Khunti Mnrega scam : IAS पूजा सिंघल, अभिषेक झा व सुमन कुमार समेत सात के खिलाफ ED ने दाखिल किया चार्जशीट
खूंटी में 18.06 करोड़ रुपये के मनरेगा घोटाले में IAS अफसर पूजा सिंघल व अभिषेक झा, समेत सात के खिलाफ ED ने चार्जशीट दाखिल कर दिया है। खूंटी की तत्कालीन डीसी सस्पेंडेड आइएएस पूजा सिंघल के अलावा उनके हसबैंड अभिषेक झा, सीए सुमन कुमार, खूंटी जिला परिषद् के तत्कालीन जेई राम विनोद प्रसाद सिन्हा, तत्कालीन सहायक अभियंता राजेंद्र कुमार जैन, कार्यपालक अभियंता जयकिशोर चौधरी और खूंटी विशेष प्रमंडल के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता शशि प्रकाश शामिल के खिलाफ ईडी की स्पेशल कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गयी है।
- राम विनोद सिंह राजेंद्र जैन, जय किशोर चौधरी और शशि प्रकाश के खिलाफ भी चार्जशीट
- पांच हजार पेज का चार्जशीट दाखिल की गयी ईडी की स्पेशल कोर्ट में
रांची। खूंटी में 18.06 करोड़ रुपये के मनरेगा घोटाले में IAS अफसर पूजा सिंघल व अभिषेक झा, समेत सात के खिलाफ ED ने चार्जशीट दाखिल कर दिया है। खूंटी की तत्कालीन डीसी सस्पेंडेड आइएएस पूजा सिंघल के अलावा उनके हसबैंड अभिषेक झा, सीए सुमन कुमार, खूंटी जिला परिषद् के तत्कालीन जेई राम विनोद प्रसाद सिन्हा, तत्कालीन सहायक अभियंता राजेंद्र कुमार जैन, कार्यपालक अभियंता जयकिशोर चौधरी और खूंटी विशेष प्रमंडल के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता शशि प्रकाश शामिल के खिलाफ ईडी की स्पेशल कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गयी है।
ईडी की टीम पांच हजार पेज की यह चार्जशीट दो बक्से में लेकर ईडी कोर्ट पहुंची थे। ईडी की टीम कोर्ट में लगभग पांच हजार पेज की चार्जशीट दाखिल की है। इसमें पूजा सिंघल के सारे कारनामों की डिटेल जानकारी कोर्ट को दी गई है। ईडी ने अपनी चार्जशीट में पूजा सिंघल के पूरे नेक्सस की जानकारी भी कोर्ट को दी है। चार्जशीट में इस केस से जुड़ी कई अहम जानकारियां भी दी गयी है।
पांच मई को पूजा सिंघल 25 ठिकानों पर हुई थी रेड
ईडी ने पांच मई को पूजा सिंघल व उनके करीबियों के के 25 ठिकानों पर रेड की थी। इसके बाद ईडी ने पूजा सिंघल और सीए सुमन सिंह को अरेस्ट किया था। दोनों से 14 दिनों की ईडी कस्टडी में लेकर पूछताछ की गई। दोनों से पूछताछ में ईडी को बेहिसाब ब्लैक मनी, चल व अचल संपत्ति के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली। ईडी कई जिले के डीएमओ के खिलाफ मिले सबूतों की जांच कर रही है। ईडी की रेड के दौरान सुमन सिंह के आवास और ऑफिस से 19.31 करोड़ रुपये की बरामदगी हुई थी। पूछताछ में सीए ने कहा कि इनमें अधिकांश पैसे पूजा सिंघल के हैं। आइएएस पूजा सिंघल 11 मई से व उनका चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार सात मई से ज्यूडिशियल कस्टडी में है। तत्कालीन जेई राम विनोद प्रसाद सिन्हा जनवरी -2020 में अरेस्ट होने के बाद से ही जेल में बंद हैं।
