यूपी: टीएमसी एमपी का डेलीगेशन हाथरस पहुंचा.,धक्का-मुक्की में गिरे डेरेक ओ ब्रायन (देखें VIDEO)
णमूल कांग्रेस के एक डेलीगेशन शुक्रवार को राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन के साथ हाथरस के बुलगढ़ी गांव में जाने का प्रयास किया। पुलिस व प्रशासनिक अफसरों ने रोकने के दौरान टीएमसी एमपी के साथ धक्का-मुक्की की। इससे डेरेक ओ ब्रायन वह जमीन पर गिर गये।
- डॉ. कालोली घोष दस्तीदार का आरोप- डेरेक ओ ब्रायन पर हमला किया गया
- एमपी ब्रायन के साथ ट्रेनी आइएएस अफसर पीपी मीणा ने की धक्का-मुक्की
- टीएमसी की महिला नेता ने पुलिस पर ब्लाउज फाड़ने का लगाया आरोप
- पुलिस ने गांव में सुरक्षा बढ़ायी, पीड़ित फैमिली कैद, मीडिया के जाने पर भी बैन
- मृत युवती के चचेरे भाई ने मीडिया के समक्ष आप बीती सुनाई
लखनऊ। तृणमूल कांग्रेस के एक डेलीगेशन शुक्रवार को राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन के साथ हाथरस के बुलगढ़ी गांव में जाने का प्रयास किया। पुलिस व प्रशासनिक अफसरों ने रोकने के दौरान टीएमसी एमपी के साथ धक्का-मुक्की की। इससे डेरेक ओ ब्रायन वह जमीन पर गिर गये। प्रशासन की गलत कार्रवाई के खिलाफ हाथरस में मीडिया कर्मी भी धरने पर बैठे हैं।
आरोप है कि टीएमसी डेलीगेशन को हाथरस के बुलगढ़ी गांव जाने की कोशिश के दौरान जिला प्रशासन की टीम ने इनको रोकने का प्रयास किया। राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन के साथ ट्रेनी आइएएस अधिकारी पीपी मीणा ने धक्का-मुक्की की। एमपी वह जमीन पर गिर पड़े। इसके बाद हंगामा होने लगा। टीएमसी एमपी का चार मेंबर वाली टीम दल हाथरस में पीड़िता के परिवार से मिलने जा रहे थे। डेरेक ओ ब्रायन हाथरस बॉर्डर पर धक्का मुक्की में नीचे गिरे। मौके प्रतिभा मंडल ने पुलिस पर अभद्रता करने का आरोप लगाया है। एमपी डॉ काकोली घोष, प्रतिभा मंडल और ममता ठाकुर पीड़िता के गांव नहीं जाने दिया गया।
टीएमसी डेलीगेशन ने कहा कि एमपी डेरेक ओ ब्रायन, काकोली घोष दस्तीदार व प्रतिमा मोंडल के साथ एक्स एमपी ममता ठाकुर 200 किलोमीटर किमी दूर दिल्ली से आकर शांति से हाथरस जा रहे थे। पीडि़त परिवार से मिलकर अपनी सांत्वना देने जा रहे हैं। सभी अलग-अलग यात्रा कर रहे हैं और सभी प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं। इसके बाद भी हमें रोका क्यों गया है,यह समझ से परे है। हमारे साथ धक्का-मुक्की क्यों की गई, इसका जवाब देने वाला कोई नहीं हैं। उत्तर प्रदेश में तो बड़ी अराजकता है। पुलिस के रोके जाने और धक्का-मुक्की के बाद सभी टीएमस एमपी धरने पर बैठ गये हैं।
टीएमसी की महिला नेता ने पुलिस पर ब्लाउज फाड़ने का लगाया आरोप
टीएमसी की महिला एमपी प्रतिमा मंडल और ममता ठाकुर ने ब्लाउज फाड़े जाने का आरोप लगाया है।न्यूज एजेंसी एएनआई की ओर से जारी वीडियो फुटेज में दिख रहा है कि डेरेक ओ'ब्रायन पुलिसकर्मियों से घिरे हुए हैं उनके साथ पार्टी की महिला लीडर भी हैं। इस दौरान पुरुष पुलिसकर्मी ही महिला नेता को हटाते हुए दिख रहे हैं। इस दौरान डेरेक ओ'ब्रायन सड़क पर गिर पड़ते हैं। टीएमसी नेता ममता ठाकुर ने कहा, ''हम पीड़िता के परिवार से मिलने जा रहे थे, लेकिन पुलिस हमें नहीं जाने दे रही थी। हमने जाने की कोशिश की, महिला पुलिसकर्मियों ने हमारे ब्लाउज को खींचा और एमपी प्रतिमा मंडल पर लाठी भी चलाई। वह गिर पड़ीं। पुरुष पुलिसकर्मियों ने उन्हें छुआ। यह शर्मनाक है।
पुलिस ने गांव में सुरक्षा बढ़ायी, पीड़ित फैमिली कैद, मीडिया के जाने पर भी बैन
