जज उत्तम आनंद मर्डर केस: हाई कोर्ट ने कहा- FSL में जांच की सुविधा न होना दुर्भाग्यपूर्ण, डायरेक्टर व होम सेकटेरी तलब
धनबाद के जज उत्तम आनंद मर्डर केस मामले में गुरुवार को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने सीबीआई की ओर से प्रस्तुत जांच की प्रगति रिपोर्ट को देखने के बाद इस बात पर कड़ी नाराजगी जतायी कि फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री (एफएसएल) रांची के पास जांच की सुविधा नहीं है। कोर्ट ने कहा कि रांची एफएसएल में जांच की सुविधा न होना दुर्भाग्यपूर्ण है। कोर्ट ने एफएसएल के डायरेक्टर व होम सेकरेटरी को डिटेल रिपोर्ट के साथ वर्चुअल तरीके से उपस्थित होने का निर्देश दिया।
- कोर्ट ने पूछा-रांची FSL में जांच की सुविधा ही नहीं, तो फिर बनाया ही क्यों
रांची। धनबाद के जज उत्तम आनंद मर्डर केस मामले में गुरुवार को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने सीबीआई की ओर से प्रस्तुत जांच की प्रगति रिपोर्ट को देखने के बाद इस बात पर कड़ी नाराजगी जतायी कि फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री (एफएसएल) रांची के पास जांच की सुविधा नहीं है। कोर्ट ने कहा कि रांची एफएसएल में जांच की सुविधा न होना दुर्भाग्यपूर्ण है। कोर्ट ने एफएसएल के डायरेक्टर व होम सेकरेटरी को डिटेल रिपोर्ट के साथ वर्चुअल तरीके से उपस्थित होने का निर्देश दिया।
हाई कोर्ट ने कहा कि सीबीआई को ऑटो और जज से हुई टक्कर की जगह की जांच रिपोर्ट देनी चाहिए, ताकि यह पता चल पाए की जज की मौत टक्कर से हुई है या फिर किसी ने मारा है। क्योंकि फुटेज में ड्राइवर के पास बैठे व्यक्ति ने मारा है और कोर्ट प्रथम दृष्टया ऐसा मान रही है। अब 27 अगस्त को इस मामले में दोबारा सुनवाई होगी। कोर्ट ने कहा कि पीएम रिपोर्ट में जज के सिर के दाहिने हिस्से में डेढ़ इंच का घाव है, जो ऑटो के साइड मिरर से नहीं हो सकता है। सीबीआई को इसपर भी जांच करनी चाहिए।हाईकोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि एफएसएल के पास जांच की सुविधा का नहीं होना बहुत ही दुभार्ग्यजनक है।आखिर यह बना ही क्यों है, जब जांच की सुविधा ही नहीं दी गयी है।
चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की बेंच ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की। बेंच ने अपर महाधिवक्ता दर्शना पोद्दार मिश्र से पूछा कि एफएसएल में जांच की क्या-क्या सुविधा है। कौन-कौन सी सुविधा उपलब्ध नहीं है। सारे तकनीकी व गैर तकनीकी पद भरे हुए हैं या नहीं। बेंच को सवाल का संतोषजनक जवाब नहीं मिल पाया।सीबीआई की ओर से सीलबंद कवर में जांच की स्टेटस रिपोर्ट दायर की गयी। सुनवाई के दौरान सीबीआइ की ओर से मामले के आईओ वर्चुअल तरीके से उपस्थित थे। सीबीआइ की ओर से बताया गया कि घटना की रिक्रिएशन व ऑटो की फारेंसिंक जांच की रिपोर्ट अभी तक नहीं प्राप्त हुई है।सुप्रीम कोर्ट ने जज उत्तम आनंद की मौत मामले में सुनवाई करते हुए सीबीआइ को निर्देश दिया था कि जांच की स्टेटस रिपोर्ट प्रत्येक सप्ताह झारखंड हाइकोर्ट को सौंपे। हाइकोर्ट जांच की मॉनीटरिंग कर रहा है।
मोबाइल चोरी का केस दर्ज नहीं करने पर मुंशी सस्पेंड
