राजस्थान: गहलोत व पायलट में बढ़ेगी विवाद, जी19 के एमएलए ने सोनिया, राहुल व प्रियंका से मिलने का समय मांगा
राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत और एक्स डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच एक साल से ज्यादा समय से चल रहा का सियासी विवाद सुलझने के बजाय और उलझता जा रहा है। सीएम गहलोत भी पीछे हटने के मूड में नहीं है। प्रदेश प्रभारी अजय माकन का पायलट के पक्ष में बयान आने के बाद सीएम खेमे ने गोलबंदी शुरु कर दी है।
- अब निर्दलीय भी मांग रहे गवर्नमेंट में हिस्सेदारी
- सचिन पर बीजेपी से मिलीभगत का आरोप
जयपुर। राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत और एक्स डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच एक साल से ज्यादा समय से चल रहा का सियासी विवाद सुलझने के बजाय और उलझता जा रहा है। सीएम गहलोत भी पीछे हटने के मूड में नहीं है। प्रदेश प्रभारी अजय माकन का पायलट के पक्ष में बयान आने के बाद सीएम खेमे ने गोलबंदी शुरु कर दी है।
बताया जाता है कि रणनीति के तहत सरकार को समर्थन दे रहे 13 निर्दलियों एमएलए के साथ बीएसपी से कांग्रेस में शामिल हुए छह एमएलए ने ग्रुप जी-19 बना लिया। इन एमएलए ने कांग्रेस प्रसिडेंट सोनिया गांधी, राहुल गांधी व प्रियंका गांधी से मुलाकात का समय मांगा है। इन एमएलए ने पायलट खेमे को गद्दार बताते हुए कांग्रेस आलाकमान से फिर कहा कि यदि हम साथ नहीं होतो गहलोत सरकार अब तक गिर गई होती। जी-19 की 23 जून को होने वाली बैठक से पहले निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस आलाकमान से कहा कि यदि पायलट खेमे को सरकार में भागीदारी देने का प्रयास किया गया तो वे समर्थन वापसी पर विचार करेंगे। उन्होंने रालोद के सुभाष गर्ग के साथ जाने का दावा किया है।
वहीं गहलोत खेमे की प्रेसर पॉलिटिक्स को भांपते हुए पायलट ने रविवार से स्टेट में दौरे शुरू कर दिये हैं। सिचन अब जिलों में जाकर वे अपनी राजनीतिक ताकत दिखाएंगे। रणनीति के तहत उन्होंने रविवार से जिलों के दौरे शुरू कर दिए। पहले दिन अलवर जिले के दौरे पर गए। जयपुर से अलवर जाते समय उनका कई स्थानों पर स्वागत हुआ। यहां उन्होंने सीआरपीएफ के शहीद जवान शेर सिंह जाटव और एमएलए जौहरी लाल के घर जाकर उनके परिजनों से मुलाकात की। मीणा की पत्नी का दो दिन पहले ही निधन हुआ है।
निर्दलीयों व बसपा से कांग्रेस में शामिल एमएलए को आगे बढ़ाने के पीछे गहलोत की रणनीति मानी जा रही है। इन 19 एमएलए को आगे कर गहलोत मंत्रिमंडल विस्तार व राजनीतिक नियुक्तियों के काम को टालना चाहते हैं। आलाकमान व पायलट खेमे के दबाव के बीच गहलोत ने रविवार को अपने विश्वस्तों के साथ रणनीति बनाई। उन्होंने साफ किया कि वे दबाव में आकर कोई काम नहीं करेंगे। वे पायलट खेमे के साथ किसी तरह का समझौता करने के मूड में नहीं है। उधर, पायलट भी दबाव कायम रखना चाहते हैं।
एमएलए संयम लोढ़ा और बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि हमारे कारण गहलोत सरकार बची। पायलट ने तो सरकार गिराने में कोई कमी नहीं छोड़ी थी। वे बीजेपी से मिल गये थे। अब भी वे बीजेपी नेताओं के संपर्क में है। राजस्थान में वही होगा जो गहलोत चाहेंगे। संदीप यादव ने कहा कि हम दिल्ली जाकर कांग्रेस आलाकमान से मिलेंगे और बता.ेंगे कि पायलट खेम गद्दार है। उन्हें नहीं हमें सरकार में भागीदारी दो।