पाकिस्तान: पीएम इमरान खान की कुर्सी खतरे में, अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले आर्मी की शरण में
पाकिस्तान के पीएम इमरान खान की कुर्सी खतरे में है। विपक्षी दलों के अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले इमरान आर्मी की शरण में चले गए हैं। इमरान की शुक्रवार को सैन्य प्रमुख कमर जावेद बाजवा से मुलाकात देश के सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है। संसद में नेता प्रतिपक्ष शहबाज शरीफ ने दावा किया कि सैन्य प्रतिष्ठान मौजूदा राजनीतिक संकट व पीएम इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के मामले में किसी का पक्ष नहीं ले रहे।
- 14 असंतुष्ट एमपी को जारी किया नोटिस
- इमरान की रणनीति कामयाब नहीं होने वाली है क्योंकि आर्मी है इस पचड़े से दूर
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पीएम इमरान खान की कुर्सी खतरे में है। विपक्षी दलों के अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले इमरान आर्मी की शरण में चले गए हैं। इमरान की शुक्रवार को सैन्य प्रमुख कमर जावेद बाजवा से मुलाकात देश के सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है। संसद में नेता प्रतिपक्ष शहबाज शरीफ ने दावा किया कि सैन्य प्रतिष्ठान मौजूदा राजनीतिक संकट व पीएम इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के मामले में किसी का पक्ष नहीं ले रहे।
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पीएम व आर्मी चीफ की बैठक का नतीजा काफी अहम
अटकलें लगायी जा रही है कि इमरान व बाजवा की मुलाकात देश के मौजूदा राजनीतिक हालात पर केंद्रित थी। जबकि लोकल मीडिया का दावा है कि इसके एजेंडे में इस्लामिक देशों के संगठन (ओआइसी) का आगामी सम्मेलन, बलूचिस्तान में अशांति व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव जैसे बिंदु शामिल थे। पाकिस्तानी समाचार चैनल कैपिटल टीवी के अनुसार, 'पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) नेता इस बैठक के नतीजे का इंतजार कर रहे हैं। मौजूदा राजनीतिक माहौल में बैठक का नतीजा काफी अहम होगा।'
अपनी सरकार बचाना चाहते हैं इमरान
बताया जा रहा है कि इस मुलाकात के जरिये इमरान फिर से सेना की गुडबुक में शामिल होकर अपनी सरकार की रक्षा करना चाहते हैं। 11 मार्च के इमरान के भाषण में सैन्य प्रतिष्ठान व उनके बीच चल रही तनातनी सामने आ गई थी।इमरान ने जेयूआइ-एफ नेता मौलाना फजलुर रहमान का हवाला देते हुए कहा था, 'मैं सेना प्रमुख जनरल बाजवा से बात कर रहा था। उन्होंने मुझसे कहा कि फजल को डीजल न कहें। लेकिन, मैं अकेला नहीं हूं जो ऐसा कह रहा हूं। लोगों ने उनका नाम ही डीजल रख दिया है। वहीं सरकार की सहयोगी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-कायद (पीएमएल-क्यू) के नेता चौधरी शुजाद हुसैन ने हार्स ट्रेडिंग के आरोपों को खारिज कर दिया।
अविश्वास प्रस्ताव 28 मार्च को वोटिंग
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के विपक्षी दलों के 100 से ज्यादा एमपी ने पीएम इमरान खान के खिलाफ आठ मार्च को अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है। नेशनल असेंबली की कार्यवाही 21 मार्च से शुरू होने और वोटिंग 28 मार्च को होने की संभावना है।सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) पार्टी के असंतुष्ट 25 सांसदों ने इस्लामाबाद के सिंध हाउस में डेरा डाल दिया। इससे नाराज पीटीआइ कार्यकर्ता गेट तोड़ते हुए सिंध हाउस में प्रवेश कर गए। पुलिस ने 13 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया, जहां से निजी मुचलके पर उन्हें जमानत दे दी गई। कार्यकर्ताओं का समर्थन कर रहे दो एमपी को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जिन्हें सरकारी दखल के बाद छोड़ दिया गया। गृह मंत्री शेख रशीद ने घटना की निंदा की है। सिंध प्रांत के सीएम सैयद मुराद अली शाह ने पुलिस पर प्रदर्शनकारियों के सहयोग का आरोप लगाया है। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के पंजाब प्रांत के अध्यक्ष राणा सनाउल्ला ने बताया कि उनकी पार्टी की नेता मरियम नवाज व हमजा शहबाज के नेतृत्व में विपक्ष लांग मार्च करते हुए 27 मार्च को इस्लामाबाद में प्रवेश करेगा और कंस्टीट्यूशन एवन्यू के सामने धरना देगा। लांग मार्च की शुरुआत 24 मार्च को लाहौर से होगी।
14 असंतुष्ट सांसदों को नोटिस
सत्तारूढ़ पीटीआइ ने पार्टी के 14 असंतुष्ट सांसदों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उन्हें तत्काल माफी मांगने व बिना शर्त हफ्ते भर में पार्टी में लौटने का आदेश दिया गया है। वहीं सत्तारूढ़ पीटीआइ के संस्थापक सदस्य नजीब हारून ने कहा कि इस राजनीतिक संकट से पार पाने के लिए इमरान खान को कुर्सी छोड़ देनी चाहिए। पार्टी के किसी दूसरे नेता को मौका देने के बाद यह संकट खत्म हो जायेगा।
'तीसरी ताकत' को उकसा रहे इमरान : पीपीपी
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने दावा किया कि इमरान खान देश में संकट पैदा कर 'तीसरी ताकत' को बल प्रयोग के लिए उकसा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इमरान खान ने पहले तो संसद लाज में पुलिस भेजकर विपक्ष पर हमला किया। फिर पीटीआइ कार्यकर्ताओं ने सिंध हाउस पर हमला करके उन्हें डराने की कोशिश की।
आर्मी चीफ को हटाने pwme आत्मघाती कदम उठा सकते हैं इमरान
न्यूज एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक मुश्किलों में घिरे इमरान खान आत्मघाती रणनीति चुन सकते हैं। वह सेना प्रमुख को हटाने का कदम उठा सकते हैं जो स्थिति को बेहद खतरनाक बना सकता है।रिपोर्ट के अनुसार आर्मी चीफ को हटाने से इमरान की पार्टी के नेताओं के कुछ विवादित वीडियो या भ्रष्टाचार से जुड़े दस्तावेज जारी किये जा सकते हैं। यदि ऐसा होता है तो विपक्षी दलों को एक बड़ा मौका हाथ लग जाएगा। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस्लामाबाद स्थित सिंध हाउस पर पीटीआई कार्यकर्ताओं का हमला इमरान खान की हताशा को दर्शाता है। पीपीपी संचालित सिंध हाउस में बड़ी संख्या में पार्टी के बागी नेताओं ने शरण ले रखी है।
वोटिंग के दिन पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ राजधानी में जमावड़े की धमकी
इमरान खान ने बागी सांसदों पर दबाव बनाने के लिए वोटिंग के दिन अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ राजधानी में जमावड़े की धमकी दी है। इनमें उनके समर्थक उग्रवादी समूहों के रैंक से शामिल हो सकते हैं। इमरान अपने इस छोटे कार्यकाल में इन कट्टरपंथी समूहों का समर्थन करते रहे हैं। रिपोर्ट में यही भी अंदेशा जताया गया है कि कोई भी सामूहिक हिंसा या हमला पाकिस्तान के लिए विनाश ला सकता है। सत्ता पक्ष के दो दर्जन से ज्यादा विधायकों के बागी होने से पीएम के रूप में इमरान खान के गिने चुने दिन बच गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक परमाणु हथियार से संपन्न लेकिन आर्थिक रूप से अक्षम पाकिस्तान में आतंकी संगठन भी मौके का फायदा उठाने और विभिन्न हितधारकों के बीच पकड़ बनाने के लिए तैयार हैं। ऐसे में यह मुल्क बिना गोलीबारी या युद्ध अस्थिर होने की ओर बढ़ चला है।