Jharkhand : Ranchi Land Scam Case में प्रेम प्रकाश भी हुआ अरेस्ट,IAS छवि रंजन सहित 13 पर ED का शिकंजा
झारखंड की राजधानी रांची में जमीन घोटाला केस में ईडी ने शुक्रवार को सत्ता के दलाल प्रेम प्रकाश को अरेस्ट किया है। ईडी ने उसे कोर्ट में पेशी के बाद ईडी को पांच दिनों तक पूछताछ के लिए अनुमति मिली। जमीन घोटाला केस में प्रेम प्रकाश 14वीं अरेस्टिंग है।
- स्टेट के राजनेताओं व ब्यूरोक्रैट्स का करीबी है प्रेम प्रकाश
- सत्ता का दलाल प्रेम प्रकाश को ईडी ने साहिबगंज में 1000 करोड़ के इलिगल माइनिंग केस में है आरोपी
- ईडी ने पीपी वर्ष 2022 को 25 अगस्त को अरेस्ट कर भेजा था जेल
- प्रेम प्रकाश को लेकर यह जमीन घोटाले की 14वीं अरेस्टिंग
रांची। झारखंड की राजधानी रांची में जमीन घोटाला केस में ईडी ने शुक्रवार को सत्ता के दलाल प्रेम प्रकाश को अरेस्ट किया है। ईडी ने उसे कोर्ट में पेशी के बाद ईडी को पांच दिनों तक पूछताछ के लिए अनुमति मिली। जमीन घोटाला केस में प्रेम प्रकाश 14वीं अरेस्टिंग है।
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ईडी ने सीएम को 14 अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाया
प्रेम प्रकाश को राजनेताओं व ब्यूरोक्रैट्स का करीबी बताया जाता है। प्रेम प्रकाश को ईडी ने साहिबगंज में 1000 करोड़ के इलिगल स्टोन माइनिंग केस में वर्ष 2022 की 25 अगस्त को अरेस्ट कर जेल भेजा था। प्रेम प्रकाश रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में पिछले एक साल से बंद है। प्रेम प्रकाश के साथ उसका खास सहयोगी कोलकाता का बिजनसमैनअमित अग्रवाल भी इसी मामले में जेल में बंद है। इसी मामले में ईडी ने समन कर आगामी 14 अगस्त को सीएम हेमंत सोरेन को पूछताछ के लिए बुलाया है।
फर्जी कागजातों से जमीन की अवैध बिक्री
ईडी ने जमीन घोटाला केस में गत तीन व चार अगस्त को जेल में ही प्रेम प्रकाश का बयान लिया था। ईडी को शक है कि फर्जी कागजातों के माध्यम से करोड़ों की जमीन की अवैध तरीके से खरीद-बिक्री में प्रेम प्रकाश भी शामिल था। रांची के चेशायर होम रोड की एक एकड़ जमीन की फर्जी तरीके से खरीद-बिक्री मामले में ईडी ने जब छानबीन की, तो पता चला कि गलत कागजात के आधार पर प्रेम प्रकाश ने उक्त जमीन को अपने करीबी पुनीत भार्गव के नाम पर कराया था। इसके बाद पुनीत भार्गव से उस जमीन को विष्णु अग्रवाल व उसकी वाइफ अनुश्री अग्रवाल के नाम पर बेचवाया। इसके एवज में उसे डेढ़ करोड़ रुपये मिले थे।
जमीन घोटाले में अब तक कौन-कौन हो चुके हैं अरेस्ट
14 अप्रैल: प्रदीप बागची, अफसर अली उर्फ अफ्सू खान, सद्दाम हुसैन, इम्तियाज अहमद, तल्हा खान, फैयाज खान व भानु प्रताप प्रसाद।
चार मई: रांची के पूर्व उपायुक्त निलंबित आइएएस छवि रंजन।
सात जून: दिलीप कुमार घोष व अमित कुमार अग्रवाल।
तीन जुलाई: भरत प्रसाद व राजेश राय।
31 जुलाई: विष्णु अग्रवाल।
11 अगस्त 2023: प्रेम प्रकाश।
इलिगल माइनिंग में भी मास्टरमाइंड रहा है प्रेम प्रकाश
