राजीव गांधी मर्डर केस के आरोपी पेरारिवलन को सुप्रीम कोर्ट ने रिहा किया, मिली थी उम्र कैद की सजा
सुप्रीम कोर्ट राजीव गांधी मर्डर केस में उम्रकैद की सजा काट रहे ए जी पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया है। पेरारिवलन 30 साल से ज्यादा समय से जेल में बंद है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में ही कहा था कि अगर सरकार कोई फैसला नहीं लेगी तो हम उसे रिहा कर देंगे।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट राजीव गांधी मर्डर केस में उम्रकैद की सजा काट रहे ए जी पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया है। पेरारिवलन 30 साल से ज्यादा समय से जेल में बंद है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में ही कहा था कि अगर सरकार कोई फैसला नहीं लेगी तो हम उसे रिहा कर देंगे।
रिहाई के बाद एजी पेरारिवलन ने कहा कि मेरा दृढ़ विश्वास था कि मुझे मृत्युदंड देने की कोई आवश्यकता नहीं है। पेरारिवलन से भविष्य के बारे में पूछे जाने पर उसने कहा कि मैं आगे का सोचने से पहले अब खुली हवा में सांस लूंगा। पेरारिवलन ने कहा कि मैं अभी बाहर आया हूं। कानूनी लड़ाई को 31 साल हो गये हैं। मुझे थोड़ी सांस लेनी है। मुझे कुछ समय दें।"
मोदी सरकार ने ऐसे हालात पैदा किये कि राजीव गांधी का हत्यारा रिहा हो गया: कांग्रेस
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने ऐसे हालात पैदा किए कि कोर्ट को यह निर्णय देना पड़ा। ने कहा कि आतंकवाद को लेकर सरकार का यह रवैया निंदनीय है। उन्होंने मीडिया से कहा, 'उच्चतम न्यायालय का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे करोड़ों भारतीय नागरिकों की भावना आहत हुई है क्योंकि न्यायालय ने राजीव गांधी जी के एक हत्यारे को रिहा कर दिया है। तथ्य बड़े स्पष्ट हैं और जिम्मेदार मोदी सरकार है।'
इतिहास का सबसे अलग फैसला: एम के स्टालिन बोले
इस मामले में फैसले का स्वागत करते हुए तमिलनाडु के सीएम एम के स्टालिन ने कहा कि इसे "न्याय के इतिहास" में अलग देखा जायेगा। पेरारिवलन को रिहा करने के शीर्ष अदालत द्वारा फैसला सुनाए जाने के तुरंत बाद, रिश्तेदार उसके आवास पर पहुंचने लगे हैं। पेरारिवलन ने भी मां को मिठाई खिलाई और उन सभी का शुक्रिया अदा किया जिन्होंने उनका साथ दिया। वहीं उनकी बहन भी इस दौरान भावुक दिखीं। उनकी रिहाई पर खुशी व्यक्त करते हुए पेरारिवलन को गले लगाया।
तमिल समर्थकों ने मनाया जश्न
तमिल समर्थक संगठनों के कार्यकर्ता राज्य के कई हिस्सों में सड़कों पर उतर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सराहना करते हुए नारे लगाये। पेरारिवलन और छह अन्य को रिहा करने की 2018 की कैबिनेट की सिफारिश पर राज्यपाल की निष्क्रियता की निंदा की। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में बेल पर चल रहे पेरारिवलन को राज्य सरकार पहले भी कई मौकों पर पैरोल दे चुकी थी। मामले में उम्रकैद की सजा पाने वाले अन्य लोगों में मुरुगन, संथान, जयकुमार, रॉबर्ट पायस, जयचंद्रन और नलिनी शामिल हैं।
यह है मामला
ए.जी. पेरारिवलन को 11 जून 1991 को पेरियार थिडल (चेन्नई) में सीबीआइ ने अरेस्ट किया था। उस पर राजीव गांधी के हत्या के साजिशकर्ता शिवरासन को विस्फोटक उपकरण उपलब्ध कराने का आरोप लगा था। इस मामले में ए.जी. पेरारिवलन को फांसी की सजा सुनाई गई थी।