JMM 51st Foundation Day Dhanbad: बाहरियों ने झारखंड को बनाया चारागाह: हेमंत सोरेन
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि 20 साल बाद पहली बार आदिवासी-मूलवासी की सरकार बनी है। बाहरियों ने झारखंड को चारागाह बनाया हुए हैं। झारखंड के तीव्र विकास से विपक्षियों के पेट में दर्द हो रहा है। यह बाते हेमंत सोरेन ने धनबाद में चाार फरवरी शनिवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा के 51वें स्थापना दिवस पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए कही।
- संघर्ष और बलिदान झारखंडियों की किस्मत में ही लिखा हुआ
- झारखंड के तीव्र विकास से विपक्षियों के पेट में हो रहा दर्द
धनबाद। झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि 20 साल बाद पहली बार आदिवासी-मूलवासी की सरकार बनी है। बाहरियों ने झारखंड को चारागाह बनाया हुए हैं। झारखंड के तीव्र विकास से विपक्षियों के पेट में दर्द हो रहा है। यह बाते हेमंत सोरेन ने धनबाद में चाार फरवरी शनिवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा के 51वें स्थापना दिवस पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए कही।
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सीएम ने कहा कि जिस तरह गुरुजी को जीवन भर कोर्ट कचहरी का चक्कर कटवाया, जेल भिजवाया, आज फिर वही हो रहा है। जैसे गुरुजी लड़े, हम भी लड़ रहे हैं। हमारी मांगों को बराबर असंवैधानिक बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरना धर्म कोड, 1932 खतियान लाया तो यूपी, बिहार के लोगों को पेट दर्द हो रहा है। कोर्ट जाने वाले 20 में से एक भाजपा नेता और 19 यूपी, बिहार के लोग हैं। कर्नाटक में बीजेपीसरकार ने स्थानीय लोगों को नौकरी में प्राथमिकता दी तो वह संवैधानिक हो गया।
धनबाद में झामुमो परिवार का 51वां स्थापना दिवस।
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) February 4, 2023
इस अवसर पर आप सभी को अनेक-अनेक शुभकामनाएं और जोहार।@JmmJharkhand pic.twitter.com/JjGeT8fNwN
'कोल कंपनियों पर झारखंड का अरबों रुपये बकाया'
हेमंत ने कहा कि कोल कंपनियों पर झारखंड के अरबों रुपये बकाया हैं। सबसे अधिक झारखंडी बाहर मजदूरी कर रहे हैं और बाहर के लोगों ने झारखंड को चारागाह बनाया दिया है। सरकारी कर्मियों का भी शोषण किया गया। सरकारी कर्मी धैर्य रखें, सरकार आपकी समस्या सुलझाएगी। पैरा शिक्षक, आंगनबाड़ी कर्मियों को सरकार ने हक दिया है। हमलोग कानून बनाते हैं तो लोग जश्न मनाते हैं।
कोर्ट कचहरी सिर्फ सोरेन परिवार पर होता है
झारखण्ड के युवाओं को नौकरी में प्राथमिकता मिलनी चाहिए कि नहीं? मगर विपक्ष नहीं चाहता। जो कानून हम बनाते हैं वह असंवैधानिक बोला जाता है। मगर वैसा कानून भाजपा शासित राज्य में संवैधानिक हो जाता है। आप हाल का कर्नाटक आरक्षण का उदाहरण देख लीजिए। वहां महामहिम फ़ाइल आगे बढ़ा देते हैं। pic.twitter.com/LOl2l26Jg7
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) February 4, 2023
