Jharkhand : 98 मामलों में था वांटेड था उग्रवादी पप्पू लोहरा, डिप्टी कमांडेंट की मर्डर में भी था आरोपित
झारखंड के लातेहार में शनिवार को पुलिस एनकाउंटर में मारा गया उग्रवादी संगठन झारखंड जन मुक्ति परिषद (जेजेएमपी) सुप्रीमो पप्पू लोहरा 98 मामलों में फरार चल रहा था।10 लाख का इनामी पप्पू लोहरा व पांच लाख का इनामी प्रभात गंझू सीआरपीएफ के डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार की मर्डर में भी शामिल था। पप्पू लोहरा पर लातेहार व पलामू जिले के अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में 98 मामले, जबकि प्रभात गंझु के खिलाफ 15 मामले दर्ज थे।

- कभी झारखंड पुलिस के साथ घूमता था 10 लाख इनामी पप्पू लोहरा
- बाद में पुलिस को ही देने लगा चुनौती
- सुरक्षा बलों के लिए बना सिरदर्द
रांची। झारखंड के लातेहार में शनिवार को पुलिस एनकाउंटर में मारा गया उग्रवादी संगठन झारखंड जन मुक्ति परिषद (जेजेएमपी) सुप्रीमो पप्पू लोहरा 98 मामलों में फरार चल रहा था।10 लाख का इनामी पप्पू लोहरा व पांच लाख का इनामी प्रभात गंझू सीआरपीएफ के डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार की मर्डर में भी शामिल था। पप्पू लोहरा पर लातेहार व पलामू जिले के अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में 98 मामले, जबकि प्रभात गंझु के खिलाफ 15 मामले दर्ज थे।
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जेजेएमपी सुप्रीमो पप्पू लोहरा कभी भाकपा माओवादी था। माओवादी संगठन में लेवी की राशि बंटवारे के विवाद में वह संगठन से भागा और सुरक्षा बलों के साथ मिलकर माओवादियों के विरुद्ध ही जंग छेड़ दी।पप्पू ने अपने कुछ अन्य साथियों के साथ मिलकर झारखंड जन मुक्ति परिषद (जेजेएमपी) नामक उग्रवादी संगठन खड़ा किया। बाद में यह चर्चा आम हो गयी थी कि यह माओवादियों के विरुद्ध पुलिस का खड़ा किया हुआ उग्रवादी संगठन है। उग्रवादी पप्पू लोहरा की मदद से सुरक्षा बलों को माओवादियों के विरुद्ध अभियान चलाने में बड़ी सफलताएं मिलीं।
वर्ष 2018 में पप्पू लोहरा की एके-47 राइफल के साथ व उसके साथी सुशील उरांव की लांचर के साथ फोटो वायरल हुआ था, जिसमें दोनों को कोबरा जवानों के साथ जंगल में माओवादियों के विरुद्ध अभियान चलाने का दावा किया गया था। धीरे-धीरे पप्पू लोहरा निरंकुश होता गया और उसने सुरक्षा बलों के खिलाफ जंग छेड़ दी। वह पुलिस के लिए सिरदर्द बन गया और पुलिस का दुश्मन बन बैठा। सितंबर 2021 में पप्पू लोहरा गुट से लातेहार जिले के सलैया में सुरक्षा बलों की एनकाउंटर हुई इसमें सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार शहीद हो गये थे।
बकोरिया एनकाउंटर में भी आया था पप्पू लोहरा के नेतृत्व वाली जेजेएमपी संगठन का नाम
लातेहार में मारा गया पप्पू लोहरा जिले के नोरी कोने गांव का निवासी है। बहुत कम उम्र में माओवादियों के कमांडर संजय यादव के साथ वह संगठन से जुड़ा। माओवादी संगठन में विवाद के बाद संजय यादव के नेतृत्व में ही वह जेजेएमपी संगठन बनाया। बीड़ी पत्ता कारोबारियों से लेवी के रुपयों के बंटवारे के विवाद में संजय यादव की हत्या कर पप्पू ही जेजेएमपी का सुप्रीमो बन गया था। विवाद के पीछे लेवी के 35 लाख रुपये के बंटवारे का विवाद था।आठ जून 2015 को पलामू के बकोरिया एनकाउंटर में जेजेएमपी का हाथ बताया गया था। यह भी सामने आया था कि पुलिस ने ही जेजेएमपी की मदद से बकोरिया में माओवादियों व निर्दोशों की मर्डर करायी थी। आरोप है कि बाद में पप्पू लोहरा ने लेवी-रंगदारी से करोड़ों रुपये की चल-अचल संपत्ति अर्जित की थी।
