झारखंड: IAS अफसर पूजा सिंघल के पास थे दो PAN नंबर, शादी के बाद हसबैंड के अकाउंट में आये करोड़ों रुपये
भ्र्ष्टाचार व मनी लॉड्रिंग के आरोप में सस्पेंड हो चुकी झारखंड की आइएसए अफसर पूजा सिंघल के बारे में ईडी ने कई चौकाने वाले खुलासा किया है। पूजा की बेल पिटीशन बहस के दौरान कोर्ट में ईडी के वकील ने पूजा की जमानत का विरोध करते हुए मनरेगा घोटाला व मनी लॉड्रिंग में संलिप्ता की जानकारी दी है।
- ED ने किया चौकाने वाला खुलासा
मनी लाउंड्रिंग में हसबैंड ने की मदद
रांची। भ्र्ष्टाचार व मनी लॉड्रिंग के आरोप में सस्पेंड हो चुकी झारखंड की आइएसए अफसर पूजा सिंघल के बारे में ईडी ने कई चौकाने वाले खुलासा किया है। पूजा की बेल पिटीशन बहस के दौरान कोर्ट में ईडी के वकील ने पूजा की जमानत का विरोध करते हुए मनरेगा घोटाला व मनी लॉड्रिंग में संलिप्ता की जानकारी दी है।
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ईडी के वकील ने कहा है कि मनरेगा घोटाले की जांच करने वाले खूंटी जिला पुलिस के अफसर ने बताया था कि तत्कालीन डीसी पूजा सिंघल के सरकारी धन के गबन में शामिल होने के सबूत थे। पुलिस ्फसर ने इन तथ्यों का जिक्र केस डायरी में भी किया था। लेकिन रहस्यमय परिस्थितियों में पूजा सिंघल की भूमिका की जांच नहीं की गई।रघुवर दास सरकार के दौरान एक विभागीय जांच में पूजा सिंघल को क्लीन चिट भी दे दी गई थी।
गबन से संबंधित कुल 16 FIR की गई थी दर्ज
मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में पूजा सिंघल को अरेस्ट करने वाले ईडी ने अपनी चार्जशीट में इस तथ्य का उल्लेख किया है। खुंटी तत्कालीन डीएसपी पतंजलि मिश्रा ने मनरेगा से जुड़े मामलों की जांच की थी. 18.06 करोड़ रुपये के संयुक्त गबन से संबंधित कुल 16 एफआइआर दर्ज की गई। पूजा सिंघल 16 फरवरी 2009 से 19 जुलाई 2010 की अवधि के दौरान खूंटी जिले की डीसी थी। वह विभिन्न विकास परियोजनाओं के लिए निधि की मंजूरी के लिए प्रमुख प्राधिकारी थीं।
कई बैंक अकाउंट्स में जमा रकम का इस्तेमाल करती थी पूजा
ईडी ने दावा किया है कि पूजा सिंघल को उक्त अवधि के दौरान विभिन्न बैंकों में कई अकाउंट्स में भारी मात्रा में कैश जमा करते हुए पाया गया था। वह अपने नाम से दो पैन नंबर यानी ARZPS2447R और AMQPS9964B रख रही थी। ईडी की जांच के दौरान यह पाया गया कि वह उन अकाउंट्स में कैश जमा करती थी। कैश को डिमांड ड्राफ्ट में परिवर्तित करती थी। इसे बाद लॉंग टर्म के लिए इंसोरेंस पॉलिसियां खरीदती थी। पॉलिसी को समय से पहले बंद कर देती थी। इससे आय का उपयोग कई निवेशों के लिए करती थी। पल्स सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल का स्वामित्व उनके और उनके परिवार के पास है। पूजा सिंघल और उनके हसबैंड इतनी बड़ी जमा राशि के स्रोत के बारे में नहीं बता सके।
