Jharkhand: सब इंस्पेक्टर मनोज कच्छप डिसमिस, PLFI को दे रहा था पुलिस की गतिविधियों की सूचना
झारखंड के नक्सल प्रभावित खूंटी जिला बल में तैनात सब इंस्पेक्टर मनोज कच्छप (2018 बैच) को नौकरी से डिसमिस कर दिया गया है। मनोज पर 25 लाख के इनामी PLFI सुप्रीमो दिनेश गोप से सांठगांठ और पुलिस गतिविधि की सूचना देने के आरोप है।
रांची। झारखंड के नक्सल प्रभावित खूंटी जिला बल में तैनात सब इंस्पेक्टर मनोज कच्छप (2018 बैच) को नौकरी से डिसमिस कर दिया गया है। मनोज पर 25 लाख के इनामी PLFI सुप्रीमो दिनेश गोप से सांठगांठ और पुलिस गतिविधि की सूचना देने के आरोप है।
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खूंटी एसपी की अनुशंसा पर रांची डीआईजी ने सब इंस्पेक्टर मनोज कच्छप को डिसमिस किये जाने संबंधी आदेश जारी कर दिया है। आरोपी सब- इंस्पेक्टर मनोज कच्छप खूंटी जिला बल पोस्टड था। मनोज कच्छप के खिलाफ पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप से सांठगांठ रखने पुलिस की गतिविधियों की सूचना देने का एवीडेंस मिला है। डिपार्टमेंटल रिपोर्ट के अनुसार ऐसी परिस्थिति में आरोपी सब इंस्पेक्टर मनोज कच्छप के विभाग में बने रहने से सुरक्षा के दृष्टिकोण से पुलिस के लिये घातक है। इससे ऑपरेशन में जाने वाले पुलिसकर्मियों के जान माल का भारी क्षति होने से इंकार नही किया जा सकता है।
आरोपी द्वारा इस प्रकार का किया गया कार्य इनकी कर्तव्यहीनता, निष्ठाहीनता, आचरणहीनता पुलिस विभाग के साथ धोखेबाजी एवं एक अयोग्य पुलिस अफसर का द्योतक है। आरोपी एक अनुशासनिक विभाग के पदाधिकारी रहने के बाबजूद विभाग के स्थापित मर्यादा के प्रतिकूल आचरण किया गया है। इससे विभाग शर्मसार हुआ है। आरोपी के इस कुकृत्य से विभाग की छवि धुमिल हुई है।पीएलएफआई के विरुद्ध अभियान में जाने वाले पुलिसकर्मियों का मनोबल गिरा है। आम जनमानस में पुलिस के प्रति अविश्वास की भावना उत्पन्न हुई है। यह आचरण आरोपी के कर्तव्य के प्रति घोर अनुशासनहीनता, कर्तव्यहीनता, स्वेच्छाचारिता, आचरणहीनता पुलिस विभाग के साथ धोखाबजी एवं एक अक्षम पुलिस पदाधिकारी होने का परिचय देता है। एक अयोग्य पुलिस पदाधिकारी का विभाग में बने रहना सर्वथा अनुचित है। विभागीय कार्यवाही में लगाये गये आरोप के लिये आरोपी सब इंस्पेक्टर मनोज कच्छप को दोषी पाकर तत्काल प्रभाव से सेवा से डिसमिस किया जाता है।