डिग्री विवाद में सुप्रीम कोर्ट से बीजेपी MP निशिकांत दूबे को राहत, झारखंड गवर्नमेंट की अपील खारिज
सुप्रीम कोर्ट से गोड्डा के बीजेपी एमपी डॉ. निशिकांत दुबे को राहत मिली है। जस्टिस एमआर शाह व जस्टिस एमएम सुंद्रेश की बेंच ने झारखंड गवर्नमेंट के उस अपील को खारिज कर दिया है, जिसमें झारखंड हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी।
रांची। सुप्रीम कोर्ट से गोड्डा के बीजेपी एमपी डॉ. निशिकांत दुबे को राहत मिली है। जस्टिस एमआर शाह व जस्टिस एमएम सुंद्रेश की बेंच ने झारखंड गवर्नमेंट के उस अपील को खारिज कर दिया है, जिसमें झारखंड हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी।
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हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की कोर्ट ने 30 मार्च को एमपी निशिकांत दुबे की एमबीए की फर्जी डिग्री विवाद में दर्ज एफआइआर और लोअर कोर्ट की कार्यवाही को निरस्त कर दिया था। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि ऐसा प्रतीत होता है कि निशिकांत दुबे के खिलाफ राजनीतिक विद्वेष से प्रेरित होकर एफआइआर दर्ज कराई गई है। कोर्ट ने कहा था कि निशिकांत दुबे के खिलाफ दर्ज एफआइआर को निरस्त किया जाता है।
हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ स्टेट गवर्नमेंट ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की थी। सुप्रीम कोर्ट ने एसएलपी को खारिज करते हुए कहा कि स्टेट गवर्नमेंट को इस तरह की याचिका दाखिल करने से बचना चाहिए।
पुलिस को इसकी जांच करने का अधिकार नहीं
झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान निशिकांत दुबे की ओर से बताया गया था कि उनके खिलाफ जो भी आरोप लगाये गये हैं वह निराधार है। राजनीतिक विद्वेष के चलते उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है। निर्वाचन आयोग से भी शिकायत की गई थी। लेकिन चुनाव आयोग ने शिकायत पर उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिस को इस तरह के मामले में जांच करने का अधिकार नहीं है।एमपी के एमबीए की डिग्री बताई गई थी फर्जी
एमबीए की डिग्री फर्जी होने का हवाला देकर एमपी के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई थी। निशिकांत दुबे ने वर्ष 2009 और 2014 के चुनाव में एमबीए की डिग्री दिल्ली यूनिवर्सिटी से प्राप्त करने की जानकारी दी है। एफआइआर में आरोप लगाया गया था कि झूठी डिग्री का हवाला देकर उन्होंने लोगों में भ्रम फैलाया है। इस मामले मंा पुलिस ने जांच की थी।