Jharkhand: अफसरों के दबाव में बदली गई थी FIR, कंपलेन में पहले था अंबा और योगेंद्र का नाम
झारखंड में हजारीबाग जिले के बड़कागांव से कांग्रेस की एमएलए अंबा प्रसाद, एक्स मिनिस्टर योगेंद्र साव व अन्य पर लिखित कंपलेन को अफसरों ने बदलवा दिया। सीनीयर अफसरों के प्रेशर में पुराने आवेदन को रद करवाकर फिर से आवेदन लिखवाया गया। अननोन के खिलाफ जमीन हड़पने के मामले में हजारीबाग के बड़ा बाजार पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराई गई थी। इसका खुलासा हजारीबाग के पूर्व CO शशिभूषण सिंह ने ईडी के सामने किया है। शशिभूषण सिंह वर्तमान में गोविंदपुर में CO हैं।
- जमीन घोटाले के आरोपी सीओ का पूछताछ में बड़ा खुलासा
- एमएलए अंबा प्रसाद का मोबाइल डेटा निकालने का कार्य पूरा
- हजारीबाग के एक्स सीओ ने ईडी की पूछताछ में स्वीकारा
- ईडी की रेड में मिल चुकी है पुरानी कंपलेन और दर्ज एफआइआर की कॉपी
रांची। झारखंड में हजारीबाग जिले के बड़कागांव से कांग्रेस की एमएलए अंबा प्रसाद, एक्स मिनिस्टर योगेंद्र साव व अन्य पर लिखित कंपलेन को अफसरों ने बदलवा दिया। सीनीयर अफसरों के प्रेशर में पुराने आवेदन को रद करवाकर फिर से आवेदन लिखवाया गया। अननोन के खिलाफ जमीन हड़पने के मामले में हजारीबाग के बड़ा बाजार पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराई गई थी। इसका खुलासा हजारीबाग के पूर्व CO शशिभूषण सिंह ने ईडी के सामने किया है। शशिभूषण सिंह वर्तमान में गोविंदपुर में CO हैं।
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12 मार्च को ईडी ने की थी रेड
हजारीबाग में जमीन हड़पने की कोशिश मामले में ईडी ने 12 मार्च 2024 को एमएलए अंबा प्रसाद, एक्स मिनिस्टर योगेंद्र साव, तत्कालीन सीओ शशिभूषण सिंह व इनसे जुड़े ठिकानों पर रेड की थी। इस रेड में ईडी को वह कंपलेन पत्र भी मिल गया था, जिसमें हजारीबाग की एक सरकारी जमीन को हड़पने का आरोप एमएलए अंबा प्रसाद, उनके पिता एक्स मिनिस्टर योगेंद्र साव व अन्य पर लगा था।उसी कंपलेन पत्र को बदलवाकर दोनों का नाम हटाते हुए अज्ञात के विरुद्ध दूसरा कंपलेन पत्र बना, जिसके आधार पर अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज हुई थी।
शशिभूषण के बयान से हुआ खुलासा
इस संदर्भ में ईडी ने तत्कालीन सीओ शशिभूषण सिंह से पूछताछ किया तो उन्होंने बताया कि उनके सीनीयर अफसरों ने एमएलए व एक्स मिनिस्टर का नाम हटाने का आदेश दिया था और अननोन पर एफआइआर दर्ज करने का आदेश दिया था, जिसके बाद ऐसा किया गया। अब ईडी उक्त जमीन से जुड़े सीनीयर अफसरों को समन कर पूछताछ के लिए बुलायेगी। तत्कालीन सीओ शशिभूषण, एक्स मिनिस्टर योगेंद्र साव, विधायक अंबा प्रसाद सहित कइयों से ईडी की पूछताछ हो चुकी है। ईडी की जांच में एमएलए अंबा प्रसाद व उनके पिता एक्स मिनिस्टर योगेंद्र साव की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं।खासमहाल की जमीन पर करवा दी गई थी बाउंड्रीवालहजारीबाग के हुरहुरू स्थित खासमहाल की सरकारी 25 डिसमिल जमीन को हड़पने के लिए उसपर बाउंड्रीवाल करवा दी गई थी। जांच में जमीन हड़पने का आरोप एक्स मिनिस्टर योगेंद्र साव व बड़कागांव की एमएलए अंबा प्रसाद पर लगा था। दरअसल 11 नवंबर, 2023 को उक्त जमीन पर मालिकाना हक को लेकर विवाद हो गया था। जांच के बाद तत्कालीन अंचलाधिकारी ने जमीन पर निर्माण कार्य पर रोक लगा दिया था और कागजातों की जांच के लिए 22 नवंबर की तिथि निर्धारित की थी। सुनवाई के पूर्व ही उक्त विवादित जमीन पर टीन के चदरे से चारदीवारी खड़ी कर दी गई थी।
कैंटोनमेंट मौजा में है जमीन
हजारीबाग के कैंटोनमेंट मौजा में 50 डिसमिल जमीन है। इसके आधे हिस्से में चारदीवारी निर्माण का कार्य किया जा रहा था, जिसपर विवाद हुआ था। सभी 50 डिसमिल जमीन के लिए प्रशासन ने लीजधारक अहसान अंसारी व एक्स मिनिस्टर योगेंद्र साव को नोटिस भेजा गया था।नोटिस में जमीन को खासमहाल की जमीन बताया गया था। विवाद सामने आने पर तत्कालीन सदर सीओ ने अपर समाहर्ता को अपनी जांच रिपोर्ट में बताया था कि उक्त भूमि खासमहाल लीज की भूमि है, जो लीजधारी मोहम्मद अहसान के नाम से 31 मार्च 2008 तक था।वर्तमान में लीज भूमि पर लीजधारी या उनके वंशज नहीं रहते हैं। उक्त जमीन को पूर्व मंत्री योगेंद्र साव ने पावर आफ अटार्नी के माध्यम से लिया था, जिसे गलत बताया गया है।