राजनेताओं व ब्यूरोक्रैट्स का करीबी प्रेम प्रकाश वर्ष 2022 की 25 अगस्त को अरेस्ट हुआ था। वह इलिगल माइनिंग का मास्टरमाइंड रहा है। साहिबगंज में स्टोन ढुलाई करने वाली कंपनी सीटीएस इंडस्ट्रीज लिमिटेड का डायरेक्टर संजय चौधरी प्रेम प्रकाश का करीबी था। संजय चौधरी की कंपनी ने बिना ट्रांसपोर्ट व माइनिंग के लगभग100 करोड़ के इलिगल स्टोन का ट्रांसपोर्टिंग करवाया था। इलिगल माइनिंग में प्रेम प्रकाश व पंकज मिश्रा ने मिलकर मोटी रकम की उगाही की थी। प्रेम प्रकाश ने इलिगल माइनिंग की रकम को अपनी कंपनियों में जमा किया। उसने 26 अगस्त 2020 से आठ जनवरी 2021 के बीच अपने पंजाब नेशनल बैंक के अकाउंट से कोलकाता के व्यवसायी अमित अग्रवाल मेसर्स अरोड़ा स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड के अकाउंट में भी रुपये ट्रांसफर किया। अमित अग्रवाल भी जमीन घोटाले में जेल में बंद है। ईडी को प्रेम प्रकाश के ठिकानों से छापेमारी में दो एके-47 व विदेशी कछुआ भी मिला था। दोनों एके-47 सीएम आवास की सिक्युरिटी में तैनात रांची पुलिस के दो जवानों के थे, जिन्हें प्रेम प्रकाश ने अवैध तरीके से अपने बॉडीगार्ड के रूप में रखा था। हालांकि, रांची पुलिस ने प्रेम प्रकाश को बॉडीगाार्ड दिए जाने संबंधित तथ्य से इंकार किया था। दोनों जवानों को सस्पेंड कर दिया था।
रवि केजरीवाल ने प्रेम प्रकाश को बताया था सीएम का करीबी
ईडी ने इलिगल माइनिंग केस में दाखिल चार्जशीट में यह उल्लेख किया था कि झारखंड मुक्ति मोर्चा से निष्कासित पूर्व कोषाध्यक्ष रवि केजरीवाल ने अपने बयान में प्रेम प्रकाश को सीएम का करीबी बताया था। रवि केजरीवाल ने बताया था कि एक दिन वह सीएम हेमंत सोरेन के साथ उनके ऑफिस में बैठा था। वहां हेमंत सोरेन ने पंकज मिश्रा को सीधे तौर पर निर्देशित किया था कि संताल के क्षेत्रों में स्टोन व बालू माइनिंग से आने वाले रुपयों को वह प्रेम प्रकाश को दे। इसके बाद यह तय हुआ कि उक्त राशि लेने के बाद प्रेम प्रकाश उसे बिजनसमैन अमित अग्रवाल को देगा।पंकज मिश्रा सीएम का विधायक प्रतिनिधि हैं, जिन्हें ईडी ने पिछले साल ईडी ने इलिगल माइनिंग केस में अरेस्ट किया था। इलिगल माइनिंग केस में प्रेम प्रकाश, पंकज मिश्रा जबकि जमीन घोटाले में अमित अग्रवाल की पहले ही अरेस्टिंग हो चुकी है। ईडी की चार्जशीट के अनुसार प्रेम प्रकाश ने सीएम व अमित अग्रवाल के करीबी होने का लाभ उठाया था।
CM हेमंत सोरेन को ईडी ने जारी किया नोटिस, जमीन घोटाले में 14 अगस्त को होगी पूछताछ
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को ईडी ने नोटिस जारी किया है। जमीन घोटाले के सिलसिले में ईडी उनसे पूछताछ करेगी। ईडी ने सीएम को 14 अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाया है। ईडी ने हेमंत सोरेन को केस संख्या 25/23 के सिलसिले में तलब किया है।जानकार सोर्सेज का कहना है कि न्यूक्लियस मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल और बड़गाईं अंचल के राजस्व उपनिरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद से पूछताछ में मिली जानकारी के बाद सीएम को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। बरियातू की एक जमीन के सिलसिले में सीएम से पूछताछ हो सकती है। सोर्सेज का कहना है कि जमीन घोटाला मामले में सोरेन फैमिली की संलिप्तता की बात कही जा रही है। इसके बाद ईडी ने सीएम हेमंत सोरेन को केस संख्या 25/23 के सिलसिले में पूछताछ के लिए 14 अगस्त को तलब किया है।