ईडी ने मनरेगा घोटाले में झारखंड पुलिस के एसीबी में दर्ज एफआइआर की व चार्जशीट के आधार पर मनी लांड्रिंग में केस दर्ज किया था। ईडी ने इस मामले में इन्विस्टीगेशन में तत्कालीन जेई राम विनोद प्रसाद सिन्हा के खिलाफ अभियोजन शिकायत दायर किया था। राम विनोद प्रसाद सिन्हा ने स्वीकारा था कि मनरेगा की योजनाओं की पांच परसेंट राशि जिला प्रशासन के पास जाती थी। तब खूंटी की तत्कालीन डीसी पूजा सिंघल थीं। पूजा सिंघल 16 अगस्त 2007 से 16 सितंबर 2008 तक चतरा, 16 फरवरी 2009 से 19 जुलाई 2010 तक खूंटी व 19 जुलाई 2010 से आठ जून 2013 तक पलामू की डीसी थीं। तीनों ही जिलों के डीसी के कार्यकाल में पूजा सिंघल व उनके हसबैंड अभिषेक झा के बैंक अकाउंट में अवैध तरीके से 1.43 करोड़ रुपये जमा हुए। ईडी ने कुछ गवाहों का बयान भी लिया है। कुछ गवाहों ने तो यहां तक बताया कि चार ऐसे अवसर थे, जब राम विनोद प्रसाद सिन्हा ने पुराने 500 के नोट के 18 से 20 गड्डी भी दिया था। ईडी ने उनका बयान भी कलमबद्ध किया था।
एडवांस पेमेंट लेकर पूजा सिंघल को पैसे देता था जेई
ईडी ने कोर्ट में आगे बताया है कि मनरेगा मामले में कनीय अभियंता राम विनोद प्रसाद सिन्हा अग्रिम भुगतान लेता था। वह काम के लिए रुपये निकालता था और उसे पूजा सिंघल को दे देता था। पूजा सिंघल उक्त राशि की कभी गिनती नहीं करती थी। कुछ गवाहों ने बताया कि रुपयों से भरा बैग राम विनोद सिन्हा बंद हालत में देता था, जिसे वे पूजा सिंघल तक पहुंचाते थे। मनरेगा योजनाओं में पांच परसेंट राशिडीसी को देना ही था।
बैंक अकाउंट से मिलीं कई जानकारियां
ईडी ने बताया है कि बैंक अकाउंट के डिटेल से कई अहम जानकारियां मिली हैं। इसमें पता चला है कि वर्ष 2005-2006 से 2012-13 तक पूजा सिंघल ने 13 इंसोरेंस पॉलिसी खरीदी थी, जिसके प्रीमियम के रूप में 80.81 लाख रुपये जमा किया। बाद में बिना मेच्योर हुए ही उन्होंने पॉलिसी तोड़कर 84.64 लाख रुपये का पेमेंट ले लिया। इसके बाद विभिन्न डेट में उन्होंने चार्टेड अकाउंटेंट सुमन कुमार को 16.57 लाख रुपये ट्रांसफर किये।
खूंटी में 18.06 करोड़ का है मनरेगा घोटाला
खूंटी जिले में मनरेगा घोटाला 18.06 करोड़ रुपये का है। पूरा मामला अप्रैल 2008 से मार्च 2011 के बीच का है। सस्पेंडेड आइएएस अफसर पूजा सिंघल खूंटी में फरवरी 2009 से जुलाई 2010 के बीच डीसी थीं। उनके डीसी रहते हुए खूंटी में यह घोटाला हुआ था। यह सवाल बार-बार उठता रहा कि पूजा सिंघल की सह पर ही खूंटी में इतना बड़ा घोटाला हुआ। इसकी जांच की जिम्मेदारी एसीबी को दी गई थी, लेकिन एसीबी ने अपनी जांच में पूजा सिंघल की भूमिका को बचाया था। पूजा सिंघल के बाद राजेश शर्मा खूंटी के डीसी बने थे। उन्हें जब मनरेगा में बड़े पैमाने पर घोटाले की जानकारी मिली तो उन्होंने इस मामले में अलग-अलग 17 FIR दर्ज कराई थी और इस पूरे प्रकरण की जांच कराने के लिए ग्रामीण विकास विभाग को लिखा था। ग्रामीण विकास विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव एनएन सिन्हा ने डिपार्टमेंटल लेवल पर इसकी जांच कराई। उन्होंने तत्कालीन डीसी पूजा सिंघल, राम विनोद प्रसाद सिन्हा व अन्य के खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखा था, लेकि न इस पूरे प्रकरण में पूजा सिंघल को क्लीन चिट मिल गया था।