Jharkhand : RIMS के डॉक्टर को फर्जी ट्रेडिंग ऐप से लगाया 23 लाख का चूना, महाराष्ट्र के नागपुर से दो साइबर ठग अरेस्ट
झारखंड RIMS के सीनियर डॉक्टर से 23 लाख रुपये की साइबर ठगी, CID ने नागपुर से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। फर्जी ट्रेडिंग ऐप और निवेश पर लालच देकर डॉक्टर को फंसाया गया।

- फर्जी ट्रेडिंग ऐप के जरिए जाल में फंसाये गये डॉक्टर
- सीआइडी की साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन की पुलिस की बड़ी कार्रवाई
रांची। झारखंड की राजधानी रांची में साइबर क्रिमिनलों ने रिम्स (RIMS) के सेंट्रल लैब के एक सीनियर डॉक्टर को इन्वेस्टमेंट पर पांच से दस गुना मुनाफे का लालच देकर 23 लाख रुपये की ठगी कर ली। इस मामले में सीआइडी की साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन की पुलिस ने महाराष्ट्र के नागपुर से दो आरोपियों जयंत ताराचंद्र अन्नापूणे और अजय रामभरोसे वाल्मिकी को अरेस्ट किया है।
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पुलिस ने दोनों आरोपियों के पास से दो मोबाइल और चार सिम कार्ड बरामद किये हैं। आरोपियों को रांची लाकर कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट के आदेश के बाद दोनों को ज्यूडिशियल कस्टडी में जेल भेज दिया गया। नागपुर पुलिस के सहयोग से दोनों आरोपियों को पकड़ा गया है।
ऐसे हुआ साइबर फ्रॉड
ठगी के शिकार डॉक्टर ने चार अगस्त को साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज करायी थी। उन्होंने बताया कि फेसबुक, व्हाट्सएप और गूगल विज्ञापनों के जरिए उनसे संपर्क किया गया। ठगों ने खुद को एनजे फाइनेंशियल रिसर्च नाम की एक ट्रेडिंग फाइनेंस रिसर्च कंपनी से जुड़ा बताया। डॉक्टर को निवेश पर पांच से दस गुना रिटर्न का लालच दिया।इसके बाद उन्हें एक फर्जी ऐप “HNack” डाउनलोड करवाया गया, जिसमें डाक्टर ने 23 लाख रुपये निवेश किए। लेकिन यह राशि अपराधियों के बैंक खाते में अवैध रूप से ट्रांसफर कर ली गयी।
पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि एक आरोपी के एक्सिस बैंक अकाउंटर (नंबर 922020004679287) में 23 दिनों में 2.51 करोड़ रुपये जमा हुए। नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल के जरिए जानकारी मिली कि इस अकाउंट के खिलाफ नौ राज्यों केरल, गुजरात, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, गोवा, उत्तराखंड, महाराष्ट्र और झारखंड में 12 मामले दर्ज हैं।
साइबर ठगी से बचाव की अपील पुलिस ने लोगों से वाट्सएप, टेलीग्राम या गूगल विज्ञापनों के जरिए आने वाले निवेश आफर पर भरोसा न करने की अपील की है। फर्जी लिंक पर क्लिक करने, वेब पोर्टल या ऐप पर रजिस्टर करने और अज्ञात बैंक खातों या यूपीआई में पैसे जमा करने से बचें। निवेश से पहले अधिकृत ऐप्स का उपयोग करें और पूरी जानकारी लें। ठगी होने पर तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 या वेबसाइट पर शिकायत दर्ज करें। लिखित शिकायत नजदीकी थाने, साइबर सेल या साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में करें।
पुलिस की अपील – इन बातों का रखें ध्यान
व्हाट्सएप, टेलीग्राम या गूगल विज्ञापनों के जरिए मिलने वाले निवेश ऑफर पर भरोसा न करें।
फर्जी लिंक पर क्लिक करने और अनजान ऐप्स डाउनलोड करने से बचें।
अज्ञात बैंक खातों या यूपीआई में कभी पैसे न भेजें।
निवेश से पहले केवल अधिकृत और मान्यता प्राप्त ऐप्स का उपयोग करें।
ठगी होने पर तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर या वेबसाइट के जरिए शिकायत दर्ज करें।
साथ ही नजदीकी थाने या साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में लिखित शिकायत करें।