जमीन घोटाले में अब तक 14 लोगों को किया जा चुका है अरेस्ट
झारखंड भूमि घोटाला मामले में अब तक ईडी ने रांची के एक्स डीसी IASछवि रंजन, कोलकाता के बिजनसमैन अमित अग्रवाल, न्यूक्लियस मॉल के मालिक और बिजनसमैन बिष्णु अग्रवाल और बड़गाई अंचल सीओ भानुप्रसाद सहित कुल 13 लोगों को अरेस्ट किया है। इस केस में पूर्व से ही खनन घोटाला केस में जेल मेंबंद लाइजनर प्रेम प्रकाश से भी पूछताछ की जा चुकी है। बिष्णु अग्रवाल की रिमांड भी 11 अगस्त तक के लिए बढ़ाई गई है। बड़गाई अंचल सीओ नेहाल ही में पूछताछ के दौरान ईडी के समक्ष कुछ बड़े अफसरों और राजनेताओं का नाम लिया था।
फर्जी कागजातों पर जमीन की खरीद-बिक्री
ईडी ने रांची के चेशायर होम रोड स्थित एक एकड़ और आर्मी के कब्जेवाली 4.55 एकड़ जमीन की फर्जी दस्तावेजों के सहारे खरीद-बिक्री मामले में 13 अप्रैल
को रांची, जमशेदपुर, सिमडेगा, हजारीबाग और बिहार तथा पश्चिम बंगाल के कुल 24 ठिकानों पर रेड मारा था। रेड में भानुप्रताप प्रसाद के घर से सरकारी जमीन के दर्जनों कागजात मिले थे। इस केस में चार मई को रांची के एक्स डीसी छवि रंजन की गिरफ्तारी हुई थी। इस केस की जांच कर रही ईडी बारी-बारी से सभी आरोपियों से पूछताछ कर रही है। ईडी नेअपनी जांच में पाया कि रांची के एक्स डीसी छवि रंजन, लाइजनर प्रेम प्रकाश, बिजनसमैन बिष्णुअग्रवाल और अमित अग्रवाल सहित अन्य लोगों की मिलीभगत से करोड़ों की जमीन की फर्जी कागजातों के आधार पर खरीद-बिक्री की गई। पुगडू और नामकुम में भी जमीन की अवैध दस्तावेजों के सहारे खरीद-बिक्री की गई।
जमीन घोटाले में अब तक ये आरोपी हो चुके हैं अरेस्ट
जमीन घोटाले में ईडी ने रांची के एक्स डीसी आईएएस छवि रंजन, बड़ागाईं अंचल के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद, सेना के कब्जे वाली जमीन के फर्जी रैयत प्रदीप बागची, जमीन कारोबारी अफसर अली, इम्तियाज खान, तल्हा खान, फैयाज खान व मोहम्मद सद्दाम को अरेस्ट कर जेल भेज चुकी है। कोलकाता के बिजनसमैन अमित अग्रवाल और दिलीप घोष को सात जून को ईडी ने अरेस्ट किया था। ईडी ने तीन जुलाई को भरत प्रसाद व राजेश राय को अरेस्ट किया। ईडी ने 31 जुलाईको 13 वें आरोपी के रूप में विष्णु अग्रवाल को अरेस्ट कर लिया। रांची में जालसाज गैंग के सरगना अफसर अली उर्फ अफसू खान के घर से इडी द्वारा जब्त सभी 36 सेल डीड फर्जी पाये गये हैं। जालसाजों द्वारा सेल डीड में निहित 100 एकड़ से ज्यादा जमीन की सेल की जा चुकी है। इडी द्वारा भेजे गये सेल डीड की जांच के बाद कोलकाता रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस ने 30 जून को हेयर स्टीट पुलिस स्टेशन में अननोन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। दस्तावेज में जालसाजी करने के मामले में कोलकाता में दर्ज करायी गयी यह दूसरी एफआइआर है।
कब-कब कौन-कौन हो चुके हैं अरेस्ट
14 अप्रैल: प्रदीप बागची, अफसर अली उर्फ अफ्सू खान, सद्दाम हुसैन, इम्तियाज अहमद, तल्हा खान, फैयाज खान व भानु प्रताप प्रसाद।
