नई दिल्ली: देश में दो साल में खत्म हो जायेंगे टोल बूथ: नितिन गडकरी
सेंट्रल सड़क परिवहन और राजमार्ग मिनिस्टर नितिन गडकरी ने कहा है कि गवर्नमेंट ने आसान और गाड़ियों के मूवमेंट में बाधा डाले बिना टोल कलेक्शन के लिए जीपीएस आधारित सिस्टम को अंतिम रूप दे दिया है। इससे अगले दो साल में इंडिया टोल बूथ मुक्त हो जायेगा।
- आसान और गाड़ियों के मूवमेंट में बाधा डाले बिना टोल कलेक्शन के लिए जीपीएस आधारित सिस्टम
- गाड़ियों के मूवमेंट को ट्रैक करके सीधे वैकिल ऑनर के अकाउंट से टोल टैक्स काट लिया जायेगा
नई दिल्ली। सेंट्रल सड़क परिवहन और राजमार्ग मिनिस्टर नितिन गडकरी ने कहा है कि गवर्नमेंट ने आसान और गाड़ियों के मूवमेंट में बाधा डाले बिना टोल कलेक्शन के लिए जीपीएस आधारित सिस्टम को अंतिम रूप दे दिया है। इससे अगले दो साल में इंडिया टोल बूथ मुक्त हो जायेगा।
गडकरी ने बताया कि किस तरह गाड़ियों के मूवमेंट को ट्रैक करके सीधे वैकिल ऑनरों के बैंक अकाउंट से टोल काट लिया जायेगा।उन्होंने गुरुवार को असोचैम के एक कार्यक्रम में प्लान के बारे में डिटेल जानकारी देते हुए कहा कि वाहनों के मूवमेंट के आधार पर बैंक अकाउंट से टोल राशि काट ली जायेगी। मिनिस्टर कहा कि सभी कमर्शियल वैकिल अब ट्रैकिंग सिस्टम के साथ आ रहे हैं। गवर्नमेंट ओल्ट वैकिल्स में जीपीएस टेक्नॉलजी लगवाने के लिए प्लान लायेगी। अब सभी कॉमर्शल वाहनों में ट्रैकिंग सिस्टम लगा होता है। गवर्नमेंट ओल्ड वैकिल्स में भी जीपीएस सिस्टम इंस्टॉल करायेगी। '
गडकरी ने यह भी कहा कि इस साल मार्च तक देश में टोल कलेक्शन 34 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। जीपीएस टेक्नॉलजी से टोल कलेक्शन से इसमें काफी वृद्धि होगी। अगले पांच सालों में यह एक लाख 34 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच जायेगा। उल्लेखनीय है कि है कि इससे पहले नितीन गडकरी ने देश में फास्टैग सिस्टम लागू किया है, इससे वैकिल टॉल बूथों पर रुके बिना टोल पे कर सकते हैं।
गडकरी ने कहा कि इंडिया में रोजगार सृजन और गरीबी दूर करने के लिए औद्योगिक विकास अहम है। अभी तक देश में उद्योग कुछ शहरी इलाकों तक केंद्रित हैं। उन्होंने कहा कि विकास के लिए इनका विकेंद्रीकरण जरूरी है। शहरीकरण बढ़ने से दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता और दूसरे शहरों में समस्याएं गंभीर हो रही हैं। उन्होंने इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए पब्लिक-प्राइवेट निवेश की भी वकालत की और कहा कि आर्थिक रूप से जो प्रोजेक्ट वहनीय नहीं होंगे, उनमें सरकार मदद करेगी।