सीएम हेमंत ने कहा कि जाति के नाम पर सरकारी महकमे को परेशान कर रखा था। कोर्ट कचहरी सिर्फ सोरेन परिवार पर होता है। उन्हें मालूम है कि सोरेन परिवार के रहते इनकी दाल नहीं चलेगी। आदिवासी मूलवासी की सरकार बने यह इन्हें मंजूर नहीं है। जब इन्होंने अपने लोगों को पांच साल नहीं चलने दिया तो हमें पांच साल रहने देंगे। झारखंडियों को बोका समझते हैं। हम व्यापारियों के प्रतिनिधि नहीं हैं। महंगाई पहले डायन लगती थी, अब भौजाई लगती है। 20 लाख गरीबों का हरा राशन कार्ड हमने बढ़ाया। सरकार हमें एफसीआई से राशन नहीं दे रही है। बाजार दर पर चावल खरीदकर गरीबों को दे रहे हैं।
20 साल राज कर विपक्ष ने जानबूझकर राज्य को पिछड़ा रखा। इन्हें डर था अगर झारखण्डवासी सामाजिक, मानसिक, आर्थिक और राजनैतिक रूप से मजबूत हो गया तो इनका असली चेहरा सामने आ जायेगा। आज पहली बार पूरी मजबूती से झारखण्डियों की सरकार चल रही है। आज पदाधिकारी आपके क्षेत्र में जा रहे हैं। pic.twitter.com/rOTxD0tWNr
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झारखंड में विकास की गति से विपक्ष को पेट में दर्द
हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में विकास की गति से विपक्ष को पेट में दर्द हो रहा है। विकास में कैसे बाधा आये, इसको लेकर वे लोग षड़यंत्र रच रहे हैं। कोर्ट केस में फंसा कर जेल में डालने का काम कर रहे हैं, ताकि मूलवासी-आदिवासी एकजुट नहीं हो सके।
झारखंड में आंख, कान व संवेदना वाली सरकार
सीएम ने कहा कि राज्य में आंख, कान व संवेदना वाली सरकार है। पहले साल के 11 महीने पारा शिक्षक घर में रहते थे और एक माह स्कूल में। आज 11 माह स्कूल में और एक माह घर पर रहते हैं। हमारी सरकार पंचायत व टोला तक गयी। शिविर लगाकर गांव की समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। एक करोड़ से अधिक समस्याओं का आवेदन आया है। धीरे-धीरे निष्पादन किया जा रहा है। वृद्धा-बुजुर्गों सबको पेंशन मिल रही है। अब हर गांव में पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि जा रहे हैं। 20 साल तक उन लोगों ने कागज पर सरकार चलायी। पहली बार मूलवासी-आदिवासी की सरकार जमीन पर काम कर रही है।
झारखंड में पहली बार मूलवासी-आदिवासी की सरकार
हेमंत ने कहा कि झारखंड में दूसरे राज्य के लोग राज्य करते आ रहे थे। झारखंड को चारागाह बना दिया था। 20 सालों में गांव-देहात के साथ सरकारी कर्मचारियों का भी शोषण किया गया। 20 साल में पहली बार मूलवासी व आदिवासी की सरकार बनी है। काफी संघर्ष, बलिदान व कुर्बानी के बाद अलग राज्य मिला है। झारखंड राज्य अलग बनने के बाद आदिवासी बाबूलाल मरांडी को सीएम बनाया गया। दो से तीन साल में ही उन्हें हटा दिया गया। अर्जुन मुंडा भी सीएम बने, लेकिन उन्हें भी हटा दिया गया। पहली बार आदिवासी-मूलवासी की सरकार बनी है जो पांच साल पूरा करेगी।
हमारे पूर्वज के आंदोलन व संघर्ष की बदौलत अलग राज्य बना
