16 दिसंबर 2024 से 16 जनवरी 2025 तक सभी  मांगलिक कार्य वर्जित, अब नये साल में बजेगी शहनाई

16 दिसंबर 2024 यानि खरमास शुरु होने के साथ पूरे एक माह के लिए सभी मांगलिक कार्यों पर रोक लग जायेगी। 16 जनवरी 2025 तक सभी मांगलिक कार्य वर्जित रहेंगे।

16 दिसंबर 2024 से 16 जनवरी 2025 तक सभी  मांगलिक कार्य वर्जित, अब नये साल में बजेगी शहनाई
खरमामसे में नहीं बजेगी शहनाई।
  • 2025 में विवाह के लिए 74 शुभ मुर्हूत

 पटना। 16 दिसंबर 2024 यानि खरमास शुरु होने के साथ पूरे एक माह के लिए सभी मांगलिक कार्यों पर रोक लग जायेगी। 16 जनवरी 2025 तक सभी मांगलिक कार्य वर्जित रहेंगे।
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जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करता है, तब शुभ कार्यों को वर्जित माना जाता है। 16 दिसंबर से एक माह तक चलने वाले खरमास (पौष मास) के कारण सभी शुभ व वैवाहिक आयोजनों पर पूर्णत: विराम लग जायेगा। अब कोई भी शुभ कार्य नये वर्ष 2025 में 16 जनवरी के बाद से ही शुरू हो पायेगा। सनातन धर्म में खरमास महीने को शुभ नहीं माना जाता है। इसलिए इस दौरान किसी भी तरह के नये काम या शुभ कार्य नहीं किये जाते हैं। 
खरमास के दौरान धार्मिक संस्कार नहीं होता
खरमास के दौरान सनातन धर्म के अंतर्गत अनुष्ठान जैसे नामकरण, यज्ञोपवीत, विवाह व कोई भी धार्मिक संस्कार नहीं होता है। मलिन मास होने के कारण इस महीने को मलमास भी कहा जाता है। धनबाद निवासी पंडित गुणानंद झा ने कहा कि जीवन के कुछ ऐसे कार्य होते हैं जो सही तिथि पर किये जाये तो उसका असर बहुत जल्द ही दिखायी देता हैं। शुभ मुर्हूत में नहीं होने से इसका असर काफी गलत होता है। उन्होंने कहा कि पंचांग के अनुसार 16 दिसंबर से खरमास शुरू हो जायेगा। इस दिन से सूर्य बृहस्पति ग्रह में प्रवेश करेगा। 16 दिसंबर से शुभ कार्य बंद रहेगा।
पंडित गुणानंद झा के अनुसार देव गुरु बृहस्पति 16 दिसंबर की शाम 5:50 बजे अस्त हो जायेंगे। इसके बाद 16 जनवरी 2025 को फिर उदय होंगे। देव गुरु बृहस्पति सूर्य भगवान से 11 डिग्री या उससे कम की दूरी पर होते है तो उन्हें अस्त सभी ग्रह राहु और केतु का छोड़कर समय-समय पर अस्त होते रहते हैं। देव गुरु बृहस्पति का पूजन मांगलिक कार्यक्रमों में जरूरी है। उनके अस्त होने के समय सभी मांगलिक कार्यक्रम वर्जित हो जाते है। इस बार 16 दिसंबर को देव गुरु बृहस्पति की राशि धनु में सूर्य भगवान के प्रवेश करने के साथ ही खरमास शुरू हो जायेंगे।
खरमास में भूलकर भी न करें ये काम
खरमास में कोई मांगलिक कार्य जैसे-शादी, सगाई, वधु प्रवेश, द्विरागमन, गृह प्रवेश, गृह निर्माण, नये व्यापार का आरंभ आदि नहीं किये जाते। क्योंकि इस दौरान सूर्य गुरु की राशि में रहता है। इस कारण गुरु का प्रभाव कम हो जाता है। मांगलिक कार्यों के सिद्ध होने के लिए गुरु का प्रबल होना बहुत जरुरी है। क्योंकि बृहस्पति जीवन के वैवाहिक सुख और संतान देने वाला होता है।
वर्ष 2025 में विवाह का 74 शुभ मुर्हूत.
गुणानंद झा ने बताया कि नये वर्ष 2025 की शुरुआत में 16 जनवरी को खरमास का समापन होगा। 16 जनवरी से शादी-विवाह सहित सभी तरह के मांगलिक कार्य शुरू हो जायेंगे। मिथिला पंचांग के अनुसार, जनवरी में 10 दिन, फरवरी में 14 दिन, मार्च में पांच दिन, अप्रैल में नौ दिन, मई में 15 दिन, जून में पांच दिन शादी-विवाह का बढ़िया मुहूर्त है। जुलाई, अगस्त, सितंबर व अक्टूबर माह में शादी-विवाह का कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं है। जुलाई अगस्त सितंबर व अक्टूबर माह में भगवान विष्णु शयन में चले जाते हैं। जबकि नवंबर माह में 13 दिन व दिसंबर में मात्र तीन दिन शादी-विवाह के शुभ मुहूर्त है। वर्ष  2025 में कुल 74 दिन शादी विवाह के शुभ मुहूर्त के मौके पर शहनाई बजने की अपार संभावनाएं हैं।