पुलिस ने बुलगढ़ी गांव के बाहर घेराबंदी कर सुरक्षा बढ़ा दी है। पीड़िता के गांव में विपक्ष के नेताओं समेत मीडिया की एंट्री बैन कर दी गयी है। पुलिस ने मृतक पीड़िता के गांव को पूरी तरह से सील कर दिया है। हाथरस में धारा 144 लगा दी है। राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं को भी जाने से रोका जा रहा है। गांव में भी किसी को भी एंट्री नहीं दी जा रही है। हाथरस पुलिस छावनी में तब्दील हो चुकी है। चप्पे-चप्पे पुर पुलिस का पहरा है।
पुलिस ने पीड़ित फैमिली को घर में किया कैद, मोबाइल फोन छीने,किसी से बात करने की इजाजत नहीं
मृत युवती के चचेरे भाई ने मीडिया के समक्ष आप बीती सुनाई
दंबगों के अमानवीय कृत्य के कारण अपनी गुड़िया को गंवाने वाला हाथरस का परिवार अब जिला तथा पुलिस प्रशासन की प्रताड़ना से परेशान है। बूलगढ़ी तो पुलिस की छावनी में तब्दली है। पुलिस ने पूरे गांव को सील कर दिया है। गांव के घरों में पुलिस ने ताला लगाया है। लोगों को उनके घरों में कैद कर दिया गया है। लोगों को बाहर निकलने नहीं दिया जा रहा है।
पीड़ित परिवार को किसी से भी मिलने की इजाजत नहीं है, किसी रिश्तेदार को भी पड़ित के पिता, माता या भाई से मिलने नहीं दिया जा रहा है। गुड़िया के चचेरे भाई का आरोप है कि डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार ने घर के सभी लोगों का मोबाइल फोन ले लिया है। ताऊ के साथ मारपीट भी की है।
बेटी को खोने के बाद अब पीड़ित परिवार पर जिला प्रशासन का कहर
बेटी को खोने के बाद अब पीड़ित परिवार जिला प्रशासन का कहर झेल रहा है। किसी तरह खेतों के रास्ते निकले पीड़िता के चचेरे भाई ने पीड़ित परिवार के भय की दास्तां मीडिया को बताई। उनसे मीडिया को बताया कि जिला प्रशासन ने परिवार की घेराबंदी कर रखी है। घर से सभी लोगों के मोबाइल भी छीनकर कब्जे में ले रखे हैं।गांव की हर कच्ची पक्की गली में पुलिस का सख्त पहरा है। पीड़िता के घर के चारों तरफ पुलिस तैनात है। वह खेतों के रास्ते गांव से बाहर निकलकर मृत युवती के चचेरे भाई ने मीडिया के समक्ष आप बीती सुनाई। उसने कहा कि मारपीट कर उन्हें धमकाया जा रहा हैं। हमारे मोबाइल भी छीन लिए हैं। चचेरे भाई ने बताया कि वह शुक्रवार को पशुओं के लिए चारा लाने का बहाना कर छिपते हुए बाहर तक आया हैं। मकान की छतों व गलियों में पुलिस का पहरा हैं। उसके ताऊ यानी पीड़िता के पिता के साथ अफसरों ने मारपीट की हैं, जिस कारण ताऊ की हालत खराब हैं। उसने परिजनों के दहशत में होने की बात कहते हुए प्रशासन पर धमकाने का आरोप लगाया हैं।
सभी से मिलना चाहते हैं पीड़ित के परिजन
पीड़ित फैमिली ने आरोप लगाया है कि उन्हें मीडिया से मिलने नहीं दिया जा रहा है। प्रशासन ने पीड़िता के गांव में पहले से ही धारा 144 लगा दी है। शुक्रवार सुबह पीड़ित परिवार ने एक नाबालिग बच्चे को किसी भी तरह मीडिया से संपर्क करने के लिए भेजा। बच्चे ने बताया कि हमारे कुछ मोबाइल फोन ले लिये गये हैं। हमें मोबाइल को स्विच ऑफ करने के लिए कहा गया है।नाबालिग बच्चे ने बताया कि हमारा फोन ले लिया गया है। मेरे परिवार के लोगों ने बात करने के लिए मीडिया वालों को बुलाने के लिए यहां भेजा है। मैं प्रशासन को चकमा देते हुए यहां खेतों के रास्ते से आया हूं। वे लोग न तो हमें बाहर आने दे रहे हैं और न ही मीडिया वालों को अंदर आने दे रहे हैं। नाबालिग ने कहा कि हमलोगों को धमकाया जा रहा है। ये बातें जब बच्चा कह रहा था तभी एक पुलिस वाला आ गया और उसे देखकर वह फरार हो गया।