हेमंत ने कहा कि दिशोम गुरु 51 सालों से हम सबों का मार्गदर्शन करते आ रहे हैं। हमारे पूर्वज के आंदोलन व संघर्ष की बदौलत अलग राज्य है। मूलवासी-आदिवासी की सरकार बनने के बाद दो साल तक महामारी से राज्य जूझता रहा। लोगों को घरों में बंद होकर रहना पड़ा। कुशल प्रबंधन के कारण वैश्विक महामारी से बाहर निकले। दूसरे राज्य में काम करनेवाले झारखंडी को सरकार ने अपनी व्यवस्था कर यहां लाया। दो साल के बाद जीवन सामान्य हो रहा है।
कानून बनता है तो उसे कहा जाता है असंवैधानिक
हेमंत ने कहा कि झारखंड में कोई कानून बनता है तो उसे असंवैधानिक कहा जाता है। अपने हक के लिए मूलवासी-आदिवासी आंदोलन करते हैं तो उसे असंवैधानिक कहा जाता है। सरना धर्म का कोड लाया गया, उसे भी असंवैधानिक बताया गया। 1932 का खतियान लाया गया, उसे भी असंवैधानिक कहा गया। झारखंड में कानून बनता है और यूपी व बिहार को पेट में दर्द होता है। 1932 का खतियान कानून पर झारखंड के एक और यूपी व बिहार के 19 लोगों ने रिट याचिका दायर की।
सोरेन परिवार विपक्ष की राजनीतिक रोटी पकने नहीं देगी
सीएम ने कहा कि विपक्ष ने अपना पाप हम पर मढ़ने का काम किया है। सोरेन परिवार है तो उनकी राजनीतिक रोटी नहीं पक सकती है। आदिवासी-मूलवासी को सत्ता में नहीं रहने देना चाहते हैं।उन्होंने कहा कि देशभर में झारखंड सबसे पिछड़ा राज्य है। 20 सालों में गुजरात व यूपी आगे निकल गया है. लेकिन झारखंड पीछे रह गया। योजनाबद्ध तरीके से झारखंड को पीछे ढकेला गया है। यहां के कोयले से दूसरे राज्य का कारखाना चल रहा है. लेकिन हमें आर्थिक, मानसिक व सामाजिक रूप से मजबूत नहीं होने दिया जा रहा है। इसलिए राज्य की बुरी स्थिति है।
अपने बच्चों को पढ़ाओ, जंगल झाड़ को बचाओ : शिबू सोरेन
जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन ने कहा कि झारखंड में जल जंगल जमीन को बचाने की जरूरत है। पेड़-पौधों को बचाने से ही हम बचेंगे। उसे नष्ट न करें। उन्होंने सभा उपस्थित भीड़ का अभिभावदन करते हुए कहा कि झारखंड के विकास के लिए बच्चों को पढ़ाने की जरूरत है। शिक्षा के बगैर हम आगे नहीं बढ़ पायेंगे। इसलिए बच्चों को पढ़ाने का संकल्प लें। हमारे यहां लोह, कोयला जैसे खनिज है, लेकिन बाहर के लोग उसका लाभ इसलिए ले पा रहे हैं कि हम पढ़े-लिखे नहीं हैं। उन्होंने लोगों को आह्वान किया खेती पर ध्यान दें। जौ, मकई, धान खूब लगायें। खेती करने से ही हमलोग खुशहाल रहेंगे।
सेंट्रल ने झारखंड को लूटा :महुआ माजी
जेएमएम की राज्यसभा सदस्य महुआ माजी ने कि धनबाद की धरती से निकलने वाले कोयला से पूरा देश रोशन हो रहा है। लेकिन यहां के लोग आज भी गरीबी और अग्नि प्रभावित क्षेत्र से परेशान हैं। सेंट्रल गवर्नमेंट ने उनके लिए आज तक कुछ नहीं किया। न ही आग पर काबू पाया जा सका। यहां तक की झारखंड सरकार की रॉयल्टी का 1.36 हजार करोड़ रुपया बकाया है, जो आज तक नहीं मिला। केंद्र ने झारखंड को सिर्फ लूटा है। पहले की सरकार में 15 हजार युवतियों को तस्करों द्वारा दूसरे राज्य में भेजा गया, लेकिन हमारी सरकार आते ही इसका सरगना पन्ना लाल आज जेल में हैं।
