झारखंड: IAS पूजा सिंघल के ठिकानों से 19.31 करोड़ कैश बरामद, ED ने मधुबनी से ससुर को किया अरेस्ट
ईडी की टीम शुक्रवार सुबह से ही झारखंड के माइंस सेकरटेरी व 2000 बैच की आइएएस अफसर पूजा सिंघल के कई ठिकानों पर रेड कर रही है। पूजा सिंघल व उनसे जुड़े व्यक्तियों के 25 ठिकानों पर रेड दौरान अब तक ईडी ने 19.31 करोड़ कैश बरामद किये हैं। ये पैसे इनके चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) के यहां से मिली है। मशीन के कैश गिनती की जा रही है। ईडी की टीम पूजा सिंघल के ससुर कामेश्वर झा को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी मधुबनी स्थित आवास से अवैध सम्पति मामले में अरेस्ट किया है।
रांची। ईडी की टीम शुक्रवार सुबह से ही 200 बैच की आइएस अफसर सह झारखंड की माइंस सेकरटेरी पूजा सिंघल के कई ठिकानों पर रेड कर रही है। पूजा सिंघल व उनसे जुड़े व्यक्तियों के 25 ठिकानों पर रेड दौरान अब तक ईडी ने 19.317 करोड़ कैश बरामद किये हैं। मीशन के कैश गिनती की जा रही है। ईडी की टीम पूजा सिंघल के ससुर कामेश्वर झा को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी मधुबनी स्थित आवास से अवैध सम्पति मामले में अरेस्ट किया है।
केवल 17 करोड़ रुपये नक़द IAS पूजा सिंघल जी व उनके करीबी लोगों के यहाँ ED द्वारा चल रहे छापे में ।मुख्यमंत्री जी यह है करतूत मकान,ज़मीन,जगह,अस्पताल,ठेका,पट्टा का हिसाब तो अलग ही है,@IncomeTaxIndia ।पैसे का गर्मी अलगे होता है pic.twitter.com/usf0BkzFxf
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) May 6, 2022
बताया जाता है कि ईडी पलामू में हुए मनरेगा घोटाले मामले से जुड़ी मामले में पूजा सिंघल व उनके करीबियों के ठिकानों पर रेड कर रही है। ईडी पूजा सिंघल के झारखंड के रांची, खूंटी, राजस्थान के जयपुर, हरियाणा के फरीदाबाद व गुरुग्राम, पश्चिम बंगाल के कोलकाता, बिहार के मुजफ्फरपुर व दिल्ली एनसीआर ठिकानों पर रेड कर रही है। रांची में ईडी कांके रोड के चांदनी चौक स्थित पंचवटी रेजिडेंसी के ब्लाक नंबर नौ, लालपुर के हरिओम टावर स्थित नई बिल्डिंग, बरियातू के पल्स हॉस्पिटल और पूजा सिंघल के सरकारी आवास में छापेमारी कर रही है।पूजा सिंघल के मुजफ्फरपुर स्थित मिठनपुरा ठिकाने पर भी ईडी की रेड चल रही है। यह मकान पूजा सिंघल के ससुर कामेश्वर झा का हैं. वे भी बिहार सरकार में अफसर थे। उनके पुत्र अभिषेक झा से पूजा सिंघल ने दूसरी शादी की है। अभिषेक झा के रांची में रातू रोड स्थित एक ठिकाने पर ईडी के अधिकारी जांच कर रहे है। ईडी ने अभिषेक के घर से कई दस्तावेज जब्त किये हैं।
पूजा सिंघल के पास 150 करोड़ की संपत्ति
ईडी की रेड में पूजा सिंघल के पास लगभग 150 करोड़ की बेहिसाब संपत्ति से संबंधित दस्तावेज भी मिले हैं। इसकी छानबीन जारी है। ईडी की टीम मनरेगा घोटाले के साथ-साथ पूजा सिंघल के पूरे कार्यकाल की जांच कर रही है। इसमें कई जिलों के डीसी के कार्यकाल के के विवादित मामले भी हैं। ईडी ने झारखंड के रांची, राजस्थान के जयपुर, पश्चिम बंगाल के कोलकाता, बिहार के मुजफ्फरपुर व दिल्ली एनसीआर में एक साथ रेड किया है। रांची में कांके रोड के चांदनी चौक स्थित पंचवटी रेजिडेंसी के फ्लैट नंबर 904, लालपुर के हरिओम टावर स्थित नई बिल्डिंग, बरियातू के पल्स अस्पताल, पूजा सिंघल के सरकारी आवास, उनके पति अभिषेक झा के आवास में भी छापेमारी हुई है। राजस्थान के जयपुर में सहयोगी आरके जैन, कोलकाता में तत्कालीन एंट्री आपरेटर, दिल्ली में पूजा सिंघल के भाई, उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट के यहां छापेमारी हुई है। बिहार के मुजफ्फरपुर में पूजा सिंघल का ससुराल है, जहां ईडी ने सर्हैच किया है।
वर्ष 2008 से 2011 के बीच का मामला
