WHO ने कोरोना वायरस संक्रमण की थर्ड वेव रोकने के लिए हेल्थ इनफ्रास्टक्चर बढ़ाने व वैक्सीनेशन में तेजी लाने को कहा
वर्ल्ड हेल्थ अर्गेनाइजेशन (WHO) ने दक्षिण पूर्व एशियाई देशों कोरोना महामारी की थर्ड रोकने के लिए स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को बढ़ाने, बचाव के उपायों को सख्ती से लागू करने व वैक्सीनेशन की गति को तेज करने का आह्वान किया है।
- कोरोना प्रोटोकाल को सख्ती से लागू किए जाने की आवश्यकता
- मालदीव और म्यांमार ने कोरोना वायरस के चिंताजनक वैरिएंट के प्रसार की पुष्टि
- बांग्लादेश, इंडिया, इंडोनेशिया, नेपाल ,श्रीलंका, थाइलैंड और तिमोर-लेस्टे में इस वैरिएंट के फैलने की पहले ही हो चुकी है पुष्टि
नई दिल्ली। वर्ल्ड हेल्थ अर्गेनाइजेशन (WHO) ने दक्षिण पूर्व एशियाई देशों कोरोना महामारी की थर्ड रोकने के लिए स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को बढ़ाने, बचाव के उपायों को सख्ती से लागू करने व वैक्सीनेशन की गति को तेज करने का आह्वान किया है।
WHO ने कहा है कि इस हफ्ते मालदीव और म्यांमार ने कोरोना वायरस के चिंताजनक वैरिएंट के प्रसार की पुष्टि की है। इससे पहले बांग्लादेश, भारत, इंडोनेशिया, नेपाल, श्रीलंका, थाइलैंड और तिमोर-लेस्टे (पूर्वी तिमोर) में इस वैरिएंट के फैलने की पुष्टि हो चुकी है।
ऐसा देखने में आया है कि अर्थव्यवस्था और सामाजिक गतिविधियों को खोलने के बाद चिंताजनक वैरिएंट की वजह से मामले बढ़े हैं। डब्ल्यूएचओ ने डेल्टा वैरिएंट को चिंताजनक वैरिएंट की कटेगरी में रखा है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि जांच में वृद्धि, संक्रमितों के निकट संपर्क में आए लोगों की पहचान और संक्रमण की चपेट में आये लोगों को आइसोलेट करने के प्रयास और तेज करने की जरूरत है। मास्क पहनने, सोशल डिस्टैंसिंग रखने और कुछ अंतराल पर हाथ धोते रहने के नियमों को सख्ती से लागू किए जाने की भी आवश्यकता है।
जरा सी लापरवाही पड़ सकती है भारी
WHO की दक्षिण पूर्व एशिया की रीजनल डायरेक्टर पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा कि डेल्टा वैरिएंट के ज्यादा मामले मिल रहे हों, वहां उक्त उपायों को लंबे समय तक और सख्ती के साथ लागू करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि महामारी अभी हमारे आसपास ही है। जरा सी लापरवाही भारी पड़ सकती है। जब तक ज्यादा से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों, अत्यधिक जोखिम वाले और कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों का वैक्सीनेशन नहीं हो जाता है, हमें स्वास्थ्य सुरक्षा संबंधी उपायों को लागू करने के साथ ही महामारी से बचाव के नियमों का भी पालन करते रहना है।