सातमई: रांची के एक्स डीसी सस्पेंड आइएएस छवि रंजन।
सात जून: दिलीप कुमार घोष व अमित कुमार अग्रवाल।
तीन जुलाई: भरत प्रसाद व राजेश राय।
31 जुलाई: विष्णु अग्रवाल।
11 जुलाई: प्रेम प्रकाश
रैयत और डीड दोनों फर्जी, पेमेंट का भी प्रमाण नहीं
ईडी को पूर्व में इन्विस्टीगेशन के दौरान यह जानकारी मिल चुकी है कि भूमि घोटाले के जालसाजों के सिंडिकेट में राजेश राय व भरत प्रसाद अहम हिस्सा रहे हैं। रांची के सदर थाना क्षेत्र में गाड़ी मौजा स्थित चेशायर होम रोड की विवादित एक एकड़ जमीन का रैयत फर्जी, डीड भी फर्जी और भुगतान का भी प्रमाण नहीं मिला। कोर्ट के आदेश के बाद सदर थाने में इस मामले आठ सितंबर 2022 को एफआइआर दर्ज की गई थी। भूमि घोटाले में दर्ज ईसीआईआर में ईडी ने उक्त केस को भी जोड़ दिया है। छानबीन में पता चला कि राजेश राय और भरत प्रसाद ने गलत तरीके से चेशायर होम रोड की उक्त एकड़ जमीन पर कब्जा किया। उक्त जमीन का खाता नंबर 37 व प्लॉट नंबर 28 है। राजेश राय ने अपने सहयोगियों की मदद से एक फर्जी डीड 184/1948 बनाया और उसका पावर आफ अटार्नी गलत तरीके से इम्तियाज अहमद व भरत प्रसाद को दे दिया। राजेश राय से पावर आफ अटार्नी लेने के बाद इम्तियाज अहमद व भरत प्रसाद ने उक्त जमीन को पुनीत भार्गव नामक व्यक्ति को बेच दिया। एक अन्य आरोपित लखन सिंह ने भी स्वीकार किया है कि छह फरवरी 2021 को पुनीत भार्गव के पक्ष में डीड बना था। डीड में एक करोड़ 78 लाख 55 हजार 800 रुपये में बेचे जाने का जिक्र है। इसमें केवल 25 लाख रुपये ही पुनीत भार्गव ने अपनी कंपनी शिवा फेबकान के खाते से भुगतान किया था। शेष राशि को गलत तरीके से डीड में दिखाया गया है। पुनीत भार्गव ने उक्त जमीन को खरीदने के दो महीने के बाद ही विष्णु अग्रवाल को 1.80 करोड़ रुपये में बेच दी थी। विष्णु अग्रवाल ने एक अप्रैल 2021 को दो सेल डीड से उक्त जमीन खरीदी थी। ईडी ने गत 14 अप्रैल को इम्तियाज अहमद को भूमि घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था। उस समय से ही वह जेल में है। पुनीत भार्गव प्रेम प्रकाश का खास सहयोगी है। प्रेम प्रकाश नेताओं व नौकरशाहों का करीबी है, जिसे ईडी ने गत वर्ष अवैध पत्थर खनन मामले में अरेस्ट किया था। वर्तमान में प्रेम प्रकाश जेल में बंद है।
जमीन घोटाला मामले में कार्रवाई की टाइम लाइन
तीन नवंबर 2022: अमित अग्रवाल व विष्णु अग्रवाल के ठिकानों पर ईडी का रेड।
13 अप्रैल: आईएएस छवि रंजन समेत 18 लोगों के 21 ठिकाने पर ईडी का रेड।
14 अप्रैल: सात लोगों को गिरफ्तार किया गया।
26 अप्रैल: रांची और जमशेदपुर के छह ठिकानों पर ईडी का रेड।
एक मई: रांची सदर रजिस्ट्रार वैभव मनी त्रिपाठी से ईडी ने की पूछताछ।
दो मई: एडिशनल रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस कोलकाता त्रिदीप मिश्रा से ईडी ने की पूछताछ।
दो मई: जगत बंधु टी-स्टेट के दिलीप घोष सहित 4 को ईडी का समन।
चार मई: रांची के एक्स डीसी आइएएस छवि रंजन को अरेस्ट किया।
आठ मई: व्यवसायी विष्णु अग्रवाल से पहुंचे ईडी ऑफिस
सात जून: अमित अग्रवाल और दिलीप घोष अरेस्ट।
12 जून: 10 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट
