झारखंडः डिसमिस किये जायेंगे पूर्वी सिंहभूम के सिविल सर्जन डॉ अरविंद कुमार लाल, CS ने विधानसभा को किया था गुमराह
विवादों में घिरे पूर्वी सिंहभूम के सिविल सर्जन डॉ अरविंद कुमार लाल को डिसमिस किया जायेगा। डॉ लाल के डिसमिसल संबंधी हेल्थ डिपार्टमेंट के प्रोपजल पर स्ताव पर हेल्थ मिनिस्टर बन्ना गुप्ता ने सहमति प्रदान कर दी है। मंत्री का अनुमोदन मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग के द्वारा यह प्रस्ताव (लेटर नंबर103/18/14 फरवरी 22) जेपीएससी को भेज दी गयी है। वहां से लेटर जल्द ही कैबिनेट में भेजा जायेगा।
रांची। विवादों में घिरे पूर्वी सिंहभूम के सिविल सर्जन डॉ अरविंद कुमार लाल को डिसमिस किया जायेगा। डॉ लाल के डिसमिसल संबंधी हेल्थ डिपार्टमेंट के प्रोपजल पर स्ताव पर हेल्थ मिनिस्टर बन्ना गुप्ता ने सहमति प्रदान कर दी है। मंत्री का अनुमोदन मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग के द्वारा यह प्रस्ताव (लेटर नंबर103/18/14 फरवरी 22) जेपीएससी को भेज दी गयी है। वहां से लेटर जल्द ही कैबिनेट में भेजा जायेगा।
डॉ लाल 19/07/1997 से 13/12/2006 तक बिहार के वैशाली जिला में एपीएचसी, जेरंग में बतौर चिकित्सा पदाधिकारी पदस्थापित थे। उसी दरम्यान उन्होंने वर्ष 2005 में बिहार विधानसभा का चुनाव झंझारपुर से समाजवादी पार्टी की टिकट पर लड़ा था।एमएलए सरयू राय ने सात सितंबर 2021 को यह मामला झारखंड विधान सभा में भी उठाया था। जवाब में विभागीय मंत्री की ओर से जानकारी दी गयी कि मामला संज्ञान में आने के बाद 22 अक्टूबर 2019 को डॉ लाल के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही संचालित है। सेवा समाप्ति की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। लेकिन उसके बाद भी डिसमिसल की कार्रवाई नहीं होने पर 29 नवंबर 2021 को सरयू राय ने विभानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर हेल्थ मिनिस्टर बन्ना गुप्ता पर दोष सिद्ध अधिकारी डॉ लाल को बचाने व विधानसभा को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए स्वास्थ्य मंत्री पर विधानसभा की अवमानना की कार्रवाई करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था।
डॉ लाल ने विधानसभा को दी गलत जानकारी
जमशेदपुर सिविल सर्जन डॉ अरविंद कुमार लाल पर एक और मामले में कार्रवाई हो सकती है। विधान सभा के शीत सत्र में विधायक सरयू राय के सवाल का गलत जवाब देने पर विभागीय मंत्री बन्ना गुप्ता की किरकिरी हुई थी। गैर सूचीबद्ध अस्पतालों को मुख्यमंत्री असाध्य बीमारी योजना का लाभ दिए जाने के संबंध में सरयू राय ने सवाल पूछा था। जिसमें उन्होंने कहा था कि फरवरी 2020 से जुलाई 2020 के बीच जमशेदपुर के गैर सूचीबद्ध अस्पताल मेडिट्रिना, आदित्यपुर, ब्रम्हानंद नारायण, तमोलिया एवं अन्य को असूचीबद्ध बीमारियो के इलाज का लाभ दिया गया।उक्त सवाल का जो जवाब सदन में मंत्री के द्वारा दिया गया वह भ्रामक एवं गलत था। ब्रम्हानंद, तमोलिया को सूची बद्ध बताया गया था, जबकि, उक्त अवधि में वह अस्पताल सूचीबद्ध नहीं था। यह जवाब भी जमशेदपुर सिविल सर्जन द्वारा ही भेजे गए तथ्यों के आधार पर दिया गया था। इस मामले में भी उनसे स्पष्टीकरण किया जा चुका है।
डिसमिसल करने के बदले डॉ अरविद को बनाया गया सिविल सर्जन
एमएलए सरयू राय ने विधानसभा अध्यक्ष को लिख पत्र में स्पष्ट कहा है कि विभागीय मंत्री की रुचि दोष सिद्ध अधिकारी को बचाने की है। विभागीय जांच में दोष सिद्ध हो जने के बाद डॉ लाल को डिसमिसकरने का जांच पदाधिकारी का मंतव्य आ जाने के बाद भी विभागीय मंत्री के आदेशानुसार डॉ लाल को बर्खास्त करने की बजाए उन्हें 10 मार्च 2021 को जमशेदपुर सिविल सर्जन का अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया। उन्होंने कहा है कि वर्ष 2005 में डॉ लाल जहां समाजवादी पार्टी की टिकट पर झंझारपुर से चुनाव लड़े थे। बन्ना गुप्ता भी 2005 में ही जमशेदपुर पश्चिम से समाजवादी पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़े थे।