कोयले की कालिख से खाकी में रंगने के फिराक में धनबाद का नवोदित कोल माफिया, निशाने पर एसएसपी
झारखंड गवर्नमेंट ने जिस आइपीएस अफसर के कंधे पर कोयला राजधानी धनबाद के काले कारोबार साफ करने का जिम्मा सौंपा है,कोल माफिया अब उन्हें बदनाम करने की साजिश में जुटे हैं। एसएसपी संजीव कुमार की सख्ती से आजिज आकर झरिया कोयलांचल का एक नवोदित कोल माफिया अब उन्हें कटघरे में खड़ा करने की फिराक में है।
- एसएसपी ने बढ़ायी सख्ती तो इलिगल कोल कारोबारियों में हड़कंप
- एन-केन प्रकारेण कटघरे में खड़ा करना चाहते हैं पुलिस को
- लगाये रहे एड़ी चोटी का जोड़
धनबाद। झारखंड गवर्नमेंट ने जिस आइपीएस अफसर के कंधे पर कोयला राजधानी धनबाद के काले कारोबार साफ करने का जिम्मा सौंपा है,कोल माफिया अब उन्हें बदनाम करने की साजिश में जुटे हैं। एसएसपी संजीव कुमार की सख्ती से आजिज आकर झरिया कोयलांचल का एक नवोदित कोल माफिया अब उन्हें कटघरे में खड़ा करने की फिराक में है।
धनबाद में बतौर एसएसपी संजीव कुमार के पदस्थापना के अभी एक माह ही हुए हैं कि इलिगल कोल कारोबारियों का सिंडिकेट परेशान है। इस सिंडिकेट में सफेदपोश भी शामिल हैं।।पुलिस कप्तान पहले जिले में बाघमारा एसडीपीओ रह चुके हैं इसलिए वह कोयलांचल की गतिविधियों से वाफिक हैं। एसएसपी की पोस्टिंग के बाद से कयास लग रहे थे कि अब कोयलांचल में इलिगल कोल कारोबार खूब चलेगा। इलिगल कोल कारोबारियों ने अपने-अपने लेवल से इलाका भी बांट लिया था।
एसएसपी व उनसे जुड़े लोगों को बदनाम करने की साजिश
बताया जाता है कि इलिगल कोल कारोबारी एसएसपी का मूड भांपने में लगे थे। झरिया इलाके में इलिगल कोल कारोबार का सरगना बना दंबग नवोदित कोल माफिया पुलिस कप्तान से सीधा संपर्क की कोशिश में था।कप्तान से एक माह के दौरान उसकी सीधी मुलाकात नहीं हो सकी है। वह अपने एक स्वजातीय पुलिस अफसर व लोकल पोलिटिकल लीडर से माध्यम से कप्तान तक पहुंचने की कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली। इससे वह पुलिस कप्तान के खिलाफ कुचक्र रचने के लिए तरह-तरह का हथकंडा अपना रहा है। वह अपनी कथित पीआर का लाभ उठाकर एसएसपी व उनसे जुड़े लोगों को बदनाम करने की साजिश कर रहा है।
जिले के एक कप्तान के साथ रहा है उठना-बैठना
आरोप है कि इस दबंग इलिगल कोल कारोबारी का जिले के एक कप्तान के साथ उठना-बैठना रहा है। उस दौरान वह दिन के उजाले में भी इलिगल कोल कारोबार को अंजाम देता रहा है। कहा जाता है कि वह अक्सर ब्रेकफास्ट व लंच पुलिस हाउस में करने का दावा करता था। स्वजातीय पुलिस अफसरों का दरबार लगाता था। पुलिस कप्तान के बारे में नाम लेकर ही बोलता था। हालांकि संबंधित पुलिस कप्तान के जाने के बाद उसकी चलती खत्म हो गयी। पुलिस हाउस में बेवजह इंट्री बंद हो गयी।
दबंग नवोदित कोल माफिया की झरिया इलाके में रंगदारी भी
जानकार सोर्सेज का कहना है कि दबंग नवोदित कोल माफिया का झरिया इलाके में रंगदारी भी चल रहा है। उसके भय से कोई विरोध नहीं कर पाता है। विरोध करने वालों को झूठे मुकदमें में फंसा दिया जाता है।नवोदित कोल माफिया के सामने जिले के दबंग दोनों घराने मौन बने हुए हैं। माफिया का पॉलिटिकल एप्रोच भी बढ़ गया है।नये एसएसपी के कार्यकाल में वह इलिगल कोल का धंधा शुरु नहीं कर पा रहा है। मौसम के अनुसार यह नया कोल माफिया सत्ता से भी अपनी आर्थिक वजन के कारण संपर्क बना लेता है।
नये एसएसपी के आने के बाद झरिया,बाघमारा, निरसा व गोविंदपुर इलाके में इलिगल कोल कारोबारियों के खिलाफ एक्शन लिये जा रहे हैं। पुलिस रेड कर कार्रवाई कर रही है। पुलिस कप्तान ने अलग-अलग कारणों से बरोरा,गोविंदपुर व पाथरडीह थानेदार को हटा दिया है। कई इंस्पेक्टर व थानेदारों पर गाज गिरने की संभावना है। एसएसपी की सख्ती से जिला पुलिस महकमा का भी एक वर्ग नाराज है। एसएसपी के खिलाफ गॉशिप की जा रही है। गवर्नमेंट व पुलिस हेडक्वार्टर तक कंपलेन पहुंचायी जा रही है।
पुलिस अफसर ही विभिषण तो नहीं !
पुलिस महकमें में चर्चा है कि एक पुलिस अफसर ही विभिषण के रोल में है। संबंधित पुलिस अफसर ने कप्तान का नजदीका होने का दावा कर झरिया व कतरास इलाके में इलिगल कोल का उठाव शुरु करवा दिया था। इन जगहों पर सख्ती करा दी गयी है। संबंधित पुलिस अफसर अपने स्वजातीय लीडर के लिए एक-दो प्वाइंट चाह रहा था। एक इंस्पेक्टर को क्रीम जगह दिलाने की कोशिश कर रहा था। हलांकि परिणाम उलट होने से वह अंदर ही अंदर विभिषण की चाल चल रहा है।
सोर्सेंज का कहना है कि इलिगल कोल कारोबारियों का सिंडिकेट एसएसपी से सीधा संपर्क करने की लगातार कोशिश में हैं। तरह-तरह के हथकंडे अपनाये जे रहे हैं। जाति व पुराने परिचित की मदद से भी सफलता नहीं मिल पा रही है। ऐसे में गॉशिप व इलिगल कोल कारोबार का हवा फैलाकर एसएसपी पर प्रेशर बनाना चाह रहा है। उसकी कोशिश है पहले की तरह कोलियरी का कोयला सीधे हार्डकोक भट्ठे में गिरे व सिंडिकेट का लीडरशीप करे।