Abbas Ansari की बैरक के बाहर बॉडी-वार्न कैमरे से लैस बंदी रक्षक तैनात, ड्रोन से कासगंज जेल की निगरानी
उत्तर प्रदेश कासगंज जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के एमएलए पुत्र अब्बास अंसारी की निगरानी और बढ़ा दी गयी है। अब्बास जेलमें अपना फिर कोई नेटवर्क न खड़ा कर सके, इसके लिए ड्रोन व बाडी वार्न कैमरों की भी मदद ली जा रही है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश कासगंज जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के एमएलए पुत्र अब्बास अंसारी की निगरानी और बढ़ा दी गयी है। अब्बास जेलमें अपना फिर कोई नेटवर्क न खड़ा कर सके, इसके लिए ड्रोन व बाडी वार्न कैमरों की भी मदद ली जा रही है।
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डीजी जेल आनन्द कुमार के निर्देश पर कासगंज जेल की निगरानी के लिए एक ड्रोन व पांच बाडी वार्न कैमरे उपलब्ध कराए गये हैं। अब ड्रोन कैमरे की मदद से कासगंज जेल व उसके आसपास निगरानी की जा रही है और कारागार मुख्यालय स्थित कंट्रोल रूम में अफसर उस पर नजर बनाये हुए हैं। कासगंज जेल की जिस हाई सिक्योरिटी बैरक में अब्बास को रखा गया है, उसके बाहर एक बंदी रक्षक को बाडी वार्न कैमरे के साथ तैनात किया गया है। जिससे वहां की हर गतिविधि रिकार्ड हो सके। जेल अफसरों को कैमरे की फीड सुरक्षित रखने के साथ ही हेडक्वार्टर को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये हैं। कासगंज जेल में ही बंद कुख्यात अपराधी ध्रुव कुमार सिंह उर्फ कुंटू सिंह की बैरक के बाहर भी बाडी वार्न कैमरे से लैस बंदी रक्षक की ड्यूटी लगाई गई है। बाडी वार्न कैमरे से लैस एक बंदी रक्षक मुख्य गेट पर तथा दो बंदी रक्षकों को अन्य संवेदनशील स्थानों पर तैनात किये जाने का निर्देश है।
अब्बास की बैरक के आसपास तैनात बंदी रक्षकों की ड्यूटी हर माह नियमित रूप से बदले जाने के साथ ही हर बार नये बंदी रक्षकों को तैनात किए जाने का निर्देश भी दिया गया है। ताकि इस बार कोई गड़बड़ी न हो। एमएलए अब्बास अंसारी के भाई उमर अंसारी ने मुख्य सचिव को एक पत्र लिखकर कासगंज जेल में निरुद्ध अपराधी ध्रुव कुमार सिंह उर्फ कुंटू सिंह से अब्बास की जान को खतरा जताया था, जिसके बाद कारागार प्रशासन ने सुरक्षा-व्यवस्था को और पुख्ता किया है।
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मुख्तार की बहू ने SIT के सामने उगले राज, कई बार बनाया खराब तबीयत का बहाना
माफिया मुख्तार अंसारी की निखत बानो की पुलिस कस्टडी रिमांड सोमवार को समाप्त होने पर जेल भेज दिया गया। कोर्ट ने 17 फरवरी को निखत की तीन दिन और नियाज की पांच दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड दी थी। अभी नियाज से पुलिस दो दिन और पूछताछ करेगी। तीन दिन में निखत से लगभग पांच दर्जन सवाल पूछे गयेहैं जिसमें उसने जेल अफसरों व मददगारों के नामों को बताया है।
चित्रकूट जेल में 11 फरवरी को डीएम व एसपी ने निखत को जेल सुपरिटेंडेंट के ऑफिस के एक कमरे से पकड़ा था। उसके पास से दो मोबाइल फोन, 21 हजार रुपये नकदी, 12 रियाल (साउदी अरब) की मुद्रा, सोने व चांदी के आभूषण बरामद किये गये थे। उस पर बिना इंट्री के जेल में जाने व पति अब्बास को जेल से भगाने की साजिश रचने का आरोप था। जेल चौकी प्रभारी श्यामदेव सिंह ने कर्वी कोतवाली में विधायक अब्बास अंसारी, पत्नी निखत बानो, चालक नियाज, जेल एसपी अशोक सागर, जेलर संतोष कुमार और वार्डर जगमोहन समेत अन्य ड्यूटी में रहे जेल कर्मियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, किसी व्यक्ति को मृत्य या घोर उपहति के लिए धमकाने, बंदी को भगाने की साजिश रचने सहित कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था।निखत-नियाज की गिरफ्तारी के बाद डीआईजी जेल शैलेंद्र कुमार मैत्रेय ने जांच की थी जिसमें आरोपित जेल अफसरों के अलावा पांच और जेल कर्मी दोषी मिले थे। जिनको शासन ने निलंबित कर दिया है। उधर पुलिस ने निखत को रिमांड में लेने के बाद तीन दिन पुलिस लाइन में रखा। वहां पर एसआईटी ने निखत और नियाज काफी लंबी पूछताछ की।
सपा नेताओं के साथ कंट्रेक्टर व प्रापर्टी डीलर का नाम आया सामने
तीन दिन की पूछताछ में कई बार निखत ने तबीयत खराब होने का भी बहाना बनाया। पुलिस दवा व कुछ घंटे आराम करने के बाद पूछताछ का सिलसिला जारी रखा तो वह टूट गई और सभी राज उगल दिए। एसआईटी ने निखत से पूछा चित्रकूट जनपद में किसकी मदद लेती थी और किसने उसका जेल के अधिकारियों से परिचय कराया था? जेल अधिकारियों को क्या गिफ्ट दिया गया है?
एसआईटी ने किए पांच दर्जन से अधिक सवाल
इन सवालों के जवाब में सपा महासचिव फराज खान के अलावा और कुछ सपा नेताओं के नाम सामने आए है वहीं ठेकेदार व प्रापर्टी डीलर का भी नाम बताया गया है। जिसके जेल में अच्छे ताल्लुकात हैं। उसी ने जेल अफसरों से सपा नेताओं के माध्यम से निखत की जेल में सेटिंग कराई थी। प्रापर्टी डीलर भी भूमिगत हो गया है। फराज पहले से फरार है।रविवार को कर्वी कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक प्रभुनाथ यादव ने पुलिस बल के साथ उसके घर छापा मारा था। फराज के नहीं मिलने पर उसके पिता मुन्ने खां को पूछताछ के लिए लेकर पुलिस आई थी। पुलिस विवेचना में मिले इलेक्ट्रानिक्स साक्ष्यों को एकत्र फोरेंसिक लैब में जांच के लिए भेज गया है। उसमें तमाम नेताओं की काल डिटेल हैं साथ ही जेल अफसरों को दिए गए उपहारों के भी साक्ष्य हैं।