Karnataka: बेंगलुरु में इंजीनियर अतुल सुभाष ने किया सुसाइड,1.20 घंटे का वीडियो मैसेज, 24 पन्नों में लिखा सुसाइड नोट
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एक इंजीनियर सह प्राइनेट कंपनी के डीजीएम अतुल सुभाष (34)ने सुसाइड कर ली है। सुसाइड से पहले इंजीनियर ने 24 पन्ने का एक सुसाइड नोट लिखा है।अतुल सुभाष ने अपनी वाइफ और ससुराल वालों पर पैसों के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए सुसाइड कर लिया। उन्होंने नौ दिसंबर को 1:20 घंटे का वीडियो और 24 पेज का लेटर जारी कर कहा है कि उनके पास सुसाइड के सिवा कोई उपाय नहीं बचा है।
- वाइफ व ससुराल वालों पर पैसे के लिए प्रताड़ित करने का आरोप
- रूला देगी अतुल सुभाष की दर्द भरी दास्तां
बेंगलुरु। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एक इंजीनियर सह प्राइनेट कंपनी के डीजीएम अतुल सुभाष (34)ने सुसाइड कर ली है। सुसाइड से पहले इंजीनियर ने 24 पन्ने का एक सुसाइड नोट लिखा है।अतुल सुभाष ने अपनी वाइफ और ससुराल वालों पर पैसों के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए सुसाइड कर लिया। उन्होंने नौ दिसंबर को 1:20 घंटे का वीडियो और 24 पेज का लेटर जारी कर कहा है कि उनके पास सुसाइड के सिवा कोई उपाय नहीं बचा है।
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बिहार के रहने वाले अतुल सुभाष की बॉडी बेंगलुरु के मंजूनाथ लेआउट में उनके फ्लैट से बरामद हुआ। पड़ोसियों ने उनके घर का दरवाजा तोड़ा तो उनकी बॉडी फंदे पर लटकी मिली। कमरे में ‘जस्टिस इज ड्यू’ यानी ‘न्याय बाकी है’ लिखी एक तख्ती मिली। सुसाइड से पहले अतुल ने 24 पेज का सुसाइड नोट व 1.20 घंटे का वीडियो मैसेज भी बनाया था।अतुल की फैमिली के कंपलेन पर पुलिस ने अतुल की वाइफ और ससुराल वालों पर सुसाइड के लिए उकसाने का एफआइआर दर्ज किया है।
मरने से पहले बनाया वीडियो मैसेज
अतुल ने सुसाइड से पहले 1.20 घंटे का वीडियो मैसेज भी बनाया था। वीडियो में अतुल ने अपना सारा दर्द बयां किया है। उसने बताया कि किस तरह उसकी वाइफ और ससुराल वालों ने उसके खिलाफ साजिश रची है। उसके परिवार को झूठे केसों में फंसाया गया है। वीडियो में अतुल ने कोर्ट की तारीखों का भी जिक्र करते हुए कहा कि दो सालों में उसे कई बार बेंगलुरु से जौनपुर पेशी के लिए जाना पड़ा है। उसने कहा कि पूरी व्यवस्था से वो तंग आ चुका है।
वाइफ और ससुराल वालों पर लगाये आरोप
अतुल सुभाष ने मरने से पहले बनाये गये वीडियो मैसेज और जो सुसाइड नोट में अपनी मौत के लिए वाइफ निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया, साला अनुराग सिंघिया और चचेरा ससुर सुशील सिंघानिया को जिम्मेदार बताया है। अतुल ने बताया कि पैसे ऐंठने के लिए उसकी वाइफ और ससुराल वाले साली साजिश रची है।
अतुल ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है ‘जस्टिस इज ड्यू’। उसने मरने से पहले न्याय की मांग की है। अतुल ने परिवार का कहना है कि उन्होंने सुसाइड के लिए अपनी वाइफ और ससुराल के लोगों को जिम्मेदार ठहराया है। उनके उत्पीड़न के कारण अतुल को इतना बड़ा फैसला लेना पड़ा। परिवार ने यह भी कहा कि अतुल कई कानूनी मामलों में उलझे हुए थे। वाइफ और ससुराल वालों ने अतुल से तीन करोड़ रुपये की मांग की थी।
राष्ट्रपति के नाम भी नोट लिखा