सीआरपीएफ टीम के साथ उग्रवादी पप्पू लोहरा का फोटो हुआ था वायरल
16 दिसंबर 2018 को जंगल की एक फोटो वायरल हुआ था, जंगल में सीआरपीएफ के अफसर व जवानों के साथ जेजेएमपी का वह उग्रवादी पप्पू लोहरा व सुशील उरांव भी था। एक तथ्य यह भी था कि पप्पू लोहरा पर तब भी 10 लाख इनाम था। उस वक्त सुशील उरांव पर भी 05 लाख रुपये के इनाम की घोषणा झारखंड पुलिस कर रखी है। फोटो सामने आने के बाद पुलिस हेडक्वार्टर के अफसरों व सीआरपीएफ के अफसरों ने कहा था की जांच होगी। जांच हुई या नहीं. जांच हुई तो क्या कार्रवाई हुई, इसकी जानकारी अब तक सार्वजनिक नहीं हो पायी है।
जेजेएमपी उग्रवादी संगठन के साथ एनकाउंटर में शहीद हुए थे डिप्टी कमांडेंट
लातेहार जिले के सलैया जंगल में 28 सितंबर 2021 को सुरक्षाबलों की जेजेएमपी के उग्रवादियों के साथ एनकाउंटर हुई। इसमें एक नक्सली मारा गया था। इसमें बीएसएफ के डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार शहीद हो गये थे। वह झारखंड जगुआर में प्रतिनियुक्ति सेवा दे रहे थे। झारखंड के इतिहास में यह पहली घटना है. जब जेजेएमपी उग्रवादी संगठन के साथ हुए एनकाउंटर में झारखंड पुलिस के जवान शहीद हुए थे। वह एनकाउंटर भी जेजेएमपी के पप्पू लोहरा के दस्ते के साथ हुई थी। इससे पहले लोहरदगा जिला में 18 जुलाई 2019 को एनकाउंटर जेजेएमपी के तीन उग्रवादी मारे गये थे।
98 मामलों में था फरार था पप्पू लोहरा
पप्पू लोहरा पर लातेहार व पलामू जिले के अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में 98 मामले, जबकि प्रभात गंझु के खिलाफ 15 मामले दर्ज थे। उग्रवादी पप्पू लोहरा वर्ष 2009-10 से जेजेएमपी संगठन से जुड़ा। इसके बाद वो लातेहार जिला सहित निकटवर्ती जिलों में अपना आतंक फैलाकर लेवी वसूलना और विकास कार्यों में बाधक बनना और आम जनता का भयादोहन कर नुकसान पहुंचाना उसका काम था। कई जघन्य घटनाओं को अपने समर्थकों के साथ अंजाम दिया था।
सात अक्टूबर 2024: लातेहार पुलिस स्टेशन एरिया के बोकाखांड और ओरवाई बस्ती के बीच में जेजेएमपी के पप्पू लोहरा और झारखंड जगुआर के बीच एनकाउंटर में दो जवान घायल हुए थे।
12 मार्च 2021: लातेहार पुलिस स्टेशन एरिया के बरैनी गांव के पास जेजेएमपी के नक्सली द्वारा विशुनदेव सिंह की गोली मार कर मर्डरकर दी गयी थी।
11 जुलाई 2019: रात्रि में पप्पू लोहरा और दस्ते के सदस्यों ने टोरी रेलवे कोल साइडिंग में खड़े हाइवा, ट्रक, पॉकलेन, जेसीबी मशीन को आग लगाकर क्षतिग्रस्त कर दिया था।
सात दिसंबर 2018: लातेहार के मनिका से कुमण्डीह मार्ग पर पुल निर्माण में लगे मुंशी की जेजेएमपी सुप्रीमो पप्पू लोहरा और उसके दस्ते ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
18 मई 2020: जेजेएमपी सुप्रीमो नक्सली पप्पू लोहरा और उसके सदस्यों ने एक आम नागरिक उमेश प्रसाद की तेज धारदार हथियार से मर्डर कर बॉडी को रांची-डालटनगंज रोड पर देववार मोड़ के पास फेंक दिया था।
21 जुलाई 2020: पप्पू लोहरा और उसके सदस्यों ने एक आम नागरिक कल्टु उरांव की घर से जंगल में ले जाकर मर्डर कर बॉडी को गांव के समीप सड़क पर फेंक दिया था।
17 नवम्बर 2020: लातेहार के नावाडीह के समीप जंगल में पप्पू लोहरा और उसके सदस्यों द्वारा आम नागरिक चंदन तुरी और सोनू तुरी को गोली मार कर घायल कर दिया था। चंदन तुरी की इलाज के दौरान मौत हो गयी थी।