सीतामढ़ी: बहू की मर्डर के आरोप में डाक्टर व उनकी वाइफ के साथ बेटा भी गया जेल
पुलिस ने सीतामढ़ी टाउन के मेहसौल ओपी एरिया डिजनीलैंड ग्राउंड के इलाके में फेमस डॉक्टर अनिल कुमार सिह की बहू मेघा सिह (24) की गोली मार मर्डर के आरोप में डाक्टर व उनकी वाइफ अनिता देवी को भी अरेस्ट कर लिया है। डाक्टर के छोटे बेटे अभिजीत कुमार उर्फ आशु सिंह को अपनी भाभी की गोली मार मर्डर के आरोप में सोमवार शाम को ही अरेस्ट कर लिया गया था। कोर्ट में पेशी के बाद तीनों को मंगलवार को जेल भेज दिया गया।
सीतामढ़ी। पुलिस ने सीतामढ़ी टाउन के मेहसौल ओपी एरिया डिजनीलैंड ग्राउंड के इलाके में फेमस डॉक्टर अनिल कुमार सिह की बहू मेघा सिह (24) की गोली मार मर्डर के आरोप में डाक्टर व उनकी वाइफ अनिता देवी को भी अरेस्ट कर लिया है। डाक्टर के छोटे बेटे अभिजीत कुमार उर्फ आशु सिंह को अपनी भाभी की गोली मार मर्डर के आरोप में सोमवार शाम को ही अरेस्ट कर लिया गया था। कोर्ट में पेशी के बाद तीनों को मंगलवार को जेल भेज दिया गया।
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मेहसौल ओपी प्रभारी जितेंद्र कुमार सुमन ने बताया कि मृतका मेघा सिंह के पिता सोहन कुमार सिंह के द्वारा एफआइआर दर्ज कराये जाने के साथ ही डाक्टर व उनकी वाइफ को भी अरेस्ट कर लिया गया। मेघा की मर्डर के बाद कट्टे को देवर ने या तो कहीं फेंक दिया या अपने दोस्तों को दे दिया। इस कारण मंर्डर में प्रयुक्त कट्टा बरामद नहीं हो पाया। सास अपनी बहू से हमेशा लड़ती रहती थी। मेघा का देवर इसी बात को लेकर अपनी भौजाई से नफरत करता था। वह नशे का आदि भी था। इसी कारण उसने अपनी भाभी की मर्डर कर डाली।
अपनी हैसियत से बड़े फैमिली बेटी को ब्याही, मर्डर कर दी गयी
सहियारा पुलिस स्टेशन एरिया के पोखरभिंडा गांव निवासी सोहन कुमार सिंह की दो बेटों के बीच इकलौती पुत्री मेघा थी। मेघा की शादी 14 जुलाई, 2016 को पुरनहिया पुलिस स्टेशन एरिया के चिरैया बराही जगदीश गांव के रहनेवाले डाक्टर अनिल सिंह के बड़े बेटे अभिषेक कुमार सिंह से शादी हुई थी। मेघा के पिता प्राइवेट कार्य करते हैं लेकिन, बेटी की खुशी की खातिर उन्होंने अपनी हैसियत से बड़ा डाक्टर फैमिली को चुना। लेकिन पांच साल बाद ही इस परिवार की खुशियां छीन गई।
पकड़े जाने के समय नशे में धुत था आरोपी देवर
पुलिस ने जब मेघा के मर्डर के आरोपी उसके देवर अभिजीत कुमार उर्फ आशु सिंह को अरेस्ट किया तो वह नशे की हालत में झूम रहा था। पुलिस को उसने यह भी बताया कि जिस आर्म्स से गोली मारी उसको खिड़की से घर के पीछे झाड़ी में फेंक दिया। पुलिस उस आर्म्स को ढूंढने की कोशिश की लेकिन बरामद नहीं हो सका। पुलिस ने कहा कि कट्टे से मेघा की गर्दन पर एक गोली मारी गई थी। जिससे उसकी मौत हो गई। यह घटना डाक्टर के आवास पर जियालाल कलावती हास्पीटल में ही हुई। इसी हॉस्पीटल के उपरी मंजिल पर डाक्टर फैमिली रहता है। मेघा की मर्डर के बाद मां सरिता देवी, पिता सोहन सिंह, चाचा मोहन सिंह समेत परिवार के सभी बदहवाश हैं।
पिता ने कहा उनके सामने ही मेघा की गोली मार मर्डर की गयी, डाक्टर व उनकी वाइफ के कहने पर देवर ने चलाई गोली
मेघा की मर्डर के मामले में पुलिस ने उसके पिता के बयान पर एफआइआर दर्ज की है। उसी के आधार पर डाक्टर व उनकी वाइफ समेत देवर को अरेस्ट कर ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजा गया है। पुलिस के अनुसार सोहन कुमार सिंह ने कहा है कि उनकी पुत्री मेघा की मर्डर उनके सामने ही की गई। समधी अनिल कुमार सिंह एवं समधन अनिता देवी ने अपने पुत्र अभिजीत सिंह उर्फ आशु को कहा कि रोज-रोज की कहानी को समाप्त कर दो। मां-बाप के कहने पर अभिजीत ने गोदरेज से कट्टा निकालकर मेघा को गोली मार दी। गोली गर्दन में लगी जिससे घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई। मैंने शोर मचाया तो आसपास के लोग जुट गये। लोगों के सहयोग से नाहर चौक पर डाक्टर सुनील कुमार सिंह के क्लीनिक पर मेघा को ले गये। जहां डाक्टर ने बेटी को मृत घोषित कर दिया।
पति व बेटे ने मेघा को दी मुखाग्नि
मायके वालों ने बताया कि मेघा का अंतिम संस्कार प्राइवेट बस स्टैंड इलाके में श्मशान घाट पर किया गया। हसबैंड अभिषेक व बेटे आर्यन ने मेघा को मुखाग्नि दी। मेघा अपने इस बेटे को बड़ा अफसर बनाने का सपना देख रही थी। वह इंटरमीडिएट तक पढ़ पाई थी जिसको उसको मलाल रहता था। पति भी पढ़-लिखकर कुछ कर नहीं पाया इसलिए भी वह आर्यन को बड़े ओहदे पर देखना चाहती थी। मेघा के मायकेवालों का कहना है कि जब कभी उसकी ससुराल में लड़ाई-झगड़ा होता वह अपने बेटे को कमरे में छुपा दिया करती थी ताकि, उसका असर न पडऩे पाए।
हसबैंड से परिवारवालों को नहीं कोई शिकवा
मायकेवालों का कहना है कि मेघा के हसबैंड से कोई शिकवा-शिकायत नहीं है। क्योंकि, वह अपनी वाइफ व बेटे से काफी प्यार करता है। मेघा के चाचा मोहन सिह ने बताया कि हत्या के वक्त अभिषेक मौके पर मौजूद नहीं था। मेघा को गोली लगने के बाद जब हास्पीटल ले जाया गया तब वह फूट-फूटकर रो रहा था। आर्यन तब अपने पिता को यह कहकर चुप करा रहा था कि मम्मी जल्दी आ जाएंगी। चार साल के उस मासूम को क्या मालूम कि अब वह कभी लौट नहीं पायेगी। घरवालों ने कहा कि आर्यन अपने पिता के साथ ही रहेगा। बस वह उसकी अ'छी परवरिश करके बड़ा आदमी बना दे ताकि, उसकी मां मेघा के सपने पूरे हो जाए।