वरुण गांधी ने Twitter Profile से हटाया बीजेपी, लगातार किसानों के समर्थन में कर रहे हैं बात, योगी लिखा लेटर
उत्तर प्रदेश पीलीभीत से बीजेपी एमपी वरुण गांधी ने अपने ट्विटर अकाउंट के प्रोफाइल से बीजेपी शब्द हटा दिया है। उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखकर लखीमपुर खीरी की घटना की सीबीआइ जांच की मांग की है। पीड़ित परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा देने की मांग की है।
- वरुण गांधी ने सीएम को पत्र लिखकर पीड़ितों को मुआवजा देने की मांग की
लखनऊ। पीलीभीत से बीजेपी एमपी वरुण गांधी ने अपने ट्विटर अकाउंट के प्रोफाइल से बीजेपी शब्द हटा दिया है। उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखकर लखीमपुर खीरी की घटना की सीबीआइ जांच की मांग की है। पीड़ित परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा देने की मांग की है।
लखीमपुर खीरी विवाद में नया VIDEO आया सामने, कांग्रेस और आप एमपी संजय सिंह ने किया ट्वीट, BJP पर साधा निशाना
इससे पहले भी सांसद वरुण गांधी किसानों के समर्थन में कई सभाओं में बोल चुके हैं। किसान आंदोलन में मारे गये किसानों को उन्होंने शहीद तक कह दिया था। हालांकि सांसद के प्रवक्ता ने ट्वीटर से बीजेपी हटाने की जानकारी होने से इन्कार किया है।वरुण गांधी ने सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र में लिखा है कि लखीमपुर खीरी में विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को निर्दयता पूर्वक कुचलने की हृदय विदारक घटना हुई है। इस घटना से एक दिन पहले ही देश में अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी की जयंती मनाई गई थी। इसके अगले ही दिन लखीमपुर खीरी में जिस घटनाक्रम में अन्नदाताओं की हत्या की गई वह किसी भी सभ्य समाज में अक्षम्य है। आंदोलनकारी किसान हमारे अपने नागरिक हैं। यदि कुछ मुद्दों को लेकर किसान पीड़ित हैं और अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के तहत विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं तो हमें उनके साथ बड़े ही संयम और धैर्य के साथ बर्ताव करना चाहिए। हमें हर हाल मेंं अपने किसानों के साथ केवल और केवल गांधीवादी व लोकतांत्रिक तरीके से कानून के दायरे में संवेदनशीलता के साथ पेश आना चाहिए।
सीएम से किया निवेदन
वरुण ने अपने पत्र में लिखा है कि घटना में शहीद हुए किसानों को श्रद्धाजंलि देते हुए उनके स्वजन के प्रति शोक संवेदन प्रकट करते हैं। उन्होंने निवेदन किया है कि घटना में संलिप्त तमाम संदिग्धों को तत्काल चिन्हित कर मर्डर का केस दर्ज कर कार्रवाई की जाए। इस विषय में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई से जांच करवाकर दोषियों को सजा दिलाना ज्यादा उपयुक्त होगा। इसके अलावा पीड़ित परिवारों को एक एक करोड़ रुपये का मुआवजा भी दिया जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में किसानों के साथ इस प्रकार का कोई भी अन्याय या अन्य ज्यादती न हो। उम्मीद है कि घटना की गंभीरता देखते हुए तत्काल कार्रवाई की जाए।