंडल अस्पताल को टेलीमेडिसीन की सुविधा से जोड़ देंगे। टेलीमेडिसीन के साथ-साथ दवाओं का भी इंतजाम होगा। यह कोई मामली बात नहीं है। प्राइमरी हेल्थ सेंटर को छह बेड से तीस बेड वाले कम्यूनिटी सेंटर में विकसित किया जा रहा। अनुमंडल अस्पताल को भी बेहतर किया जा रहा है।
सभी सुविधाएं ऑनलाइल होगी
सीएम ने कहा कि एक-एक सुविधाएं ऑनलाइन उपलब्ध होगी। उन्होंने अफसरों यह परामर्श भी दिया कि इस तरह की उपलब्धियों की पूरी जानकारी इंटरनेट मीडिया पर भी उपलब्ध कराएं।उन्होंने कहा कि एंबुलेंस सेवा की रियल टाइम मॉनीटरिंग से काफी सहूलियत होगी। सीएम ने कहा कि बिहार की आर्थिक स्थिति में जो सुधार हुआ है उसमें जीविका दीदियों का काफी योगदान है। आशा कार्यकर्ता को समय पर भुगतान हो जाए इसके लिए आज एप भी शुरू हो गया है। नयी पीढ़ी को यह बताना चाहिए कि पहले बिहर में हॉस्पीटलों का क्या हाल था और अब क्या है।