बताया जाता है कि वर्ष 2008 से 2011 के बीच मनरेगा कोष में 18 करोड़ रुपये से अधिक के कथित गबन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में यह कार्रवाई की जा रही है।ईडी ने मनरेगा घोटाले के एक मामले में झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर पूरे मामले की जानकारी से संबंधित शपथ पत्र दायर की थी। ईडी ने शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट को बताया था कि झारखंड के खूंटी जिले में मनरेगा में 18.06 करोड़ रुपये के घोटाले के समय वहां की डीसी पूजा सिंघल थी। इस मामले में वहां के जेई राम विनोद प्रसाद सिन्हा गिरफ्तार कर जेल भेजे गये थे। उसने स्वीकार किया था कि कमीशन की राशि डीसी ऑफिस तक पहुंचती थी। ईडी ने चतरा और पलामू के मनरेगा घोटाले की भी जांचच की जानकारी अपने शपथ पत्र के माध्यम से हाई कोर्ट को दी थी। इन दोनों जिले में भी पूजा सिंघल डीसी रह चुकी है।
जिन मामले की जांच है जारी
ईडी ने शपथ पत्र में बताया था कि पूजा सिंघल चतरा जिले में अगस्त 2007 से जून 2008 तक डीसी थी। आरोप है कि उन्होंने दो एनजीओ को मनरेगा के तहत छह करोड़ रुपये का एडवांस पमेंट किया था। इन दोनों एनजीओ में वेलफेयर पाइंट और प्रेरणा निकेतन शामिल है। राशि मूसली की खेती के लिए आवंटित की गई थी। जबकि इस तरह का कोई कार्य वहां नहीं हुआ था, जिसकी जांच अभी जारी है। पलामू जिला में डीसी रहते हुए पूजा सिंघल पर यह आरोप है कि उन्होंने लगभग 83 एकड़ जंगल भूमि को निजी कंपनी को माइनिंग के लिए ट्रांसफर किया था। यह कठौतिया कोल माइंस से जुड़ा मामला है। ईडी ने कोर्ट को बताया था कि इस मामले की भी जांच जारी है।एंटी करप्शन ब्यूरो ने घोटाले में 2012 में जूनियर इंजीनियर राम विनोद सिन्हा के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इसके बाद इस मामले में कई हाईप्रोफाइल नाम सामने आये थे। पता चला था कि अवैध खनन के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग की जा रही है. उस समय सामने आया था कि कई आईएएस अफसरों और नेताओं के जेई राम विनोद सिन्हा से अच्छे संबंध थे। अब मामले की जांच ईडी कर रही है।
महत्वपूर्ण पदों पर रही हैं पूजा सिंघल
बीजेपी की गवर्नमेंट में जब रघुवर दास सीएम थे तो 2000 बैच की आइएएस अफसर पूजा सिंघल कई महत्वपूर्ण पदों पर रही हैं। सिंघल खूंटी, चतरा, पलामू और गढ़वा में वे डीसी रह चुकी हैं। सिंघल बीजेपी गवर्नमेंट के कार्यकाल में कृषि विभाग की सचिव भी रहीं। नौकरी के इतने वर्षों में उनपर कई संगीन आरोप लगे हैं। ईडी पूजा सिंघल के खिलाफ घपले-घोटालों और मनी लांड्रिंग केस की जांच कर रहा है। पूजा सिंघल वर्तमान में खान और भूविज्ञान विभाग की सचिव और झारखंड राज्य खनिज विकास निगम लिमिटेड (जेएसएमडीसी) की प्रबंध निदेशक हैं।
पूजा सिंघल के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका
आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल उद्योग एवं खनन विभाग की सचिव हैं। आईएएस अधिकारी पर इलिगल माइनिंग के सरंक्षण का भी आरोप है। पूजा सिंघल को जेएसएमडीसी के अध्यक्ष और खान सचिव दोनों पदों पर पदस्थापित किए जाने के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी है। दोनों पदों पर उनकी नियुक्ति को नियम विरूद्ध बताते हुए किसी एक ही पद पर पदस्थापित करने का आग्रह हाईकोर्ट से किया गया है। इस संबंध में भूमि सुधार मंच ने जनहित याचिका दायर की है।
याचिका में कहा गया है कि पूजा सिंघल उद्योग सचिव के पद पर हैं, माइनिंग विभाग की सचिव भी हैं और जेएसएमडीसी की चेयरमैन भी हैं। प्रार्थी का कहना है कि जेएसएमडीसी से पारित आदेश का अपीलीय अधिकार खनन सचिव के पास होता है। अगर दोनों ही पदों पर एक व्यक्ति पदस्थापित रहेगा तो अपील करने वालों को न्याय नहीं मिल सकेगा। प्रार्थी के अधिवक्ता के मुताबिक वर्ष 2007-08 में झारखंड हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने एक आदेश पारित कर कहा था कि जेएसएमडीसी के चैयरमैन के पद पर वैसे अधिकारी की नियुक्ति की जानी चाहिए जो स्वतंत्र प्रभार में हो।