30 जून: फर्जी डीड मामले में कोलकाता में एफआइआर
तीन जुलाई: भरत प्रसाद व राजेश राय अरेस्ट
31 जुलाई: विष्णु अग्रवाल अरेस्ट
11 जुलाई: प्रेम प्रकाश अरेस्ट
कमिश्नर की जांच रिपोर्ट में हुआ था फर्जीवाड़ा का खुलासा
रांची कमिश्नर की जांच रिपोर्ट में बरियातू स्थित आर्मी के 4.55 एकड़ कब्जे वाली जमीन की अवैध तरीके से खरीद-बिक्री मामले में फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ था। उक्त रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि प्रदीप बागची नामक व्यक्ति ने फर्जी रैयत बनकर जगत बंधु टी इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर दिलीप कुमार घोष को उक्त जमीन बेच डाली थी। जमीन की खरीद-बिक्री के लिए रजिस्ट्री में प्रदीप बागची ने जिन होल्डिंग नंबर से संबंधित दो अलग-अलग कागजातों को लगाया था, वह जांच में फर्जी मिले थे।
बरियातू पुलिस स्टेशन में दर्ज हुई थी एफआइआर
इसके बाद रांची नगर निगम की ओर से भी बरियातू पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज कराई गई थी।रांची नगर निगम के कर टैक्स कलेक्टर दिलीप शर्मा ने नगर आयुक्त के आदेश पर जून 2022 में प्रदीप बागची के खिलाफ जालसाजी के मामले में एफआइआ दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि प्रदीप बागची ने फर्जी आधार कार्ड, फर्जी बिजली बिल, फर्जी पोजेशन लेटर दिखाकर दो-दो होल्डिंग ले लिया था।कमिश्नर की जांच आर्मी के कब्जे वाले जमीन का असली रैयत जयंत करनाड मिला था। ईडी ने इस पूरे मामले में मनी लांड्रिंग के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू किया था।
कोर्ट ने पुलिस को आरोपियों पर FIR करने का दिया था आदेश
मामला सामने आने के बाद रांची के सिविल कोर्ट ने बरियातू पुलिस को रांची के दो रजिस्ट्रार घासी राम पिंगुआ व वैभव मणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त मुकेश कुमार, बड़गाईं के अंचलाधिकारी मनोज कुमार, फर्जी रैयत प्रदीप बागची, खरीदार जगतबंधु टी-इस्टेट के निदेशक दिलीप कुमार घोष, जयप्रकाश नारायण सिन्हा, मेसर्स गोयल बिल्डर्स अपर बाजार के निदेशक, मोहम्मद जैकुल्लाह और मानवेंद्र प्रसाद पर एफआइआर दर्ज करने का आदेश दिया था।आरोपियों पर जान बूझकर फर्जीवाड़ा कर दूसरे की जमीन की खरीद-बिक्री का आरोप है। दिलीप कुमार घोष ने सात करोड़ रुपये में प्रदीप बागची नामक कथित रैयत से सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन खरीदी थी।
जमीन की डीड पर भी रजिस्ट्रार ने लिख दिया था डीसी के आदेश से हो रही है रजिस्ट्री
आर्मी के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन और चेशायर होम रोड स्थित एक एकड़ जमीन की रजिस्ट्री मामले में ईडी की जांच में बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हो चुका है। आर्मी के कब्जे वाली जमीन को फर्जी रैयत बनकर प्रदीप बागची ने 2021 में जगतबंधु टी इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर दिलीप घोष को रजिस्ट्री कराई थी। प्रदीप बागची ने बंगाल के जिस रजिस्टर्ड डीड के आधार पर जमीन बेची थी, उसमें प्रदीप बागची के पूर्वज ने 1932 में जिससे जमीन खरीदी थी, उसका नाम ही नहीं था। यह देखकर तत्कालीन रजिस्ट्रार घासीराम पिंगुआ ने आपत्ति जताई थी। इसके बाद डीसी के आदेश पर बड़गाईं के तत्कालीन सीओ की अनुशंसा के बाद उक्त जमीन की रजिस्ट्री हुई थी।
