रामगढ़: बेटी ने पिता की निधन के बाद दी मुखाग्नि, निभाया पुत्र धर्म
रामगढ़ जिले के गिद्दी में एक बेटी ने पुत्र धर्म निभाया है। पिता की निधन के बाद मुखाग्नि देकर समाज में एक मिसाल कायम की है। गिद्दी मेनगेट निवासी पैरालाइसिस से पीड़ित टीचर रमेश सिंह (52) के निधन के बाद सोमवार को उनकी सबसे छोटी पुत्री पायल सिंह ने दामोदर नदी श्मशान घाट पर मुखाग्नि दी।
रामगढ़। जिले के गिद्दी में एक बेटी ने पुत्र धर्म निभाया है। पिता की निधन के बाद मुखाग्नि देकर समाज में एक मिसाल कायम की है।
गिद्दी मेनगेट निवासी पैरालाइसिस से पीड़ित टीचर रमेश सिंह (52) के निधन के बाद सोमवार को उनकी सबसे छोटी पुत्री पायल सिंह ने दामोदर नदी श्मशान घाट पर मुखाग्नि दी। घर में कोई भी पुरुष सदस्य नहीं होने के कारण आसपास के लोगों के सहयोग से दाह संस्कार की व्यवस्था की गई।
बताया जाता है कि टीचर शिक्षक रमेश सिंह लगभग डेढ़ वर्ष से पैरालाइसिस अटैक आने के बाद बेड पर थे। रविवार की शाम घर पर उनका निधन हो गया। रमेश सिंह की पांच पुत्री नीलम देवी, रेखा देवी, पिंकी देवी, काजल कुमारी व पायल कुमारी है। रमेश सिंह तीन बेटियों का विवाह कर चुके हैं। जबकि दो पुत्री कुंवारी है। उनकी निधन के बाद सबसे छोटी बेटी पायल सिंह ने अपने पिता को मुखाग्नि देने की बात कही।
पूरे हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार उनका दाह संस्कार पुत्री ने गिद्दी दामोदर नदी श्मशान घाट पर किया।इसके पूर्व गिद्दी मेन गेट स्थित उनके क्वार्टर से पायल सिंह अपने पिता की शव यात्रा में शामिल होकर गिद्दी श्मशान घाट पहुंची। रमेश सिंह अपने पीछे पत्नी विमला देवी व पांच पुत्री को छोड़ गये हैं। रमेश सिंह के निधन के बाद पत्नी विमला देवी, पुत्री पिंकी देवी व पायल कुमारी का रो-रोकर बुरा हाल है।