WFI : भारतीय कुश्ती महासंघ चलायेगा एडहॉक कमेटी, तीन मेंबर्स की पैनल बनी, ओलंपिक एसोसिएशन का फैसला
खेल मिनिस्टरी द्वारा नवगठित भारतीय कुश्ती महासंघ को स्सपेंड कर दिया गया है। अब भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) से भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) को चलाने के लिए एडहॉक कमेटी बनाया है।
नई दिल्ली। खेल मिनिस्टरी द्वारा नवगठित भारतीय कुश्ती महासंघ को स्सपेंड कर दिया गया है। अब भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) से भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) को चलाने के लिए एडहॉक कमेटी बनाया है।
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कुश्ती संघ के लिए बनी एडहॉक कमेटी की अध्यक्षता भूपिंदर सिंह बाजवा करेंगे। कमेटी में एम.एम सौमैया और मंजूषा कंवर को सदस्य बनाया गया है। भूपिंदर सिंह बाजवा वुशू एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट रह चुके हैं। अब कुश्ती संघ को चलाने के लिए एडहॉक कमेटी के गठन से माना जा रहा है कि संगठन का निलंबन लंबा चलनेवाला है।
मैं चुनकर आया, एडहॉक कमेटी क्यों?
देश में कुश्ती के खेलों के आयोजन के लिए भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन (आईओए) नेएक एडहॉक कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) को निलंबित किए जानेके बाद गठित की गई है। डब्ल्यूएफआई के निलंबित अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा कि वह एडहॉक कमेटी को नहीं मानते हैं। संघ के लिए उनका चुनाव लोकतांत्रिक तरीके सेहुआ है। उन्होंने कहा कि उनकी अनुमति के बिना ऐसा निर्णय नहीं लिया जा सकता।
एडहॉक कमेटी मंजूर नहीं
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए भारतीय कुश्ती संघ के निलंबित अध्यक्ष संजय सिंह ने एडहॉक कमेटी बनाये जाने के फैसले का विरोध किया है। संजय सिंह ने कहा कि मैंने लोकतांत्रिक तरीके सेचुनाव जीता, मुझे नामांकित नहीं किया गया था। मैं इस एडहॉक कमेटी को स्वीकार नहीं करता क्योंकि डब्ल्यूएफआई एक स्वायत्त निकाय है। वे मेरी अनुमति के बिना ऐसा निर्णय नहीं ले सकते। मैं इसके खिलाफ सरकार सेबात करूंगा और अगर मुद्दा अभी भी हल नहीं हुआ तो कोर्ट का दरवाजा खटखटाऊंगा।
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार, खेल मंत्रालय ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) से एथलीट चयन की प्रक्रिया सहित भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के मामलों की देखरेख और संचालन के लिए एक एडहॉक कमेटी बनाने को कहा था। सेंट्रल ने कहा, "डब्ल्यूएफआई के पूर्व पदाधिकारियों के प्रभाव और नियंत्रण से उत्पन्न मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए, डब्ल्यूएफआई के शासन और अखंडता के बारे में गंभीर चिंताएं पैदा हो गई हैं। इसके लिए खेल संगठनों में सुशासन के सिद्धांतों को बनाये रखने के लिए तत्काल और कड़े सुधारात्मक उपायों की आवश्यकता है, और इस प्रकार अब यह आईओए की जिम्मेदारी बन गई है कि वह डब्ल्यूएफआई के मामलों के प्रबंधन के लिए अंतरिम अवधि के लिए उपयुक्त व्यवस्था करे।"
भारतीय कुश्ती संघ सस्पेंड
खेल मिनिस्टरी ने भारतीय कुश्ती संघ को सस्पेंड कर दिया है। हाल ही में संपन्न हुए चुनाव में बीजेपी एमपी बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह को जीत मिली थी। संजय सिंह ने राष्ट्रमंडल खेलों की पूर्व गोल्ड मेडल विजेता अनीता श्योराण को हराया जो बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में गवाह थीं। डब्ल्यूएफआई इलेक्शन रिजल्ट के बाद तीन टॉप पहलवानों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान रियो ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास लेनेतक की घोषणा कर दी थी। वहीं बजरंग पुनिया ने भी अपना पद्मश्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लौटाने का फैसला किया।
सरकार ने अब भारतीय कुश्ती संघ सस्पेंड कर दिया है। संजय सिंह द्वारा लिए गए सभी फैसलों पर भी रोक लगा दी गई है। खेल मंत्रालय ने कहा कहा कि संजय कुमार सिंह ने 21 दिसंबर को घोषणा की कि जूनियर राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं इस साल के अंत से पहले शुरू होंगी। यह नियमों के खिलाफ है। कम सेकम 15 दिन के नोटिस की जरूरत हैताकि पहलवान तैयारी कर सकें। खेल मंत्रालय ने आगे कहा, "इस तरह के निर्णय कार्यकारी समिति द्वारा लिए जा तेहैं, जिसके समक्ष एजेंडा को विचार के लिए रखा जाना आवश्यक होता है। डब्ल्यूएफआई संविधान के अनुच्छेद XI के अनुसार बैठक के लिए 15 दिन पहले नोटिस देना अनिवार्य होता है। यहां तक कि आपातकालीन बैठक के लिए भी न्यूनतम नोटिस अवधि सात दिनों की होती है।''
खेल मंत्रालय ने यह भी आरोप लगाया कि नया निकाय पिछले पदाधिकारियों के पूर्ण नियंत्रण में प्रतीत होता है, जिनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाये गये थे। मंत्रालय ने कहा, "ऐसा प्रतीत होता है कि नवनिर्वाचित निकाय खेल संहिता की पूरी तरह अनदेखी करतेहुए पूर्वपदाधिकारियों के नियंत्रण में है।" "फेडरेशन का कारोबार पूर्व पदाधिकारियों द्वारा नियंत्रित परिसर से चलाया जा रहा है। खिलाड़ियों के द्वारा यौन उत्पीड़न का आरोप लगाये गये हैं। कोर्ट इस मामले की सुनवाई कर रही है।