झारखंड: एसीबी ने एनजीओ प्रभारी रहे पुलिस इंस्पेक्टर गणेश सिंह पर दर्ज की आईआर, अवैध वसूली का आरोप

झारखंड में पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता के कार्यकाल के दौरान एनजीओ प्रभारी रहे इंस्पेक्टर गणेश सिंह पर एसीबी ने अवैध वसूली के आरोप में आईआर दर्ज की है। आरोप है कि उन्होंने धनबाद के कोयला कारोबारियों से वसूली कर संपत्ति अर्जित की।

झारखंड: एसीबी ने एनजीओ प्रभारी रहे पुलिस इंस्पेक्टर गणेश सिंह पर दर्ज की आईआर, अवैध वसूली का आरोप
अनुराग गुप्ता के कार्यकाल का मामला।
  •  पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता के कार्यकाल में अवैध वसूली का आरोप

रांची। झारखंड पुलिस के गोपनीय शाखा (एनजीओ शाखा) के तत्कालीन प्रभारी इंस्पेक्टर गणेश सिंह पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने शिकंजा कस दिया है। पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता के कार्यकाल में कथित अवैध वसूली और संपत्ति अर्जन के आरोपों पर एसीबी ने प्रारंभिक रिपोर्ट (आईआर) दर्ज की है।

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तीन महीने के भीतर इस आईआर की जांच पूरी करने का निर्देश दिया गया है। जांच में भ्रष्टाचार की पुष्टि होने पर एसीबी सरकार से अनुमति लेकर प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज करेगी।

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आरोप: अवैध वसूली और संपत्ति अर्जन

शिकायतकर्ता के अनुसार, इंस्पेक्टर गणेश सिंह ने पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता के कार्यकाल में विभिन्न फाइलों के निपटारे के नाम पर अवैध वसूली की। आरोप है कि इस वसूली से उन्होंने चल-अचल संपत्ति अर्जित की है। एसीबी को सौंपी गई शिकायत और हाईकोर्ट में दाखिल पूरक शपथ पत्र में यह भी कहा गया है कि गणेश सिंह ने धनबाद के कोयला कारोबारियों से वसूली की थी। बताया गया है कि उस समय तत्कालीन डीजीपी अनुराग गुप्ता अपने इंस्पेक्टर गणेश सिंह के माध्यम से इन कारोबारियों से रकम वसूलते थे।

हाईकोर्ट में मामला विचाराधीन

इस पूरे मामले से जुड़ा एक प्रकरण वर्तमान में झारखंड हाईकोर्ट में विचाराधीन है। याचिका के विरोध में दाखिल पूरक शपथ पत्र में गणेश सिंह का नाम एक धनबाद के व्यवसायी से अवैध वसूली करने वाले अधिकारी के रूप में दर्ज है। एसीबी ने अब इस आधार पर आईआर दर्ज करते हुए जांच की गति तेज कर दी है।

झारखंड जगुआर से एनजीओ प्रभारी तक

इंस्पेक्टर गणेश सिंह पहले झारखंड जगुआर में पदस्थापित थे। जब अनुराग गुप्ता ने एसीबी के डीजी का प्रभार संभाला, तब उन्होंने गणेश सिंह को एसीबी में पदस्थापित कराया। बाद में उन्हें डीजीपी कार्यालय की एनजीओ शाखा का प्रभारी बना दिया गया। आमतौर पर एनजीओ शाखा का प्रभारी डीएसपी स्तर का अधिकारी होता है, लेकिन गणेश सिंह को यह जिम्मेदारी दी गयी थी। पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के बाद गणेश सिंह को भी एनजीओ प्रभारी पद से हटाकर वापस झारखंड जगुआर भेज दिया गया।

नये एनजीओ प्रभारी की नियुक्ति

तदाशा मिश्रा के प्रभारी डीजीपी बनने के बाद इंस्पेक्टर अरुण कुमार सिंह को पुलिस मुख्यालय में एनजीओ शाखा का नया प्रभारी बनाया गया है। इस संबंध में पुलिस मुख्यालय से आदेश जारी कर दिया गया है।

अब एसीबी करेगी गहराई से जांच

एसीबी सूत्रों के अनुसार, प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में यदि आरोपों की पुष्टि होती है, तो सरकार की अनुमति लेकर पीई (प्रारंभिक जांच) दर्ज की जाएगी। यह जांच गोपनीय फाइलों के निष्पादन और वसूली के पैटर्न पर केंद्रित होगी। इस मामले को झारखंड पुलिस महकमे में “बड़ा सिंडिकेट केस” माना जा रहा है, क्योंकि यह सीधे पूर्व डीजीपी कार्यालय और उनके निकट सहयोगियों से जुड़ा है।
रांची में पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता के समय के एनजीओ प्रभारी इंस्पेक्टर गणेश सिंह के खिलाफ एसीबी ने आईआर दर्ज की है। उन पर अवैध वसूली का आरोप है, जिसके तहत उन्होंने चल-अचल संपत्ति अर्जित की। शिकायतकर्ता का कहना है कि गणेश सिंह ने पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता के कार्यकाल में यह सब किया। एसीबी अब इस मामले की जांच कर रही है।