झारखंड: हाईकोर्ट ने छठी JPSC की मेरिट लिस्ट रद्द किया, 326 कैंडिडेट्स की नियुक्ति अवैध
झारखंड हाई कोर्ट ने छठी JPSC की मेरिट लिस्ट रद्द करते हुए 326 कैंडिडेट्स की नियुक्ति को अवैध करार दिया। हाई कोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की बेंच ने आठ सप्ताह में फ्रेस मेरिट लिस्ट निकालने का आदेश दिया है। मामले में जेपीएससी के अफसरों की जिम्मेदारी तय करने का निर्देश दिया है। .
रांची। झारखंड हाई कोर्ट ने छठी JPSC की मेरिट लिस्ट रद्द करते हुए 326 कैंडिडेट्स की नियुक्ति को अवैध करार दिया। हाई कोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की बेंच ने आठ सप्ताह में फ्रेस मेरिट लिस्ट निकालने का आदेश दिया है। मामले में जेपीएससी के अफसरों की जिम्मेदारी तय करने का निर्देश दिया है। .
हाइकोर्ट ने 11 फरवरी 2021 को अदालत ने सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट द्वारा 16 विभिन्न याचिकाओं पर तीन फरवरी से लगातार सुनवाई की जा रही थी। स्टेट गवर्नमेंट की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन व जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल ने पक्ष रखा था। उन्होंने प्रार्थियों की दलील का विरोध करते हुए अदालत को बताया था कि जेपीएससी ने विज्ञापन की शर्तों के अनुरूप छठी सिविल सेवा परीक्षा का रिजल्ट जारी किया था। इस रिजल्ट के आधार पर 326 कैंडिडेट को सफल घोषित किया गया। रिजल्ट प्रकाशित करने के बाद नियुक्ति के लिए राज्य सरकार को अनुशंसा भेजी गयी।
सुनवाई के दौरान प्रार्थियों का कहना था कि छठी जेपीएससी के रिजल्ट में काफी गड़बड़ियां हैं। क्वालिफाइंग पेपर का अंक जोड़कर जेपीएससी ने फाइनल रिजल्ट जारी किया, जो गलत है। रिजल्ट तैयार करने में और कई गड़बड़ी की गयी है। इस मामले में कोर्ट ने सफल अभ्यर्थियों को भी प्रतिवादी बनाया था। उल्लेखनीय है कि प्रार्थी राहुल कुमार, दिलीप कुमार सिंह, प्रकाश राम, अभिषेक मणि सिन्हा ,चंदन, वेद प्रकाश यादव, नीशु कुमारी, मुकेश कुमार, कुमार अविनाश, संजय कुमार महतो, पंकज कुमार, रूबी सिन्हा, सुमित कुमार महतो, रविकांत प्रसाद गौतम कुमार ने याचिका दायर कर छठी जेपीएससी रिजल्ट को चुनौती दी थी। उन्होंने रिजल्ट को निरस्त कर दोबारा नये सिरे से रिजल्ट प्रकाशित करने की मांग की थी।