उत्तर प्रदेश: एक्स आईएएस और पीएम मोदी के करीबी एके शर्मा को बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष बने, डिप्टी सीएम बनने की थी चर्चा
पीएम नरेंद्र मोदी के करीबी एक्स आईएएस अफसर एके शर्मा को यूपी बीजेपी में प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया है। आईएएस से इस्तीफा देकर राजनीति में आने के बाद फरवरी में उन्हें एमएलसी बनाया गया था। पिछले कुछ समय से उनके योगी कैबिनेट में डिप्टी सीएम बनने की चर्चा थी।
लखनऊ। पीएम नरेंद्र मोदी के करीबी एक्स आईएएस अफसर एके शर्मा को यूपी बीजेपी में प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया है। आईएएस से इस्तीफा देकर राजनीति में आने के बाद फरवरी में उन्हें एमएलसी बनाया गया था। पिछले कुछ समय से उनके योगी कैबिनेट में डिप्टी सीएम बनने की चर्चा थी।
एमएलसी बनने के बाद से एके शर्मा लगातार यूपी में एक्टिव थे। विभिन्न जिलों में कोविड नियंत्रण अभियान में जुटे हुए थे। पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कोरोना को नियंत्रित करने में उनका खास योगदान माना गया। पीएम ने बनारस मॉडल की चर्चा भी की थी। पिछले दिनों राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज थी कि जल्द ही योगी मंत्रिमंडल का विस्तार कर एके शर्मा को डेप्युट सीएम बनाया जा सकता है। सीएम योगी आदित्यनाथ के दिल्ली में पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद इन चर्चाओं को और बल मिला था।
एके शर्मा के अलावा कुछ और नेताओं को भी पार्टी में नई जिम्मेदारी
एके शर्मा के अलावा कुछ और नेताओं को भी पार्टी में नई जिम्मेदारी दी गई हैं। यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने पार्टी के विभिन्न मोर्चों के प्रदेश अध्यक्षों की घोषणा की है। प्रांशुदत्त द्विवेदी (फर्रुखाबाद) को युवा मोर्चा, गीताशाक्य राज्यसभा सांसद (औरैया) को महिला मोर्चा, कामेश्वर सिंह (गोरखपुर) को किसान मोर्चा और नरेंद्र कश्यप पूर्व सांसद (गाजियाबाद) को पिछड़ा वर्ग मोर्चा का अध्यक्ष बनाया गया है। इसी तरह, कौशल किशोर सांसद को अनुसूचित जाति मोर्चा, संजय गोण्ड (गोरखपुर) को अनुसूचित जनजाति मोर्चा और कुंवर बासित अली (मेरठ) को अल्पसंख्यक मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है।
वीआरएस लेकर शामिल हुए थे बीजेपी में
गुजरात कैडर में 1988 बैच के आईएएस रहे अरविंद कुमार शर्मा ने वीआरएस लेकर जनवरी में लखनऊ में बीजेपी जॉइन की थी। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह और डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने उन्हें पार्टी की सदस्यता ग्रहण करवाई। पीएम मोदी के नजदीकी लोगों में शुमार अरविंद कुमार शर्मा के एकाएक वीआरएस लेकर यूपी में बीजेपी जॉइन करने व एमएलसी बनने के बाद से ही ये कयास लगाये जा रहे थे कि उन्हें यूपी का डेप्युटी सीएम बनाया जा सकता है। हालांकि, अब विधानसभा चुनाव में एक साल ही बचा है। शर्मा भूमिहार समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।यूपी के सियासी गणित के लिहाज से एक बड़े तबके के जातीय समीकरण में अरविंद फिट नहीं हो पा रहे हैं।
मऊ निवासी शर्मा ने मोदी के साथ किया लंबा काम
मूल रूप से मऊ निवासी अरविंद शार्मा गुजरात में मोदी के सीएम रहते 2001 से 2013 के बीच सीएमओ में रहे। जब मोदी सीएम रहे तो वह उनके साथ सीएमओ में रहे। नरेंद्र मोदी पीएम बने तो अपने साथ अरविंद कुमार शर्मा को पीएमओ लेकर आ गये। 2014 में वह पीएमओ में संयुक्त सचिव के पद पर रहे। उसके बाद प्रमोशन पाकर सचिव बने।
एमएसएमई में दी गई थी अहम जिम्मेदारी
कोरोना वायरस संकट की वजह से एमएसएमई (लघु, कुटीर एवं मध्यम उपक्रम) की स्थिति काफी खराब हो गई थी। एमएसएमई क्षेत्र के लाखों श्रमिकों के समक्ष रोजगार का संकट पैदा हो गया। लॉकडाउन के समय पलायन करके लौटे मजदूरों को रोजगार देना सबसे बड़ी चुनौती थी। ऐसे कठिन समय में पीएम नरेंद्र मोदी ने अरविंद कुमार शर्मा पर एक बार फिर से विश्वास जताया था।