नौकरी में लोकल लोगों को 75 परसेंट हिस्सेदारी मिलेगी : मथुरा महतो
टुंडी एमएलए मथुरा प्रसाद महतो ने कहा कि शुरुआती दिनों में हम लोगों का नारा होता था 'चार जनवरी का नारा है, झारखंड राज्य हमारा है'। उस दौरान पूरी रात कार्यक्रम होता था। सुबह होने के बाद हम लोग जुलूस निकालते थे। जब से झामुमो गठबंधन की सरकार बनी, उसी दिन से बीजेपी गिराने का प्रयास कर रही है। 1932 का खतियान भी जल्द ही लागू होगा। लोकल को नौकरी, विस्थापितों को नियोजन, नौकरी में स्थानीय को 75 प्रतिशत हिस्सेदारी मिलेगी। हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद चार उपचुनाव हुए हैं, उसमें महागठबंधन सरकार की जीत हुई। इस बार रामगढ़ में भी हम जीतेंगे।
झारखंडियों की एक ही पहचान, हो 1932 का खतियान : सोनू
गिरिडीह एमएलए सुदीव्य कुमार सोनू ने कहा 50 साल पहले इसी ग्राउंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा का बीज लगाया गया था, जो 51 वां साल में वटवृक्ष हो गया है। उस दौरान में शहीद शक्ति नाथ महतो ने इस ग्राउंड में कहा था कि झारखंड अलग राज्य के लिए जो आंदोलन चल रहा है, उसमें पहली पंक्ति के लोग मारे जायेंगे। दूसरी पंक्ति के लोग जेल जायेंगे और तीसरी पंक्ति के लोग राज करेंगे, जो आज साबित हुआ है। झामुमो स्थापना के पूर्व ही कई सपना देखा गया, जो आज धीरे धीरे पूरा हो रहा है। जो नहीं हो सका उन सपनों को पूरा करने का प्रयास जारी है। सफलता मिलेगी। झारखंडियों की एक ही पहचान, हो 1932 का खतियान।
जेएमएम के पूर्व जिलाध्यक्ष रमेश टुडू ने कहा सभी कार्यकर्ता और लोगों के भरोसे हमलोग सरकार में आये। सरकार का गठन होते ही कोविड आ गया, लेकिन हेमंत सरकार ने अपने एक भी लोगों को नहीं छोड़ा। हमेशा मदद की।. दूसरे प्रदेश में काम करने वाले लोगों को ट्रेन, बस और यहां तक की हवाई चप्पल वाले लोगों को हवाई जहाज में बैठकर उन्हें घर तक पहुंचाने का काम किया। जबकि अन्य राज्यों में इस दौरान काफी तबाही हुई, लेकिन अपनी सरकार ने पूरी जनता को देखा और उसे बचाया है।
टुंडी एमएलए मथुरा प्रसाद महतो ने अध्यक्षता व संयोजक मंडली के सदस्य कंसारी मंडल, नकुल महतो, धरणीधर मंडल, अलाउद्दीन अंसारी एवं सुखलाल मरांडी तथा संचालन पार्टी महासचिव विनोद पांडेय, अमितेश सहाय, अशोक मंडल एवं डॉ नीलम मिश्रा ने की। सभा में गोमिया के पूर्व विधायक योगेंद्र महतो, रमेश टुडू, पवन महतो, रतिलाल टुडू, युधेश्वर सिंह, मन्नू आलम, जिप सदस्य लक्ष्मी मुर्मू, मदन महतो, अपूर्व सरकार, बलराम महतो, जगदीश चौधरी, मुकेश सिन्हा, जग्गू महतो, भोला मंडल, हराधन महतो आदि उपस्थित रहे।
इससे पहले झामुमो समर्थक की भीड़ शहर में उमड़ पड़ी, जो ढोल-नगाड़ा बजाते हुए जुलूस के साथ सभास्थल गोल्फ ग्राउंड पहुंचीं। पुलिस भी ट्रैफिक व्यवस्था बनाये रखने में सक्रिय दिखाई दी। यह पहला मौका था जब स्थापना दिवस समारोह दोपहर में हो रहा है और इसके बावजूद समर्थकों का उत्साह चरम पर है। दोपहर में भी झामुमो भीड़ जुटाने में सफल रहा। करीब ढाई बजे गोल्फ ग्राउंड में सभा शुरू हुई।