नई दिल्ली: बच्चे को जन्म के साथ ही मिल जायेगा आधार नंबर, हॉस्पिटल में जल्द शुरू होंगे एनरोलमेंट
हॉस्पिटल में जन्म लेने वालों बच्चों का बर्थ सर्टिफिकेट आने से पहले आधार कार्ड बन जायेगा। UIDAI कर रही है हॉस्पिटल में नवजात शिशुओं को आधार कार्ड देने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए हॉस्पिटल में जल्द ही एनरोलमेंट शुरू होंगे।
- UIDAI कर रही है हॉस्पिटल में नवजात शिशुओं को आधार कार्ड देने की तैयारी
- बच्चे का बर्थ सर्टिफिकेट आने से पहले उसके पास आधार कार्ड होगा
नई दिल्ली। हॉस्पिटल में जन्म लेने वालों बच्चों का बर्थ सर्टिफिकेट आने से पहले आधार कार्ड बन जायेगा। UIDAI कर रही है हॉस्पिटल में नवजात शिशुओं को आधार कार्ड देने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए हॉस्पिटल में जल्द ही एनरोलमेंट शुरू होंगे।
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99.7% वयस्क आबादी को आधार के दायरे में
UIDAI के CEO सौरभ गर्ग ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा कि हम नवजात शिशुओं को आधार नंबर देने के लिए बर्थ रजिस्ट्रार के साथ टाईअप करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 99.7% वयस्क आबादी को आधार के दायरे में लाया जा चुका है। इसके तहत अब तक देश की 131 करोड़ आबादी को एनरोल किया गया है। अब हमारी कोशिश नवजात शिशुओं का नामांकन करने की है। उन्होंने कहा कि हर साल दो से ढाई करोड़ बच्चे जन्म लेते हैं। हम उन्हें आधार में एनरोल करने की प्रक्रिया में हैं। बच्चे के जन्म के समय ही उनकी फोटो क्लिक कर आधार कार्ड दे दिया जायेगा।
गर्ग ने बताया कि पांच साल से कम उम्र के बच्चों का बायोमेट्रिक्स नहीं लिया जाता है। लेकिन इसे उसके माता-पिता में से किसी एक के साथ या तो माता या पिता के साथ लिंक करते हैं और पांच साल की उम्र पार करने के बाद बच्चे का बायोमेट्रिक्स लेंगे।उन्होंने कहा कि हम अपनी पूरी आबादी को आधार नंबर उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहे हैं। पिछले साल हमने दूरदराज के इलाकों में 10 हजार कैंप लगाये थे, जहां उन्हें बताया गया है कि बहुत से लोगों के पास आधार नंबर नहीं है। इसके बाद लगभग 30 लाख लोगों को आधार के लिए एनरोल किया गया था।
वर्ष 2010 में आवंटित किया गया था पहला आधार नंबर
गर्ग ने कहा कि वर्ष 2010 में पहला आधार नंबर आवंटित किया गया था। शुरू में हमारा ध्यान अधिक से अधिक लोगों को नामांकित करने पर था। अब हमारा ध्यान अपडेट करने पर है। लगभग 10 करोड़ लोग हर साल अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर अपडेट करते हैं। 140 करोड़ बैंक अकाउंट्स में से 120 करोड़ खातों को आधार से जोड़ा गया है।
पूरी आबादी को आधार नंबर देने की कवायद
गर्ग ने कहा कि हम अपनी पूरी आबादी को आधार नंबर देने का प्रयास कर रहे हैं। पिछले वर्ष हमने सुदूर इलाकों में 10 हाजर कैंप आयोजित किये, जहां हमें बताया गया कि कई लोगों के पास आधार नंबर नहीं हैं। 30 लाख लोग पंजीकृत किये गये।
आधार से बचे सेंट्रल गवर्नमेंट सवा दो लाख करोड़ रुपये
न्यूज एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के अनुसार आधार (कार्ड) ने फर्जी लाभार्थियों को तंत्र से बिल्कुल बाहर कर दिया है। यूआइडीएआइ के सीईओ सौरभ गर्ग ने कहा कि आधार की वजह से सेंट्रल गवर्नमेंट को 2.25 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई है। गर्ग के अनुसार सेंट्रल गवर्नमेंट की 300 और राज्यों की लगभग 400 योजनाओं को अब तक आधार से लिंक किया जा चुका है। इसका सीधा फायदा यह हुआ है कि इन योजनाओं के फर्जी लाभार्थी तुरंत पकड़ में आ रहे हैं।
रकम का पेमेंट सीधे बैंक अकाउंट्स में
सेंट्रल व स्टेट गवर्नमेंट इन योजनाओं के तहत लाभार्थियों को मदद की रकम का भुगतान प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से सीधे उनके बैंक अकाउंट्स में कर रही हैं। गर्ग का कहना है कि सवा दो लाख करोड़ रुपये की बचत की रकम तो अकेले सेंट्रल गवर्नमेंट की है। अगर इसमें राज्य सरकारों को हुई बचत को जोड़ दें तो आंकड़ा काफी ऊपर जा सकता है। आधार ने सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन को बेहद आसान कर दिया है।
आधार कार्ड बनाने संबंधी जानकारी जुटाई जायेगी
गर्ग ने कहा कि आने वाले वर्षों में यूआइडीएआइ की प्राथमिकता तीन-चार चीजों के आसपास रहेंगी। इनमें पहला यह है कि लोगों को अधिक से अधिक सेवाएं और सुविधा मिले। इसके तहत हमने लोगों को घर में बैठे-बैठे कंप्यूटर के माध्यम से रिकार्ड अपडेट करने की सुविधा दी है। अभी डेढ़ लाख से अधिक डाकिया देशभर के गांव-गांव में जायेंगे। आधार अपडेट करने के साथ-साथ नया आधार कार्ड बनाने संबंधी जानकारी जुटाएंगे। हम देशभर के 6.5 लाख गांवों के लिए 50 हजार से अधिक आधार केंद्र खोल रहे हैं।
बैंक अकाउंट से जोड़ने पर फोकस
गर्ग के अनुसार यूआइडीएआइ एक मोबाइल एप्लीकेशन का निर्माण कर रही है, जिस पर लोग आधार अपडेट करने के अलावा रकम का लेनदेन तक कर सकेंगे। यह आधार को पैन, मोबाइल सिम कार्ड, राशन कार्ड और बैंक अकाउंट से पूरी तरह जोड़ देने पर भी फोकस कर रही है। उन्होंने कहा कि आधार असल में टेक्नोलाजी का ही एक प्रोग्राम है। ऐसे में हम आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, ब्लाकचेन और मशीन लर्निग जैसे टेक्नोलाजी की मदद से इसे और मजबूती देना और उपयोगकर्ताओं के लिए अधिक से अधिक सुरक्षित बनाना चाहते हैं। डिटेल अपडेट करने पर फोकस
वोटर कार्ड से भी जुड़ेगा आधार
आने वाले समय में आधार को वोटर कार्ड से भी जोड़ा जायेगा। सेंट्रल कैबिनेट की बुधवार को हुई मीटिंग में इसके बिल को मंजूरी दी गई है। इसका मकसद चुनाव में होने वाली फर्जी वोटिंग को रोकना है। सरकार ने चुनाव आयोग की सिफारिश के आधार पर ही यह फैसला किया है। आधार को वोटर कार्ड से जोड़ने से फर्जी वोटर कार्ड से होने वाली गड़बड़ी रोकी जा सकेगी।