देश को जोड़ने की राजनीति होनी, तोड़ने नहीं, भाई को बांटो, भाई को काटो की राजनीति नहीं होने देंगे : वरुण गांधी
एक्स सेंट्रल मिनिस्टर व बीजेपी के पीलीभीत एमपी वरुण गांधी ने कहा है कि देश को जोड़ने की राजनीति होनी चाहिए न कि तोड़ने की। भाई को बांटो, भाई को काटो की राजनीति नहीं होने देंगे।
नई दिल्ली। एक्स सेंट्रल मिनिस्टर व बीजेपी के पीलीभीत एमपी वरुण गांधी ने कहा है कि देश को जोड़ने की राजनीति होनी चाहिए न कि तोड़ने की। भाई को बांटो, भाई को काटो की राजनीति नहीं होने देंगे।
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अपने इस हालिया बयान को लेकर वरुण गांधी फिर से चर्चा में हैं। उनके बयान के वीडियो खूब वायरल हो रहा है।बेरोजगारी, अग्निवीर योजना, किसान आदि के मुद्दे पर सेंट्रल गवर्नमेंट व उत्तर प्रदेश गवर्नमेंट को निशाना बनाते रहे बीजेपी एमपी वरुण गांधी का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वे काफी हमलावर हैं। उन्होंने हिंदू-मुस्लिम मुद्दे को भी बार-बार उठाये जाने पर मीडिया को आड़े हाथों लिया है।
ना मैंन कांग्रेस के खिलाफ हूं, ना पंडित नेहरू के खिलाफ
वीडियो में वरुण गांधी कहते हैं कि मैं न कांग्रेस के खिलाफ हूं, न पंडित नेहरू के खिलाफ हूं। हमारे देश की राजनीति देश को जोड़ने की राजनीति होनी चाहिए, ना कि देश को तोड़ने की। आज जो लोग धर्म और जाति के नाम पर वोट ले रहे हैं, उनसे सवाल रोजगार, शिक्षा पर पूछें। हमेंलोगों को दबाने की राजनीति नहीं, बल्कि उठाने की राजनीति करनी है। कई मुद्दों पर सरकार को घेरते हुए उन्होंने कहा कि किसान इस समय कितने संकट में है, कोई टीवी चैनल और अखबार लिखने को तैयार नहीं है। केवल हिंदू-मुस्लिम, जाति-पाति कर रहे हैं तोते की तरह। भाई को काटो, भाई को बांटो। यह राजनीति हम होने नहीं देंगे।
वरुण गांधी कहते हैं कि नेता वह होना चाहिए जो गरीब जनता को अपने कंधे पर उठाकर चले ना कि अपने जूते पर बिठाए। अपनी आवाज उठाओ। वरुण के इस भाषण का राजनीतिक जानकार कई मायने निकाल रहे हैं। माना जा रहा है कि वरुण बीजेपी से नाराज हैं। इस वजह से वे ऐसे भाषण दे रहे हैं। अपने भाषण में वे भले ही बीजेपी का चर्चा नहीं कर रहे हों, लेकिन सरकार की नीतियों के खिलाफ बोलकर उन्होंने अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं।
वरूण की नाराजगी की कई वजहें हो सकती हैं। मसलन बड़ा नाम होने और गांधी परिवार से आने के बाद भी मोदी कैबिनेट में उन्हें जगह नहीं दी गयी। उनकी मां मेनका गांधी जरूर मंत्री बनीं, लेकिन वरुण को बड़ी जिम्मेदारी से दूर ही रखा गया। वहीं, दूसरी बार सरकार बनने के बाद मेनका गांधी से मिनिस्टर पोस्ट पद भी छीन लिया गया। वरुण गांधी के लगातार हमला बोलने के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या बीजेपी 2024 में उन्हें कैंडिडेट बनायेगी या फिर किसी और दल की ओर रुख करना होगा।
वरुण के कांग्रेस का अन्य दलों जाने की क्या संभावनाएं!
पॉलिकल सोर्सेज का कहना है कि वरुण दूसरे दल की में सकते हैं। अतीत में उनके एसपी आरएलडी, कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें लगती रही हैं। दरअसल, वरुण गांधी और मेनका गांधी परिवार से आते हैं। वही गांधी परिवार जिसने देश को कईप्रधानमंत्री दिए। गांधी परिवार से जब कोई पीएम नहीं बना तो सोनिया गांधी किंगमेकर की भूमिका में आईं और मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाया। ऐसे में जब भी वरुण के किसी दूसरे दल में जाने की अटकलें लगती हैं तो कांग्रेस का जिक्र जरूर आता है।
हाल ही में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी से भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में वरुण गांधी से जुड़ा सवाल किया गया। पत्रकार ने पूछा कि क्या यूपी में यात्रा के दौरान वरुण गांधी शामिल होंगे? तो उन्होंने कहा कि उनका स्वागत है, लेकिन बीजेपी के हैं, तो उनको दिक्कत होगी। राहुल गांधी के इस बयान सेभी अटकलें लगने लगीं कि यदि वरुण चाहते हैं तो कांग्रेस में जा सकते हैं। हालांकि, वरुण यूपी से ही एमपी रहे हैं। यूपी कांग्रेस की स्थिति काफी कमजोर है। ऐसे में यदि बीजेपी से मोहभंग होता है तो क्या कांग्रेस की ओर रुख करेंगे या कांग्रेस की अपेक्षा में यूपी में मजबूत सपा, आरएलडी या बीएसपी में जायेंगे।