यूपी: गोरखपुर में एक ही मंडप में मां-बेटी बनीं दुल्हन, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत 63 जोड़ों की शादी
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत गोरखपुर जिले के पिपरौली ब्लाक कैंपस में 63 जोड़ों की शादी हुई। इनमें एक मुस्लिम जोड़ा भी शामिल है। कार्यक्रम में एक अनोखी शादी देखने मिली. जहां एक ही मंडप में मां-बेटी दुल्हन बनी। एक 55 वर्षीय कुंवारे ने उम्र के आखिरी पड़ाव में जीवन संगिनी चुन कर जिंदगी की नई शुरूआत किया।
- 55 वर्षीय एक कुंवारे के सिर पर सेहरा सजा,
- उम्र के आखिरी पड़ाव में जीवन संगिनी चुना
गोरखपुर। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत गोरखपुर जिले के पिपरौली ब्लाक कैंपस में 63 जोड़ों की शादी हुई। इनमें एक मुस्लिम जोड़ा भी शामिल है। कार्यक्रम में एक अनोखी शादी देखने मिली. जहां एक ही मंडप में मां-बेटी दुल्हन बनी। एक 55 वर्षीय कुंवारे ने उम्र के आखिरी पड़ाव में जीवन संगिनी चुन कर जिंदगी की नई शुरूआत किया।
चर्चा का विषय बनी मां व बेटी की शादी
में सामूहिक विवाह में बेली देवी की सबसे छोटी पुत्री इंदू की शादी पाली निवासी राहुल के साथ हुई। बेटी के मंडप में बेला देवी भी अपने 55 वर्षीय देवर जगदीश से शादी की। मां-बेटी के एक मंडप में शादी तथा उम्र के आखिरी पड़ाव में शादी को लेकर इलाके में खूब चर्चा हो रही है। इस अनोखी विवाह के साक्षी के बीडीओ डा. सीएस कुशवाहा, सत्यपाल सिंह, रमेश द्विवेदी, बृजेश यादव, रतन सिंह, सुनील पांडेय आदि बने।
55 वर्ष की उम्र में भाभी को बनाया जीवन साथी
पिपरौली ब्लाक के ग्राम सभा कुरमौल निवासी केतीबारही करने वाले 55 वर्षीय जगदीश तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं। जगदीश ने शादी नहीं किया था और अविवाहित ही जिंदगी गुजार रहे थे। बड़े भाई हरिहर की शादी 53 वर्षीय बेला देवी से हुई थी और उनके दो पुत्र और तीन पुत्रियां हैं। बेला देवी के पति की मौत लगभग 25 वर्ष पहले हो गई और अपने बच्चों को पढ़ाने-लिखाने के बाद दो पुत्रों तथा दो पुत्रियों की शादी कर चुकी हैं।मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में सामाजिक समरस
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में सामाजिक समरस भी देखने को मिली। ब्लाक के देईपार निवासी सत्तार की पुत्री गुड़िया ने सात फेरों से अलग अपना धर्म के रीति-रिवाज के साथ निकाह किया। गुड़िया का निकाह एहसान के पुत्र मंजूर के साथ हुआ। निकाह का रश्म मौलाना इरफान अहमद ने निभाई। नव जोड़ों को वहां मौजूद लोगों ने दुआएं दी।