नई दिल्ली: 15 हजार करोड़ रुपये के बाइक बोट घोटाले में CBI दर्ज किया FIR
CBI ने उत्तर प्रदेश की कंपनी बाइक बोट की ओर से किये गये 15,000 करोड़ रुपये के बड़े घोटाला मामले में FIR दर्ज किया है। सीबीआई ने इस मामले में कंपनी के चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर संजय भाटी और 14 अन्य लोगों एक्युज्ड बनाया है।
- 15 लोगों ने मिलकर देश भर से की ठगी
नई दिल्ली। CBI ने उत्तर प्रदेश की कंपनी बाइक बोट की ओर से किये गये 15,000 करोड़ रुपये के बड़े घोटाला मामले में FIR दर्ज किया है। सीबीआई ने इस मामले में कंपनी के चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर संजय भाटी और 14 अन्य लोगों एक्युज्ड बनाया है।
कंपनी डायरेक्टर समेत 14 लोगों पर देश भर में लाखों लोगों से ठगी का आरोप है। इ कंपनी के नाम पर लोगों को बाइक टैक्सी में इन्वेस्ट का ऑफर देकर 15 हाजर करोड़ रुपये की ठगी की गई।ठगी कर सभी फरार हो गये। इस घोटाला हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की ओर से किये गये फ्रॉड से भी बड़ा माना जा रहा है।
संजय भाटी ने गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड के नाम से कंपनी बनाई थी। इसके बाद बाइक बोट नाम से स्कीम की शुरुआत की गई। इसके तहत संजय भाटी और उसके साथियों ने लोगों से एक, तीन, पांच या फिर सात बाइकों में इन्वेस्ट के बाद आकर्षक रिटर्न का ऑफर दिया गया। कहा गया कि यह बाइक टैक्सी स्कीम है। इसमें पैसे लगाने पर लोगों को बड़ा रिटर्न मिलेगा। हालांकि हजारों करोड़ की ठगी करने के बाद संजय भाटी और उसके साथी फरार हो गये। कहा जा रहा है कि संजय भाटी फिलहाल देश में ही नहीं है।
इन्वेस्ट के बदले हर महीने रिटर्न का था ऑफर
कंपनी की ओर से ठगी की स्कीम के तहत लोगों को ऑफर दिया गया था कि वे बाइकों को खरीदने के लिए जो इन्वेस्ट करेंगे, उसके बदले में उन्हें हर महीने रिटर्न हासिल होगा। अन्य लोगों को जोड़ने पर कुछ अलग इंसेंटिव देने की भी बात कही गई थी। कंपनी ने देश के कई शहरों में अपनी फ्रेंचाइजी शुरू करने की भी बात कही। हालांकि यह स्कीम कहीं भी जमीन पर नहीं उतरी। लोगों से फ्रॉड जारी रहा। इस स्कीम को कंपनी ने 2017 में लॉन्च किया था। वर्ष 2019 के शुरुआती दिनों तक यह घोटाला लगातार जारी रहा। इस दौरान देश भर से लाखों लोगों ने कंपनी में लगभग15 हजार करोड़ रुपये का इन्वेस्ट कर दिया था।
सीबीआई की FIR में पुलिस पर भी उठा सवाल
सीबीआई से पहले इस केस में ईडी ने जांच शुरू की थी। एजेंसी की ओर से कंपनी के प्रमोटरों की 216 करोड़ रुपये की संपत्ति भी जब्त की थी। सीबीआई ने अपनी एफआईआर में उल्लेख है कि दो लाख लोगों से ठगी का यह मामला है। इसके तहत कंपनी ने विज्ञापन जारी करके लोगों से स्कीम में निवेश की अपील की थी। सीबीआई ने अपनी एजेंसी में पुलिस की ढिलाई पर भी सवाल उठाया है। रिपोर्ट के मुताबिक एसएसपी और एसपी क्राइम ब्रांच ने लोगों से अपनी शिकायतों को वापस लेने के लिए प्रेशर बनाया था।