कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट से वर्ल्ड में दहशत, ब्रिटेन बेल्जियम, इजरायल, हांगकांग और जर्मनी में मिले मामले
कोरोना वायरस के नये वैरिएंट ओमीक्रोन को लेकर वर्ल्ड भर में दहशत फैल गई है। साउथ अफ्रीका, इजराइल, हॉन्गकॉन्ग, बोत्सवाना, बेल्जियम, जर्मनी, चेक रिपब्लिक और ब्रिटेन में कोरोना के अब तक के सबसे संक्रामक वैरिएंट ओमीक्रोन पहुंच गया है।
- उड़ानों पर रोक, सीमाएं सील
साउथ अफ्रीका से कर्नाटक पहुंचे दो लोग डेल्टा वैरिएंट कोरोना संक्रमित
हेग। कोरोना वायरस के नये वैरिएंट ओमीक्रोन को लेकर वर्ल्ड भर में दहशत फैल गई है। साउथ अफ्रीका, इजराइल, हॉन्गकॉन्ग, बोत्सवाना, बेल्जियम, जर्मनी, चेक रिपब्लिक और ब्रिटेन में कोरोना के अब तक के सबसे संक्रामक वैरिएंट ओमीक्रोन पहुंच गया है। इस वैरिएंट को रोकने के लिए सक्रियता बढ़ गई है। सभी देशों की तरफ से उपाय किये जाने लगे हैं।
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उड़ानों पर रोक
यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के साथ ब्रिटेन ने सात अफ्रीकी देशों के लिए उड़ानों पर एक दिन पहले ही पाबंदी लगा दी थी। आस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, ईरान, जापान थाइलैंड, और अमेरिका समेत अन्य कई देशों ने उड़ान पर रोक लगा दिया है। हालांकि डब्ल्यूएचओ ने सभी राष्ट्रों से जल्दबाजी में कोई भी प्रतिबंधात्मक कदम नहीं उठाने की अपील की है, लेकिन उसका कोई असर नजर नहीं आ रहा है।
कई देशों में मिले मामले
ओमीक्रोन वैरिएंट पहले ही कई देशों में फैल चुका है। बेल्जियम, हांगकांग और इजरायल में इसके मामलों की पुष्टि हो चुकी है। जर्मनी में भी एक संदिग्ध के पाए जाने की खबर है। नीदरलैंड में भी दक्षिण अफ्रीका से दो उड़ानों से आये 61 यात्रियों के कोरोना से संक्रमित पाये गये हैं। नये वैरिएंट की पुष्टि के लिए आगे की जांच कराई जा रही है।
बोर्डर सील
ओमीक्रोन को डेल्टा वैरिएंट से भी अधिक संक्रामक बताया जा रहा है। इसलिए लगभग सभी देशों की तरफ से एहतियाती कदम उठाये जा रहे हैं। साउथ अफ्रीकी देशों से जिन देशों की बोर्डर लगती हैं उन्होंने उन्हें सील करना शुरू कर दिया है।
वैक्सीन के प्रभावी होने की उम्मीद
एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन विकसित करने वाले आक्सफोर्ड वैक्सीन समूह के प्रोफेसर एंड्र्यू पोलार्ड ने उम्मीद जताई है कि मौजूदा वैक्सीन ओमीक्रोन से गंभीर बीमारी को रोकने में प्रभावी हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसके ज्यादातर म्यूटेशन उन्हीं क्षेत्रों में हुए हैं जहां पहले के वैरिएंट के हुए थे। यह बताता है कि भले ही ज्यादा म्यूटेशन हुए, जैसे अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा वैक्सीन गंभीर बीमारी को रोकने में प्रभावी रहीं। टीकाकरण वाली आबादी में इससे भारी तबाही की आशंका नहीं है।
अफ्रीका में कम वैक्सीनेशन भी ज्यादा प्रसार का कारण
अफ्रीकी देशों में अभी तक मात्र छह परसेंट लोगों का ही कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीनेशनहो सका है। सबसे जोखिम वाले समूह में आने वाले स्वास्थ्यकर्मियों और लाखों दूसरी आबादी को अभी तक वैक्सीन की एक डोज तक नहीं लग पाई है। अफ्रीकी देशों में इस नये वैरिएंट के तेजी से फैलने की एक मुख्य वजह यह भी है।
कहां कितने केस मिले
