झारखंड: गढ़वा में रुखसाना से लव कर रितेश बन गया अरमान, तीन साल से थे दोनों फरार, अब गांव लौटे
झारखंड के गढ़वा जिले में प्यार में पागल दुबे मरहटिया गांव निवासी रितेश चौधरी ने इस्लाम धर्म कबूल कर अरमान बन गया। इसके बाद बरडीहा की रुकसाना खातून से निकाह कर लिया। रितेश बरडीहा गांव के अपने नाना यदुनाथ चौधरी के घर रहता था। यहीं मजमुद्दीन अंसारी की बेटी रुखसाना से उसे प्यार हो गया। तीन साल पहले दोनों घर से भाग गये।
गढ़वा। झारखंड के गढ़वा जिले में प्यार में पागल दुबे मरहटिया गांव निवासी रितेश चौधरी ने इस्लाम धर्म कबूल कर अरमान बन गया। इसके बाद बरडीहा की रुकसाना खातून से निकाह कर लिया। रितेश बरडीहा गांव के अपने नाना यदुनाथ चौधरी के घर रहता था। यहीं मजमुद्दीन अंसारी की बेटी रुखसाना से उसे प्यार हो गया। तीन साल पहले दोनों घर से भाग गये।
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ग्रामीणों का कहना है कि तीन-चार दिन पहले दोनों बरडीहा आये। रितेश ने को बताया कि उसने अपना धर्म परिवर्तन कर लिया है। सनातन धर्म त्याग कर उसने इस्लाम धर्म कबूल कर लिया है। धर्म परिवर्तन के प्रमाण के लिए उसने गांव वालों को मेदिनीनगर स्थित नोटरी पब्लिक में किये गये एफिडेविट भी दिखाया।एफिडेविट में रितेश ने कहा है कि बगैर किसी जोर-जबर्दस्ती और प्रलोभन का उसने इस्लाम धर्म अपनाया है। उसने कहा कि इस्लाम धर्म के सभी कायदे-कानून मानेगा। एफिडेविट में रितेश ने कहा है कि मेरी मौरूसी जायदाद, मेरे पिता द्वारा खरीदी जायदाद और चल व अचल संपत्ति पर मेरा और मेरे भाई का बराबर का अधिकार रहेगा। मैं मुस्लिम धर्म मानता हूं और मानता रहूंगा। मेरा भाई अतुल चौधरी हिंदू धर्म मानता है वह हिंदू धर्म ही मानेगा। इस संबंध में हम दोनों भाइयों को कोई आपत्ति नहीं है और ना होगी।
लोगों ने बताया कि रितेश और रुकसाना ने रेहला में निकाह किया है। निकाह लड़की के संबंधियों ने संपन्न कराया है।इस संबंध में मजमुद्दीन अंसारी ने कहा कि दो-तीन दिन पहले दोनों घर आये थे। रितेश किस जाति-धर्म का है, उन्हें मालूम नहीं है। धर्म परिवर्तन की बात भी नहीं जानते हैं। उन्होंने कहा कि मेरी बेटी रुखसाना चार वर्ष पहले घर से भाग गई थी। निकाह के संबंध में मुझे कुछ पता नहीं है।