झारखंड: रांची जुमार नदी जमीन घोटाला में एसीबी ने सीओ व राजस्व कर्मचारी के खिलाफ दर्ज किया PE
ची जिले के कांके अंचल स्थित नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के पीछे जुमार नदी और उसके आसपास की सरकारी जमीन घोटाले मामले में गुरुवार को एसीबी ने प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज कर लिया है। कांके के स्टाफ के खिलाफ पीई दर्ज कर जांच शुरू हो गई है।
रांची। रांची जिले के कांके अंचल स्थित नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के पीछे जुमार नदी और उसके आसपास की सरकारी जमीन घोटाले मामले में गुरुवार को एसीबी ने प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज कर लिया है। कांके के स्टाफ के खिलाफ पीई दर्ज कर जांच शुरू हो गई है। पिछले दिनों सीीएम हेमंत सोरेन ने इसी माह नौ दिसंबर को जमीन घोटाले की एसीबी जांच का आदेश दिया था।
एसीबी को 45 दिनों के भीतर इस घोटाले की जांच पूरी कर सरकार को प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपने का आदेश मिला है। सीएम ने आदेश दिया था कि इस सरकारी जमीन और जुमार नदी की जमीन को भरवाने में अंचल के अफसर व स्टाफ की जमीन माफिया से मिलीभगत के बिंदु पर जांच पूरी कर रिपोर्ट दें। सीएम ने पूर्व में ही रांची डीसी की रिपोर्ट के बाद कांके अंचल के तत्कालीन सीओ अनिल कुमार को दोषी पाते हुए सस्पेंड कर दिया था।
सरकार की 25 एकड़ जमीन को प्लॉटिंग कर बेचने की थी तैयारी
उल्लेखनीय है कि कांके लॉ कॉलेज से सटे रिंग रोड के किनारे लगभग 25 एकड़ जमीन को प्लॉटिंग कर बेचने की तैयारी की जा रही थी। जमीन माफिया द्वारा जुमार नदी के किनारे मिट्टी डालकर भरने एवं जेसीबी से समतल करने का कार्य किया जा रहा है। यहां लगभग 20.59 एकड़ जमीन गैर मजररूआ प्रकृति की है, जिसमें 20.20 एकड़ भूमि खतियान में नदी के रूप में दर्ज है।मामला प्रकाश में आने के बाद रांची डीसी ने एसी भू हदबंदी से इसकी जांच कराई। एसी ने जांच के बाद डीसी को अपनी रिपोर्ट सौंपी। इस रिपोर्ट में उन्होंने कहा कि यहां के खाता संख्या के अंतर्गत आने वाले कुछ प्लॉट बकास्त भूइहरी जमीन खतियान में दर्ज है और खाता संख्या 142 प्लॉट संख्या 2309 गैर मजरुआ मालिक प्रकृति की भूमि है, जो बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के लिए अर्जित है। लगभग 20.59 एकड़ जमीन गैर मजरुआ मालिक प्रकृति की है।
रिवर व्यू गार्डेन के प्रोपराइटर कमलेश कुमार द्वारा मिट्टी भरवाकर कराया जा रहा था समतलीकरण
नदी के रूप में दर्ज 20.20 एकड़ जमीन के अंश भाग पर रिवर व्यू गार्डेन के प्रोपराइटर कमलेश कुमार द्वारा मिट्टी भरवाकर समतलीकरण का कार्य कराया जा रहा है। डीसी ने जिला प्रशासन द्वारा इस जमीन घोटाले की कराई गई जांच रिपोर्ट भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग को सौंपी। इसमें उल्लेखनीय है कि जमीन माफिया द्वारा सरकारी जमीन के अतिक्रमण में कांके अंचल के सीओ अनिल कुमार की संलिप्तता है।सरकारी जमीन का संरक्षण होने के बावजूद भी सीओ द्वारा सरकारी जमीन और नदी को भरने के मामले को नजरअंदाज करना उनके इस घोटाले में शामिल होने को इंगित करता है। सीओ द्वारा इस साल 10 नवंबर को ई-मेल के माध्यम से प्रतिबंधित भूमि की जो सूची उपलब्ध कराई गई है, उसमें उपरोक्त सरकारी भूमि को प्रतिबंधित सूची में नहीं डाला गया है। जिसमें भू माफियाओं द्वारा कब्जा किया जा रहा है।