Uttar Pradesh : माफिया Atique Ahmed के बेटे असद को एनकाउंटर में मार गिराने के बाद ट्रेंड करता रहा 'बिहारी ब्रेन', भोजपुर के हैं STF चीफ IPS अमिताभ यश
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चर्चित उमेश पाल मर्डर में संलिप्त गैंगेस्टर अतीक अहमद के बेटे असद अहमद और शूटर गुलाम मोहम्मद को झांसी में एनकाउंटर में मारे जाने की चर्चा बिहार में भी खूब हुई। असद एनकाउंटर के बाद उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की अपराध पर जीरो टालरेंस पॉलिसी एवं यूपी STF के DIG अमिताभ यश और उनकी टीम की रणनीति की खूब चर्चा हुई।
- बोकारो के डीआइजी रह चुके हैं अमिताभ यश के पिता राम यश सिंह
पटना। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चर्चित उमेश पाल मर्डर में संलिप्त गैंगेस्टर अतीक अहमद के बेटे असद अहमद और शूटर गुलाम मोहम्मद को झांसी में एनकाउंटर में मारे जाने की चर्चा बिहार में भी खूब हुई। असद एनकाउंटर के बाद उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की अपराध पर जीरो टालरेंस पॉलिसी एवं यूपी STF के DIG अमिताभ यश और उनकी टीम की रणनीति की खूब चर्चा हुई।अमिताभ यश के पिता राम यश सिंह बोकारो के डीआइजी रह चुके हैं।
यह भी पढ़ें:JSCA Inter District Under-16 Cricket Tournament : धनबाद ने दुमका को नौ विकेट से पराजित किया
1996 बैच के IPS अफसर UP STF चीफ बिहार के सासाराम जिले के रहने वाले हैं। इनका पैतृक गांव छोटा सासाराम जिला हेडक्वार्टर आरा से लगभग 15 किलोमीटर दूर आरा-बक्सर हाइवे से सटा है।उत्तर प्रदेश में शासन के डर से क्रिमिनल थर-थर कांप रहे हैं। इसके पीछे की रणनीति बनाने वाला दिमाग एसटीएफ चीफ आइपीएस अमिताभ यश का ही है। असद के अलावा बुंदेलखंड के जंगलों में डकैत दुआ-ठोकिया को ढेर करने से लेकर विकास दुबे गैंग के लिए चक्रव्यूह रचे जाने तक में इनके नाम की चर्चा खूब रही है।इनकी दिलेरी पर गांव के लोग भी फक्र करते हैं और अपने को गौरवांवित महसूस करते हैं। इनके पिता राम यश सिंह भी बिहार पुलिस में डीआइजी एवं मां छोटा सासाराम गीता देवी पंचायत की पंचायत समिति सदस्य रह चुकी हैं। पिता रामयश सिंह सब इंस्पेक्टर से गैलेंट्री व अउट ऑफ टर्म प्रमोशन पाकर डीआईजी बने थे।
एसटीएफ एसपी से लेकर एडीजी तक का सफर
आइपीएस अमिताभ यश की शिक्षा भोजपुर, पटना एवं दिल्ली में हुई है। अमिताभ ने पटना से पढ़ाई की और आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली चले गये।. दिल्ली में केमेस्ट्री से बीएससी ऑनर्स के बाद पढ़ाई-लिखाई में काफी प्रतिभाशाली अमिताभ को आईआईटी कानपुर में केमेस्ट्री में मास्टर्स के लिए एडमिशन मिल गया। आईआईटी कानपुर के स्टूडेंट भी रहे हैं। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने यूपीएससी की एग्जाम दी थी। वर्ष 1996 में यूपीएससी से भारतीय पुलिस सेवा के लिए चुने गये। आइपीएस बनने के बाद इन्हें यूपी कैडर मिला था। 1996 बैच के आइपीएस अमिताभ यश बतौर एसपी और एसएसपी संत कबीर नगर, बाराबंकी, महाराजगंज, हरदोई, जालौन, बुलंदशहर, सहारनपुर, नोएडा व कानपुर जैसे जिलों में सेवाएं दे चुके हैं। आइपीएस अमिताभ यश को वर्ष 2007 में पहली बार एसटीएफ एसएसपी बनाया गया था। साल 2017 में उन्हें एसटीएफ का आइजी बनाया गया था। साल 2021 में एसटीएफ के एडीजी का जिम्मा मिला था।
चार भाइयों में बड़े हैं अमिताभ यश
छोटा सासाराम गांव निवासी राम यश सिंह तीन भाइयों में सबसे बड़े हैं। इन्होंने बिहार पुलिस में सब इंस्पेक्टर से लेकर डीआइजी तक का सफर तय किया था। इन्हें गैलेंट्री भी मिला था। इनके चार पुत्र हैं। जिसमें सबसे बड़े अमिताभ यश हैं, जो भारतीय पुलिस सेवा में हैं और वर्तमान में यूपी एसटीएफ के चीफ हैं।तीन और भाइयों में रजनीश कुमार सिंह पीएनबी बैंक में डीजीएम, राजीव कुमार आर्मी में करनल एवं बृजराज सिंह सीआइएसएफ में कमांडेंट के पद पर हैं।पिता राम यश सिंह परिवार के साथ कभी पटना तो कभी लखनऊ रहते हैं। अक्सर गांव भी आते-जाते हैं।
पैतृक गांव से भी रहा है जुड़ाव
आइपीएस अमिताभ यश का अपने पैतृक गांव छोटा सासाराम से भी जुड़ाव रहा है। वे समय-समय पर गांव आते भी हैं। अगर गांव के लोग लखनऊ जाते हैं, तो वे उनका स्वागत भी करते हैं। अमिताभ यश की दिलेरी पर गांव के लोगों को फक्र है। पिछले साल 2022 में भी गांव आये थे। लोगों का कहना है कि वे छुट्टी लेकर पटना जब भी आते हैं तो गांव जरूर आते हैं और ग्रामीणों से मिलते भी हैं। उनके व्यवहार के लोग कायल हैं। गुरुवार की दोपहर बाद ही उन्हें पांच लाख के इनामी बदमाशों को झांसी में एनकाउंटर में मार गिराये जाने की सूचना इंटरनेट मीडिया से मिल गई थी।