अतुल सुभाष ने 24 पेज के लेटर में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम भी एक लेटर लिखा है। इसमें उन्होंने देश के क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम की खामियों के बारे में लिखा और पुरुषों के खिलाफ झूठे केस दर्ज कराने के ट्रेंड के बारे में बताया। एक अन्य नोट में उन्होंने लिखा कि वे अपनी वाइफ की तरफ से दायर कराये गये सभी मामलों के लिए खुद को निर्दोष बता रहे हैं। इनमें दहेज प्रतिरोध कानून और महिलाओं के खिलाफ अत्याचार का केस शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मैं कोर्ट से रिक्वेस्ट करता हूं कि इन झूठे केसों में मेरे माता-पिता और भाई को परेशान करना बंद करें।
तारीख पर तारीख से तंग आ गया था अतुल
अतुल मानसिक रूप से परेशानियों से जूझ रहा था। वो अकेला महसूस कर रहा था। वाइफ और उसके ससुराल वालों ने कई केस कर दिये थे। कोर्ट में 120 तारीखें लग चुकी थी। वह 40 बार बेंगलुरु से जौनपुर आना-जाना कर चुका था। अतुल के माता पिता भी कोर्ट के चक्कर लगा रहे थे। अतुल अंदर ही अंदर टूटता जा रहा था।इससे तंग आकर उसने सुसाइड करने का मन बना लिया।
अतुल की सुसाइड नोट में वाइफ व ससुराल वालों पर गंभीर आरोप
अतुल की वाइफ दो साल साथ रहने के बाद घर छोड़कर चली गयी। सुसाइड से पहले रिकॉर्ड किए गए वीडियो में अतुल ने पूरा मामला विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि उन्होंने 2019 में एक मैट्रिमोनी साइट से मैच मिलने के बाद शादी की थी। अगले साल उन्हें एक बेटा हुआ। उन्होंने कहा कि उनकी वाइफ और वाइफ का परिवार उनसे हमेशा पैसों की डिमांड करता रहता था, जो वो पूरी भी करते थे। उन्होंने लाखों रुपये अपनी वाइफ के परिवार को दिए थे। लेकिन जब उन्होंने और पैसे देना बंद कर दिया तो वाइफ 2021 में उनके बेटे को लेकर बेंगलुरु छोड़कर चली गयी। अतुल ने लिखा है कि मैं उसे हर महीने 40 हजार रुपए मेंटेनेंस देता हूं, लेकिन अब वो बच्चे को पालने के लिए खर्च के तौर पर दो-चार लाख रुपये महीने की डिमांड कर रही है। मेरी वाइफ मुझे मेरे बेटे से न तो मिलने देती है, न कभी बात कराती है।
वाइफ ने दहेज और पिता के मर्डर का आरोप लगा FIR दर्ज कराया
सुसाइड नोट में अतुल ने लिखा है कि अगले साल पत्नी ने उनके और उनके परिवार के लोगों के खिलाफ कई मामले दर्ज कराये। इनमें मर्डर और अननेचुरल सेक्स सेक्स का केस भी शामिल था। वाइफ ने आरोप लगाया कि उन्होंने 10 लाख रुपए दहेज मांगा था, जिसके चलते उसके पिता का हर्ट अटैक से मौत हो गयी। अतुल ने कहा कि यह आरोप किसी फिल्म की खराब कहानी जैसा है, क्योंकि मेरी वाइफ पहले ही कोर्ट में सवाल-जवाब में इस बात को स्वीकार कर चुकी है कि उसके पिता लंबे समय से गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। पिछले 10 साल से दिल की बीमारियों और डायबिटीज के लिए AIIMS में उनका इलाज चल रहा था। डॉक्टरों ने उन्हें जीने के लिए कुछ ही महीने का समय दिया था, तभी हमने जल्दबाजी में शादी की थी।
वाइफ ने तीन करोड़ मांगे, कहा- तुम सुसाइड क्यों नहीं कर लेते
अतुल ने लिखा है कि मेरी वाइफ ने केस सेटल करने के लिए पहले एक करोड़ रुपये की डिमांड की थी, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर तीन करोड़ रुपये कर दिया। उन्होंने कहा कि जब तीन करोड़ रुपये की डिमांड के बारे में उन्होंने जौनपुर की फैमिली कोर्ट की जज को बताया तो उन्होंने भी वाइफ की ही का साथ दिया। अतुल ने कहा कि मैंने जज को बताया कि NCRB की रिपोर्ट बताती हैं कि देश में बहुत सारे पुरुष झूठे केस की वजह से सुसाइड कर रहे हैं, तो वाइफ ने बीच में कहा कि तुम भी सुसाइड क्यों नहीं कर लेते हो। इस बात पर जज हंस पड़ी। कहा कि ये केस झूठे ही होते हैं, तुम परिवार के बारे में सोचो और केस को सेटल करो।