जज उत्तम आनंद को ऑटो से धक्का मारने वाले आरोपी लखन वर्मा व राहुल वर्मा ने 27 जुलाई की रात हिल कॉलोनी निवासी शुभेंदु विश्वकर्मा के तीन मोबाइल चुरा लिये थे। शुभेंदु ने धनबाद पुलिस स्टेशन में चोरी की कंपलेन की थी। मुंशी विजय यादव ने तत्काल केस रजिस्टर्ड नहीं किया और आवेदन अपने पास रख लिया। मामले सामने आने के बाद एसएसपी संजीव कुमार ने गुरुवार को मुंशी विजय यादव को सस्पेंड कर दिया है। लखन वर्मा व राहुल वर्मा ने 27 जुलाई की रात पाथरडीह निवासी सुगनी देवी का ऑटो चोरी कर धनबाद पहुंचे। दोनों स्टेशन में दोनों ने शराब पी और ऑटो लगाकर हिल कॉलोनी चले गये। वहां मोबाइल चोरी करने के बाद वापस स्टेशन लौटकर फिर शराब पीया था। दोनों की गिरफ्तारी के दोनों की गिरफ्तारी के बाद इनके पास से तीन मोबाइल बरामद हुए थे. पुलिस ने मोबाइल मालिक का पता लगाकर उससे पूछताछ की तो सच सामने आया।
फ्लैश बैक
धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौते 28 जुलाई की सुबह जब मार्निंग वाक कर रहे थे, इसी दौरान एक ऑटो उन्हें पीछे टक्कर मारकर भाग निकला। जज को SNMMCH पहुंचाया गया। जहां इडॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।घटना का सीसीटीवी फुटेज वायरल होने के बाद जज की मर्डर की आशंका व्यक्त करते हुए इस मामले को हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के समक्ष भी उठाया गया। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर संज्ञान लेते हुए न्यायिक पदाधिकारियों की सुरक्षा पर चिंता जताई। सभी राज्यों को नोटिस जारी कर न्यायिक पदाधिकारियों की सुरक्षा के लिए उठाये गये कदमों की जानकारी मांगी थी। जज की वाइफ की कंपलेनपर मामले में ऑटो ड्राइवर के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गयी।
गिरिडीह से पकडाया ऑटो ड्राइवर लखन
पुलिस ने ऑटो चालक लखन वर्मा और उसके दोस्त राहुल वर्मा को अरेस्ट कर लिया। धक्का मारने वाला ऑटो भी जब्त कर लिया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए झारखंड गवर्नमेंट ने जांच के लिए एडीजी (ऑपरेशन) संजय आनंद लाठकर के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया। एसआइटी ऑटो ड्राइवर व उसके सहयोगी को रिमांड पर लेकर पूछताछ की। ऑटो चोरी की गयी थी। पुलिस ऑटो मालिक व उसके परिजनों के साथ उसके ड्राइवर से पूछताछ की।
झारखंड गवर्नमेंट ने मामले की सीबीआई जांच की अनुशंसा की। सीबीआइ मामले को टेक ओवर कर जांच कर रही है। सीबीआइ दोनों आरोपियों को रिमांड पर लेकर क्राइम सीन रिक्रेयट किया है। सीबीआई ने कोर्ट से दोनों आरोपीयों से सच्चाई पता करने के लिए नार्को टेस्ट,ब्रेन मैपिंग टेस्ट सहित चार अन्य टेस्ट कराने की अनुमति ली है। नौ एवं 10 अगस्त को सिंफर के गेस्ट हाऊस सत्कार में राहुल और लखन का लाई डिटेक्टर टेस्ट ,ब्रेन इलेक्ट्रिकल आक्सीलेशन व अन्य टेस्ट किया गया था। सीबीआई ने जज मौत मामले में संलिप्त लोगों के बारे में जानकारी देने वालों को पांच लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की गयी है। लखन और राहुल का गुजरात के गांधीनगर में ब्रेन मेपिंग व नार्को टेस्ट कराया है।हालांकि दोनों ने नार्को टेस्ट के दौरान क्या जानकारी सीबीआई को दी है इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। कहा जा रही है कि जितनी सूचना सीबीआई को मिली है उससे केस का पटाक्षेप हो सकता है।