बैंक अकाउंट्स में 1.43 करोड़ कैश जमा किया गया
ईडी ने कहा है कि पूजा सिंघल की शादी के बाद हसबैंड अभिषेक झा के बैंक अकाउंट्स में भारी राशि जमा हुई। पूजा की शादी 2011 में अभिषेक झा से हुई थी। जांच में यह पाया गया कि शादी के बाद अभिषेक झा के अकाउंट्स में पर्याप्त कैश जमा की गयी। यह पूजा सिंघल द्वारा खूंटी और पलामू की डीसी के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान गबन की आय का हिस्सा था। ईडी ने कहा है कि उनके बैंक अकाउंट्स में 1.43 करोड़ कैश जमा किया गया। लेकिन संबंधित वित्तीय वर्षों के लिए उनके आयकर रिटर्न में उच्च राशि के स्रोत को नहीं दर्शाया गया। अभिषेक झा ने स्वास्थ्य क्षेत्र में अपने खाते में जमा अपराध की आय को आगे बढ़ाया। उन्होंने मेसर्स उषा कंस्ट्रक्शन को आर्किड भवन की पहली मंजिल खरीदने के लिए 43 लाख रुपये का भुगतान किया।
गलत इनकम से से पल्स डायग्नोस्टिक सेंटर शुरू किया
अभिषेक झा ने बाद में पूजा सिंघल द्वारा उत्पन्न अपराध की आय की मदद से पल्स डायग्नोस्टिक एंड इमेजिंग सेंटर शुरू किया। ईडी ने दावा किया कि मेसर्स पल्स संजीवनी हेल्थकेयर प्रा. लिमिटेड का उपयोग अपराध की आय को वैध बनाने के लिए किया गया था। अभिषेक झा ने मनी लॉन्ड्रिंग में पूजा सिंघल की मदद की। उन्होंने खुद को छिपाने, कब्जे, अधिग्रहण, उपयोग, प्रक्षेपण और बेदाग धन का दावा करने में मदद की।
चार्टर्ड एकाउंटेंट सुमन ने की मनी लॉन्ड्रिंग में मदद
ईडी ने सीए सुमन कुमार सिंह के बारे में दावा किया है कि वह भी एक लाभार्थी था। पूजा सिंघल द्वारा प्राप्त क्लोजर आय के पैसे को राधेश्याम फायरवर्क्स एलएलपी के नाम से जमीन खरीदने के लिए निवेश किया गया था। इस कंपनी में पवन कुमार (सुमन कुमार सिंह के भाई) और पूजा सिंघल की मां कमलेश सिंघल पार्टनर थीं। इसके लिए 1.33 करोड़ रुपये की राशि कैश में दी गई थी, जो कि अपराध की आय का हिस्सा था। इसे सुमन कुमार सिंह ने पूजा सिंघल की ओर से एकत्र और जमा किया था। ईडी ने कहा है कि सुमन कुमार सिंह 2012 से पूजा सिंघल का आईटी रिटर्न दाखिल कर रहा है। उनके वित्त का प्रबंधन कर रहा है। सुमन मेसर्स पल्स संजीवनी हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड के लिए भी ऑडिटर था। वह कई व्यक्तियों और संस्थाओं से कैश के रूप में उसके निर्देश पर अपराध की आय एकत्र कर रहा था। उसने पूजा सिंघल की ओर से पंचवटी बिल्डर के आलोक सवारगी को पेमेंट किया, जिन्हें उसने पल्स हॉस्पिटल के लिए जमीन खरीदने के लिए तीन करोड़ रुपये दिए थे। सुमन ने विभिन्न संपत्तियों में अपराध की आय का निवेश किया।
रेड के दौरान नष्ट कर दिये कई डिजिटल एवीडेंस
ईडी ने कोर्ट में खुलासा किया है कि पूजा सिंघल के साथियों के खिलाफ सर्च के दौरान कई ऐसी घटनाएं सामने आईं, जहां आरोपियों ने डिजिटल उपकरणों में डाटा नष्ट कर दिया।