13 अप्रैल को हुई थी छवि रंजन से जुड़े ठिकानों पर रेड
रांची जमीन घोटाले में ईडी ने विगत 13 अप्रैल को आइएएस अफसर छवि रंजन सहित 18 लोगों से जुड़े 22 ठिकानों पर एक साथ रेड की थी। इस रेड में ईडी को बड़गाई के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद के आवास भारी मात्रा में डीड मिले थे। वहीं कुछ जमीन माफिया के यहां से फर्जी डीड बनाने के स्टांप आदि मिले थे। उक्त रेड में छवि रंजन का मोबाइल भी ईडी ने बरामद किया था, जिसमें ईडी के संभावित प्रश्न व उसके तैयार उत्तर भी थे। इससे यह स्पष्ट हो गया था कि छवि रंजन को यह आशंका पहले से थी कि ईडी किसी भी दिन उनके आवास पर दस्तक दे सकती है। ऐसा ही हुआ भी।
यह है आर्मी के कब्जे वाली जमीन का मामला
रांची के बरियातू पुलिस स्टेशन एरिया में मोरहाबादी मौजा में आर्मी के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन के फर्जी रैयत प्रदीप बागची ने मूल दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर जगत बंधु टी इस्टेट के मालिक दिलीप घोष को बेच दी थी। इसके लिए रांची नगर निगम से जाली कागजात के आधार पर दो होल्डिंग भी ले रखा था। प्रदीप बागची ने इसके लिए जो दस्तावेज प्रस्तुत किया था, उसके अनुसार उक्त जमीन उसके पूर्वज ने 1932 में रैयतों से खरीदी थी। इसकी रजिस्ट्री कोलकाता रजिस्ट्री ऑफिस में हुई थी। पिछले साल इस मामले में दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के आयुक्त ने पूरे मामले की जांच कराई थी तब इसका खुलासा हुआ था। आयुक्त की जांच में जमीन का असली मालिक जयंत कर्नाड हैं। फर्जी दस्तावेज पर होल्डिंग लेने के मामले में प्रदीप बागची पर रांची नगर निगम ने बरियातू पुलिस स्टेशन में पिछले वर्ष एफआइआर भी दर्ज कराई थी। इसके आधार पर ही ईडी ने ईसीआइआर दर्ज की थी।
विष्णु अग्रवाल व अन्य ने मिलकर चेशायर होम रोड में एक एकड़ जमीन के कागजात में फेरबदल किया
ईडी ने रांची के सदर पुलिस स्टेशन एरिया चेशायर होम रोड की एक एकड़ जमीन मामले में जांच की तो यहां भी इसी तरह का फर्जीवाड़ा उजागर हुआ। रिपोर्ट के अनुसार, इस जमीन को रियल इस्टेट कंपनी के संचालक विष्णु अग्रवाल व अन्य ने मिलकर जाली कागजात के आधार पर खरीद-बिक्री की है। शिकायतकर्ता उक्त जमीन के मालिक होने का दावा करने वाले उमेश कुमार गोप ने रांची के न्यूक्लियस माल के मालिक विष्णु अग्रवाल के अलावा पुनीत भार्गव, भरत प्रसाद, राजेश राय, लखन सिंह और इम्तियाज अहमद के खिलाफ सदर पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज कराई थी। पुनीत भार्गव इलिगल स्टोन माइनिंग मामले में पूर्व में अरेस्ट प्रेम प्रकाश का करीबी बताया जाता है। इस मामले में रांची के सदर पुलिस स्टेशन की पुलिस ने अधूरी रिपोर्ट के साथ सिर्फ इसे जमीन विवाद बताते हुए कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट भी दे दिया है। जबकि ईडी ने जालसाजी के बड़े मामले को उजागर किया है।