वाइफ की मां ने कहा- तुम मर जाओगे तो तुम्हारा बाप पैसे देगा
अतुल ने लिखा है कि जब इस मामले को लेकर उसने सास से बात की, तो सास ने कहा कि तुमने अभी तक सुसाइड नहीं किया, मुझे लगा आज तुम्हारे सुसाइड की खबर आयेगी। इस पर अतुल ने उन्हें जवाब दिया कि मैं मर गया तो तुम लोगों की पार्टी कैसे चलेगी। उसकी सास ने जवाब दिया कि तुम्हारा बाप पैसे देगा। हसबैंड के मरने के बाद सब वाइफ का ही होता है। तुम्हारे मां-बाप भी जल्दी मर जायेंगे। उसमें भी बहू का हिस्सा होता है। पूरी जिंदगी तेरा पूरा खानदान कोर्ट के चक्कर काटेगा। अतुल ने अपने नोट में अपनी सास के साथ हुई बातचीत का उल्लेख किया है। उन्होंने दावा किया कि सास ने उन्हें मरने के लिए कहा।
मेरे कमाये पैसे से मुझे और मेरे परिवार को किया जा रहा परेशान
अतुल ने सुसााइड नोट में लिखा है कि कि मुझे लगता है कि मेरे लिए मर जाना ही बेहतर होगा, क्योंकि जो पैसे मैं कमा रहा हूं उससे मैं अपने ही दुश्मन को बलवान बना रहा हूं। मेरा कमाया हुआ पैसा मुझे ही बर्बाद करने में लग रहा है। मेरे ही टैक्स के पैसे से ये कोर्ट, ये पुलिस और पूरा सिस्टम मुझे और मेरे परिवार और मेरे जैसे और भी लोगों को परेशान करेगा। मैं ही नहीं रहूंगा तो न तो पैसा होगा और न ही मेरे मां-बाप और भाई को परेशान करने की कोई वजह होगी। अतुल ने लिखा है कि मेरी आखिरी ख्वाहिश ये है कि मेरे बेटे को मेरे माता-पिता को दे दिया जाए। मेरी पत्नी के पास कोई वैल्यू नहीं है, जो वो मेरे बेटे को दे पाये। यहां तक कि वो तो उसे पालने में सक्षम भी नहीं है। इसके अलावा मेरी पत्नी को मेरे मृत शरीर के पास भी न आने दिया जाए। मेरी अस्थियों का विसर्जन भी तब हो, जब मुझे इस केस में न्याय मिले। नहीं, तो मेरी अस्थियों को गटर में बहा दिया जाए।
पिता ने बयां किया दर्द, कहा-बेटा परेशान था, पर उसने कुछ नहीं बताया
अतुल के पिता पवन कुमार ने बताया कि अतुल कहता था कि सुलह कराने वाले कोर्ट में कानून के मुताबिक काम नहीं होता है, सुप्रीम कोर्ट के नियम भी यहां नहीं माने जाते हैं। उसे बेंगलुरु से 40 बार जौनपुर जाना पड़ा था। उसकी वाइफ उस पर एक के बाद एक केस दर्ज कराती गई। वह जरूर बहुत थक गया होगा, लेकिन उसने हमें कभी कुछ नहीं कहा। अचानक हमें उसके सुसाइड की खबर मिली। उसने हमारे छोटे बेटे को रात 1 बजे ई-मेल भेजा था। मेरे बेटे ने अपनी वाइफ और उसके परिवार पर जो आरोप लगाये हैं, वो सब सच हैं।
अलग होने के आठ महीने बाद वाइफ ने डिवोर्स का केस दर्ज कराया
वहीं, अतुल के भाई विकास कुमार ने कहा कि मेरे भाई से अलग होने के आठ महीने बाद उसकी वाइफ ने डिवोर्स का केस दर्ज कराया। मेरे भाई और हमारे पूरे परिवार के खिलाफ अलग-अलग कानूनों और धाराओं में केस दर्ज कराये। इस देश का हर कानून महिलाओं के लिए है, पुरुषों के लिए कोई कानून नहीं है। मेरे भाई ने इसी के खिलाफ लड़ाई लड़ी, लेकिन वह हमें छोड़कर चला गया। मेरे भाई ने अपनी वाइफ के लिए सब कुछ किया। अगर उसने एक बार भी हमसे बात की होती तो हम इस परिस्थिति से बाहर आने में उसकी मदद करते। मैं भारत सरकार और राष्ट्रपति से अपील करना चाहता हूं कि अगर मेरा भाई सच के साथ है तो उसे न्याय मिलना चाहिए, नहीं तो मुझे इस बात का सबूत दिया जाए कि वो गलत था। मेरे भाई ने जिस जज का नाम अपने सुसाइड नोट में लिखा है, उसकी भी अच्छे से जांच की जानी चाहिए।