Jharkhand : नियोजन नीति के खिलाफ झारखंड बंद, सड़क पर उतरे छात्र, जाम, नहीं चील वाहनें
हेमंत सोरेन गवर्नमेंट की नियोजन नीति में 60/40 के विरोध में आदिवासी छात्र संगठन, झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन समेत विभिन्न छात्र संगठनों की ओर से से बुधवार को झारखंड बंद बुलाया गया है। झारखंड के विभिन्न जिलों में सुबह से ही बंद समर्थक सड़क पर उतरे और दुकानें बंद कराई।
रांची। हेमंत सोरेन गवर्नमेंट की नियोजन नीति में 60/40 के विरोध में आदिवासी छात्र संगठन, झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन समेत विभिन्न छात्र संगठनों की ओर से से बुधवार को झारखंड बंद बुलाया गया है। झारखंड के विभिन्न जिलों में सुबह से ही बंद समर्थक सड़क पर उतरे और दुकानें बंद कराई।
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राजधानी रांची में अहले सुबह छह बजे से ही बंद समर्थक मोरहाबादी मैदान पहुंचे और सब्जी मंडी को बंद करवाने लगे। पुलिस ने उन्हें वहां से खदेड़ दिया। बंद के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गयेहै। पुलिस अलर्ट मोड में है। रांची में अल्बर्ट एक्का चौक, बिरसा चौक, हरमू, कांके रोड सहित महत्वपूर्ण इलाकों में
झारखंड की उपराजधानी दुमका में बंद का जबरदस्त असर देखने को मिल रहा है। छात्र समन्वय समिति के नेतृत्व में दुमका के मुख्य चौक चौराहों एवं रोड पर तेज गर्मी व धूप की परवाह किये बगैर सुबह से ही पारंपरिक हथियारों के साथ सैकड़ो की संख्या में छात्र उतर चुके है। सड़क जाम करने के साथ आवागमन को पूरी तरह ठप करा दिया है। वाहनों की लंबी कतारें लग गयी है। दुमका में सभी दुकानें और प्रतिष्ठानें स्वतः स्फूर्त बंद है। बस स्टैंड में सन्नाटा पसरा हुआ है। यात्री परेशान है। एहतियात के तौर पर जगह जगह पर मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में पुलिस बल तैनात किये गये है।
छात्र सरकार के उस नियोजन नीति का विरोध कर रहे हैं जिसमें 60/40 के तहत नियोजन का प्रावधान किया गया है। छात्रों की मांग है कि 1932 के आधार पर नियोजन नीति बनाई जाए।नियोजन नीति में 60/40 के खिलाफ और 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नियोजन नीति की मांग को लेकर बुधवार को अलग अलग छात्र संगठनों ने धनबाद की सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन किया।
छात्र संगठनों ने कई जगहों पर बांस-बल्ली तो कही सड़को पर टायर जलाकर सड़क मार्ग को अवरुद्ध कर दिया। बंद का ज्यादा असर धनबाद-रांची मुख्य मार्ग पर देखने को मिला। धनबाद से चलने वाली लंबी दूरी की बसें स्टैंड में ही खड़ी रही। इससे पैसेंजर्स को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। इसके साथ ही धनबाद के विभिन्न स्कूलों में चलने वाली वाहने भी आज नही चली। जिससे स्कूली छात्रों को भी खासा परेशान देखा गया। वहीं बंद को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से धनबाद की सड़कों पर अतिरिक्त पुलिस बलों को नियुक्त किया गया था। जिस वजह से बंद का ज्यादा देर तक असर नही दिखा। जल्द ही स्थिति सामान्य होने लगी।
रामगढ़ में बंद समर्थकों ने टायर मोड ओवरब्रिज और कोठार ओवरब्रिज के पास टायर जला कर प्रदर्शन किया। इससे आवागमन बाधित हो गया। रांची पटना मुख्य मार्ग पर गाड़ियों की लंबी कतारें खड़ी है।जमशेदपुर में भी बंद समर्थक सुबह से ही जुटने लगे। सड़कों पर टायर जलाकर आवागमन को बाधित करने की कोशिश की गई। बाद में पुलिस ने जाम हटवाया।
धनबाद में सभी छोट-बड़े स्कूल बंद रहे
दिल्ली पब्लिक स्कूल, धनबाद पब्लिक स्कूल, कार्मल, डीएवी कोयला नगर, राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर, डॉ जेके सिन्हा मेमोरियल इंटरनेशनल स्कूल, द्वारिका मेमोरियल फाउंडेशन एकेडमी समेत लगभग सभी छोटे-बड़े स्कूल बंद रहे। डिनोबिली स्कूल की ओर से कोई सूचना जारी नहीं की गई थी, बावजूद अधिकतर अभिभावकों ने अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा। सरकारी स्कूलों खुले रहे, यहां बच्चे समय पर स्कूल पहुंचे।
कई महीनों से आंदोलनरत है झारखंडी छात्र
प्रदर्शन कर रहे छात्र संगठनों ने 60-40 नाय चलतो का नारा दिया। छात्र नेता अजीत महतो ने कहा कि यह बंदी राजनीतिक नहीं है। यह छात्रों की बंदी है। 60-40 नाय चलतो, झारखंडी छात्रों को शतप्रतिशत नौकरी मिले, सरकार को खतियान आधारित स्थानीय नीति लागू करना होगा। पिछले कई महीनों से राज्य के झारखंडी छात्र खतियान आधारित संवैधानिक नियोजन नीति की मांग पर आंदोलनरत हैं। इसके लिए लाठियां भी खाईं।
ऑटो बंद रहने से लोग परेशान
बंद की वजह से ऑटो संचालन भी नहीं हो रहा है। इसका नतीजा यह निकला कि लोग पैदल ही अपने गंतव्य की ओर जाते नजर आए। बैंक मोड़, श्रमिक चौक, बरटांड़ बस स्टैंड आदि इलाकों में लोग पैदल ही सामान लिए जाते दिखे। इनमें महिला, पुरुष, बच्चे सब शामिल थे।