साउथ अफ्रीका में 21 नवंबर को ओमीक्रोन वैरिएंट पहला मामला सामने आया। इसके बाद अब तक इस वैरिएंट से 77 लोग इंफेक्ट हो गए हैं।
बोत्सवाना में भी चार लोग इस वैरिएंट से इंफेक्टेड मिले हैं। बोत्सवाना में पूरी तरह वैक्सीनेटेड लोग भी इसकी चपेट में आ गये हैं। हॉन्ग कॉन्ग में भी इस नये वैरिएंट के दो केस मिले हैं। इजराइल में भी इस वैरिएंट से इन्फेक्टेड एक केस की पुष्टि हुई है। इंफेक्टेड व्यक्ति दक्षिण अफ्रीका के मलावी से लौटा है।बेल्जियम और जर्मनी में भी इसके एक-एक केस सामने आ चुके हैं। यहां ट्रेसिंग बढ़ा दी गई है। विदेश से आने वालों पर सख्ती बरती जा रही है।चेक रिपब्लिक में भी एक केस सामने आये हैं। ब्रिटेन के हेल्थ सेक्रेटरी ने शनिवार को दो केस की पुष्टि की है।
जर्मनी ने साउथ अफ्रीका आने-जाने पर बैन लगाया
जर्मनी ने भी साउथ अफ्रीका आने-जाने वाले नागरिकों के ट्रैवल पर बैन लगाने का फैसला किया है। वैक्सीन लगे होने के बावजूद जर्मनी के नागरिकों को देश पहुंचने पर 14 दिनों तक क्वारैंटाइन में रहना होगा। साउथ अफ्रीका से शुक्रवार को दो फ्लाइट्स 61 यात्री नीदरलैंड पहुंचे। इन सबकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद नीदरलैंड की चिंता बढ़ गई है। हेल्थ अफसरों को इस बात का डर है कि कहीं इन यात्रायों में भी ओमिक्रोन के लक्षण न मिलें।
ब्रिटेन ने साउथ अफ्रीका समेत सात देशों पर बैन लगाये
ब्रिटेन ने साउथ अफ्रीका के अलावा छह और देशों को रेड लिस्ट में शामिल किया है। यूके ने शुक्रवार से साउथ अफ्रीका, बोत्सवाना, लेसोथो, इस्वातिनी, जिम्बाब्वे और नामीबिया से आने वाले पैसेंजर्स पर यात्रा प्रतिबंध लागू किए हैं। हालांकि, ब्रिटेन में अब तक इस तरह का कोई मामला सामने नहीं आया है।यूरोप में भी इस वैरिएंट को लेकर सख्ती बरती जा रही है। ऑस्ट्रिया, चेक गणराज्य, जर्मनी, इटली और नीदरलैंड ने शुक्रवार को दक्षिण अफ्रीका से उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया। कुछ यूरोपीय देशों ने बोत्सवाना, इस्वातिनी (स्वाजीलैंड), लेसोथो, नामीबिया, जाम्बिया और जिम्बाब्वे से उड़ानें भी सस्पेंड कर दी हैं। फ्रांस,इजराइल, सिंगापुर, जर्मनी और इटली ने भी दक्षिण अफ्रीकी विमानों पर रोक लगा दी है।बांग्लादेश ने भी दक्षिण अफ्रीका आने-जाने पर पाबंदी लगा दी है। नेपाल में भी दक्षिण अफ्रीका से आने वाले यात्रियों को सात दिन क्वारैंटाइन में रखने का निर्देश जारी किया है। हेल्थ मिनिस्ट्री के प्रवक्ता कृष्ण प्रसाद पौडेल ने बताया कि नेपाल और साउथ अफ्रीका के बीच कोई सीधी उड़ान नहीं है, लेकिन जो यात्री अन्य अफ्रीकी देशों के जरिए यहां आएंगे उन्हें एक हफ्ते के क्वारैंटाइन से गुजरना होगा।
साउथ अफ्रीका से कर्नाटक पहुंचे दो लोग डेल्टा वैरिएंट कोरोना संक्रमित
बेंगलुरु के केंपगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर साउथ अफ्रीका के दो नागरिकों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने पर हड़कंप मच गया। न्यूज एजेंसी एएनआइ अनुसार फिलहाल इनमें डेल्टा वैरिएंट की पुष्टि हुई है। हालांकि अभी इनके नए वैरिएंट ओमीक्रोन से संक्रमित होने की पुष्टि नहीं हुई है। सैंपल की जिनोमिक सिक्वेंसिंग के रिजल्ट आने अभी बाकी हैं। नये वैरिएंट के जोखिमों को देखते हुए राज्य सरकारों ने विदेश से आने वाले यात्रियों को लेकर सख्त कदम उठाये हैं। अत्यधिक जोखिम वाले 10 देशों से इस महीने अब तक यहां 584 लोग आ चुके हैं। इनमें से साउथ अफ्रीका से 94 लोग भी शामिल हैं।