नई दिल्ली: कोल मिनिस्टरी के बिना ऑर्डर के ही CMPF में 455 क्लर्क का प्रमोशन, इनक्रीमेंट,अब सैलरी से होगी वसूली
कोल मिनिस्टरी के ऑर्डर के बिना ही सीएमपीएफ में 455 क्लर्क को सेवन पे कमीशन के आधार पर प्रमोशन दे दी गई। विजीलेंस की जांच में यह खुलासा हुआ हैं।
- CMPF 24 किस्तों में स्टाफ को पेमेंट की गयी संकली इनक्रीमेंट की राशि वसूली होगी
- देशभर में सीएमपीएफ के 23 रीजनल ऑफिस में कार्यरत हैं क्लर्क
नई दिल्ली। कोल मिनिस्टरी के ऑर्डर के बिना ही सीएमपीएफ में 455 क्लर्क को सेवन पे कमीशन के आधार पर प्रमोशन दे दी गई। विजीलेंस की जांच में यह खुलासा हुआ हैं। सीएमपीएफ मैनेजमेंट ने प्रमोशन से संबंधित फाइल अनुमति के लिए कोल मिनिस्टरी को भेजी तो मिनिस्टरी ने इन क्लर्क से राशि वापस लेने का आदेश दिया है। धनबाद में 202,आसनसोल में 50,रांची में 91,हैदराबाद में 20,दिल्ली में छह,काठगोदाम में चार, देवघर में पांच, मारगेटा में सात,संबलपुर में 30 व गोदवरी खनीक 40 क्लर्क पोस्टेड हैं।
प्रमोशन पानेवाले क्लर्क के सैलरी से पिछले अगस्त से राशि की कटौती शुरू हो गई है। क्लर्क को वर्ष की मई से वर्ष 2020 की जून तक इक्रीमेंट का लाभ मिल गया था। सीएमपीएफ के ये क्लर्क देश के 23 रीजनल ऑफिस में पोस्टेड हैं। सीएमपीएफ हेडक्वार्टर धनबाद में है। अब इन क्लर्क के सैलरी से 24 किस्तों में लगभग छह करोड़ रुपये वसूल किये जायेंगे। मामले का खुलासा होने के बाद सीएमपीएफ को हर साल दो करोड़ रुपये की बचत होगी।
बताया जाता है कि प्रमोशन के साथ सैलरी इनक्रीमेंट का लाभ मिलने से स्टाफ को इकनॉमिकल लाभ भी हुआ था। सभी को बकाया एरियर भी पमेंट किया गया था। जब आडिट शुरू हुई तो यह राशि लगभग छह करोड़ तक पहुंच गई। आडिट रिपोर्ट में भी बिना ऑर्डर के प्रमोशन की बात सामने आई।सेंट्रल पे कमीशन के तहत वर्ष 2016 अप्रैल के पहले ही इसका लाभ लेना था। लेकिन सीएमपीएफ ने कट आफ डेट की अनदेखी कर सेवेन पे कमीशन एग्रीमेंट के तहत पे रिवाइज कर प्रोमोशन देते हुए सैलरी इनक्रीमेंट दे दिया गया। नियमानुसार यह लाभ दिया भी गया तो कोल मिनिस्टरी से अनुमति लेनी चाहिए थी। सीएमपीएफ मैनेजमेंट ने मिनिस्टरी से अनुमति नहीं लिया।