लोहरदगा: माओवादी एरिया कमांडर सूरजनाथ खेरवार का सरेंडर, तीन जिलों में रहा है आतंक
नक्सली संगठन भाकपा माओवादी का हार्डकोर नक्सली और एरिया कमांडर सूरजनाथ खेरवार ने बुधवार को झारखंड गवर्नमेंट की सरेंडर नीति नई दिशा के तहत लोहरदगा पुलिस के समक्ष सरेंडर दिया है। एरिया कमांडर सूरजनाथ खेरवार लोहरदगा जिले के पेशरार पुलिस स्टेशन के बुलबुल गांव बालकिशुन खेरवार का पुत्र है।
- 12 वर्ष की उम्र में बना माओवादी
लोहरदगा। नक्सली संगठन भाकपा माओवादी का हार्डकोर नक्सली और एरिया कमांडर सूरजनाथ खेरवार ने बुधवार को झारखंड गवर्नमेंट की सरेंडर नीति नई दिशा के तहत लोहरदगा पुलिस के समक्ष सरेंडर दिया है। एरिया कमांडर सूरजनाथ खेरवार लोहरदगा जिले के पेशरार पुलिस स्टेशन के बुलबुल गांव बालकिशुन खेरवार का पुत्र है।
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सरकार की ओर से दिया गया एक लाख रुपये का चेक
सूरजनाथ खेरवार ने लोहरदगा न्यू पुलिस लाइन में लोहरदगा उपायुक्त डा वाघमारे प्रसाद कृष्ण, एसपी प्रियंका मीना, सीआरपीएफ 158 बटालियन के कमांडेंट प्रभात कुमार संदवार, एसडीएम अरविंद कुमार लाल एवं एसडीपीओ वशिष्ठ नारायण सिंह के समक्ष सरेंडर किया।सरेंडर करने वाले नक्सली को आत्मसमर्पण नीति के तहत एक लाख का चेक प्रदान किया गया। सूरजनाथ खेरवार पर दो लाख रुपये का इनाम घोषित करने के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था, जिसकी स्वीकृति अब तक नहीं मिली है। सूरजनाथ खेरवार वर्ष 2013-14 में भाकपा माओवादी नक्सली संगठन में शामिल हुआ था। तब उसकी उम्र केवल 12 वर्ष थी। भाकपा माओवादी के रीजनल कमांडर और 15 लाख के इनामी रविंद्र गंझू द्वारा गांव में बैठक कर बच्चों को संगठन में देने की मांग की गई थी। ग्रामीणों ने सूरजनाथ खेरवार को नक्सलियों के हाथों सौंप दिया था। इसके बाद सूरजनाथ खेरवार रविंद्र गंझू दस्ता में शामिल हो गया।
नक्सलियों का बुरा हस्र देखकर संगठन छोड़ने का मन बनाया
लगभग नौ साल तक माओवादी संगठन में रहने के बाद विगत आठ फरवरी 2022 से लोहरदगा जिले के सुदूरवर्ती जंगली-पहाड़ी इलाकों में भाकपा माओवादी और पुलिस के बीच एनकाउंटर और ऑपरेशन डबल बुल के दौरान उसने माओवादियों का बुरा हश्र देखा। इसके बाद उसने सरेंडर करने का फैसला लिया। सूरजनाथ खेरवार के खिलाफ लोहरदगा, लातेहार और गुमला जिले के अलग-अलग पुलिस स्टेश न में हत्या, मारपीट, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, सीएलए एक्ट, शस्त्र अधिनियम सहित अलग-अलग मामलों से संबंधित आठ मामले दर्ज हैं।
बुके देकर मुख्यधारा में लौटने पर किया स्वागत
सरेंडर करने पर डीसी डा वाघमारे प्रसाद कृष्ण, एसपी प्रियंका मीना, सीआरपीएफ 158 बटालियन के कमांडेंट प्रभात कुमार संदवार ने बुके देकर नक्सली को मुख्यधारा में लौटने पर स्वागत किया। मौके पर डीसी ने कहा कि मुख्यधारा के रास्ते ही विकास के सफर को तय किया जा सकता है। कभी भी आर्म्स विकल्प नहीं हो सकता। हमें समाज की मुख्यधारा में रहते हुए विकास के सफर पर चलते रहना है।
नक्सलवाद के खिलाफ लंबी लड़ाई, जारी रहेगी : एसपी
एसपी प्रियंका मीना ने कहा कि सरकार की सरेंडर नीति से प्रभावित होकर सूरजनाथ खेरवार ने सरेंडर किया है। हालांकि नक्सलवाद के खिलाफ लंबी लड़ाई चल रही है और यह लड़ाई जारी रहेगी। चाहे सफेदपोश लोग हों या नक्सली यदि वह विकास में अवरोध उत्पन्न करते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी। मुख्यधारा में लौटने वाले सभी लोगों का पुलिस स्वागत करेगी। सीआरपीएफ कमांडेंट ने भी नक्सली का मुख्य धारा में स्वागत करते हुए कहा कि जो लोग मुख्यधारा में लौट कर आते हैं और विकास में सहयोगी बनते हैं, सरकार, पुलिस प्रशासन और सीआरपीएफ हमेशा उनकी मदद करती है।
भटक कर इस रास्ते पर चला गया
सरेंडर करने वाले नक्सली ने कहा कि वह भटक कर इस रास्ते पर चला गया था। हालांकि जब वह नक्सलवाद के रास्ते पर पहुंचा, तब उसकी मजबूरी थी, परंतु फिर हाल के दिनों में उसे लगा कि नक्सलवाद का रास्ता कभी भी शांति और विकास के रास्ते का सहभागी नहीं बन सकता है। इस वजह से उसने आत्मसमर्पण करने का निर्णय लिया था। इस दौरान छोटे-छोटे बच्चों द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम में पुलिस पदाधिकारियों, आम लोगों की मौजूदगी भी रही।