FATF की ग्रे लिस्ट में बना रहेगा पाकिस्तान, आतंकियों के मददगार पाक को फिर झटका

एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में ही बरकरार रखने का फैसला किया है। पेरिस स्थित वित्तीय कार्रवाई कार्य बल एफएटीएफ की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पाकिस्तानी सरकार आतंकवाद के खिलाफ 34 सूत्रीय एजेंडे में से चार को पूरा करने में विफल रही है। 

FATF की ग्रे लिस्ट में बना रहेगा पाकिस्तान, आतंकियों के मददगार पाक को फिर झटका

इस्लामाबाद। एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में ही बरकरार रखने का फैसला किया है। पेरिस स्थित वित्तीय कार्रवाई कार्य बल एफएटीएफ की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पाकिस्तानी सरकार आतंकवाद के खिलाफ 34 सूत्रीय एजेंडे में से चार को पूरा करने में विफल रही है। 

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एफएटीएफ का अगला सेशन अप्रैल 2022 में होने वाला है। माना जा रहा है कि तब तक पाकिस्तान एफएटीएफ की ‘ग्रे लिस्ट’ में ही बना रहेगा। अब पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से हटाने पर फैसला अप्रैल 2022 में आयोजित होने वाली बैठक में लिया जा सकता है।आतंकी फंडिंग की निगरानी करने वाले निकाय एफएटीएफ ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान अभी उसकी 'ग्रे (संदिग्ध) सूची' में ही बरकरार रहेगा क्योंकि उसको दिखाना होगा कि संयुक्त राष्ट्र की ओर से घोषित हाफिज सईद और मसूदद अजहर जैसे आतंकियों और उनके नेतृत्व वाले समूहों के खिलाफ सख्त कदम उठाये जा रहे हैं। उल्लेखनी. है कि हाफिज सईद और मसूद अजहर भी भारत की वां‍टेड लिस्ट में भी हैं।

2018 से ही एफटीएएफ की ग्रे लिस्ट में बना है पाकिस्तान  
एफएटीएफ के अध्यक्ष मार्कस प्लेयर ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि संस्थां के आनलाइन अधिवेशन में पाकिस्तान को निगरानी सूची में ही बरकरार रखने का फैसला लिया गया है। हम चाहते हैं कि पाकिस्तान की तरफ से आतंकी फंडिंग के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई पारदर्शी हो। यही नहीं पाकिस्तासन सरकार की ओर से संयुक्त राष्ट्र की ओर से घोषित आतंकी नेताओं और उनके सहयोगियों के खिलाफ कर्रवाई की जाए।पाकिस्तान  2018 से ही इस एफटीएएफ की ग्रे लिस्ट में बना हुआ है। पाकिस्तान को वैश्विक FATF मानकों को प्रभावी ढंग से लागू करने में विफल रहने और संयुक्त राष्ट्र द्वारा चिन्हित आतंकवादी समूहों के वरिष्ठ नेताओं और कमांडरों की जांच और अभियोजन पर प्रगति की कमी के कारण पाकिस्तान को 'ग्रे सूची' में रखा गया था। FATF के अध्यक्ष ने  कहा था कि पाकिस्तान तब तक ग्रे लिस्ट में रहेगा जब तक कि वह जून 2018 में सहमत मूल कार्य योजना के साथ-साथ वॉचडॉग के क्षेत्रीय साझेदार एशिया पैसिफिक ग्रुप (APG) द्वारा 2019 में सौंपे गए समानांतर कार्य योजना पर सभी मदों को संबोधित नहीं करता। 

मारीशस और बोत्सवाना एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर
पाकिस्तान के साथ-साथ तुर्की भी ग्रे लिस्ट में है। एफएटीएफ के अध्यक्ष प्लेयर ने कहा कि तुर्की को अपने एक्शन प्लान पर कार्रवाई दिखानी होगी। इसके अलावा गैर सरकारी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई में भी पारदर्शिता दिखानी होगी। हालांकि मारीशस और बोत्सवाना एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर हो गया है।एफएटीएफ की ओर से जारी बयान में कहा गया कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधित आतंकवादियों के खिलाफ भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। एफएटीएफ ने जार्डन, माली और तुर्की को ग्रे लिस्ट में रखा है। एफएटीएफ ने बताया कि पाकिस्ताडन को 34-सूत्रीय कार्य योजना सौंपी गई थी जिसमें से 30 पर ही कार्रवाई हुई है। हालांकि एफएटीएफ की ओर से बोत्सवाना और मारीशस को ग्रे लिस्ट से बाहर कर दिया है। एफएटीएफ का कहना है कि इन देशों ने आतंकी फंडिंग को रोकने के लिए बड़ी कार्रवाई की है।

एफएटीएफ ने जून में पाकिस्तान को ब्लै क मनी पर रोक नहीं लगाने और टेरर फंडिंग पर 'ग्रे लिस्ट' में रखा था। यही नहीं एफएटीएफ ने पाकिस्ताऔन को संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकी संगठनों से जुड़े हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकी सरगनाओं पर मुकदमा चलाने के भी निर्देश दिये थे। एफएटीएफ की ओर से पाकिस्तान को एक कार्य योजना दी गई थी जिसे पूरा करने को कहा गया था।