Jharkhand: गिरिडीह से अपहृत हार्डवेयर व्यवसायी को क्रिमिनलों ने हजारीबाग जंगल में छोड़ा
गिरिडीह के द्वारपहरी से अपहृत हार्डवेयर व्यवसायी हिमांशु मंडल को अपहर्ताओं ने छोड़ दिया है। हिमांशु को रविवार को हजारीबाग जंगल में छोड़ दिया गया
गिरिडीह। गिरिडीह के द्वारपहरी से अपहृत हार्डवेयर व्यवसायी हिमांशु मंडल को अपहर्ताओं ने छोड़ दिया है। हिमांशु को रविवार को हजारीबाग जंगल में छोड़ दिया गया। पुलिस ने मंडल को घर पहुंचाया। परिजनों ने 24 घंटे के अंदर की हिमांशु की रिहाई से राहत की सांस ली है। दूसरी ओर पुलिस भी अपनी पीठ थपथपा रही है।
द्वारपहरी के इलेक्ट्रॉनिक एंड हार्डवेयर व्यवसायी हिमांशु मंडल का शनिवार शाम साढ़े सात बजे अपहरण उनकी दुकान से कर लिया गया। परिजनों ने एसपी एवं बिरनी पुलिस स्टेशन की पुलिस को घटना की सूचना दी। एसपी अमित रेणु तथा बिरनी व जमुआ पुलिस स्टेशन के ओसी देर रात को मौके पर पहुंचे। पुलिस अफसरों ने परिजनों से घटना की जानकारी ली। पुलिस हिमांशु को किडनैपर के चंगुल से मुक्त कराने की कोशिश में जुट गई। हिमांशु मंडल को 24 घंटे के अंदर रविवार को मुक्त करा लिया गया।
बताया जाता है कि हिमांशु के अपहरण के बाद अगल-बगल के लोग शोर मचाने लगे। हिमांशु का भाई अमृत दुकान के ऊपर छत पर ही था। लोगों की आवाज सुनकर वह तुरंत नीचे आया तब तक अपहरणकर्ता सफेद रंग की कार में हिमांशु को बैठाकर गिरिडीह की ओर ले गये। अमृत मंडल ने कहा कि वे लोग जामताड़ा जिले के करमाटांड़ के रहने वाले हैं। कई वर्षों से यहां इलेक्ट्रॉनिक एंड हार्डवेयर की दुकान चला रहे हैं। सफेद रंग की कार पर शनिवार शाम को चार-पांच लोग आए , जिनमें एक पुलिस की वर्दी पहने था। वाहन दुकान के पास रूकते ही वर्दीवाले व्यक्ति ने पूछा कि हिमांशु तुम ही हो तो भाई ने कहा कि हां मैं ही हूं। तब उसे हाथ पकड़ वाहन के पास ले गये और उसमें बैठाकर चलते बने। अपहरणकर्ताओं ने उनके मोबाइल पर पांच लाख रुपये फिरौती की मांग की है। रुपये लेकर कभी एसपी कोठी, कभी बगोदर तो कभी कोडरमा बुलाता रहा।