पश्चिम बंगाल: मिथुन चक्रवर्ती का दावा, TMC के 38 MLA बीजेपी के संपर्क में, 21 से मेरी हो रही बात
बॉलीवुड एक्टर व बीजेपी लीडर मिथुन चक्रवर्ती ने दावा किया है कि टीएमसी के 38 एमएलए बीजेपी के संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि 21 एमएलए तो सीधे मेरे संपर्क में हैं। मिथुन दावे के बाद बंगाल की राजनीति में उलटफेर के कयासों का दौर तेज हो गया है।
कोलकाता। बॉलीवुड एक्टर व बीजेपी लीडर मिथुन चक्रवर्ती ने दावा किया है कि टीएमसी के 38 एमएलए बीजेपी के संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि 21 एमएलए तो सीधे मेरे संपर्क में हैं। मिथुन दावे के बाद बंगाल की राजनीति में उलटफेर के कयासों का दौर तेज हो गया है।
यह भी पढ़ें: धनबाद: जनता दरबार में लोगों ने दिये जर्जर सड़क की मरम्मत करवाने, नाली का निर्माण कराने सहित अन्य आवेदन
#WATCH | West Bengal: Do you want to hear breaking news? At this moment, 38 TMC MLAs have very good relations with us, out of which 21 are in direct (contact with us): BJP leader Mithun Chakraborty in Kolkata pic.twitter.com/1AI7kB4H5I
— ANI (@ANI) July 27, 2022
पश्चिम बंगाल बीजेपी ऑफिस में पत्रकारों से बातचीत में मिथुन चक्रवर्ती ने कहा कि यदि टीएमसी के लोग कहते हैं कि हम जनता के प्यार से जीते हैं तो फिर डर किस बात का है।राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के 38 विधायक भाजपा के संपर्क में हैं और 21 एमएलए सीधे उनके संपर्क में हैं। मिथुन ने इसके साथ ही हा कि यदि बंगाल में कल निष्पक्ष चुनाव होते हैं तो बीजेपी जीतकर सत्ता में आ जायेगी।
मिथुन ने हाल ही में बढ़ाई थी बंगाल में अपनी सक्रियता
उन्होंने तृणमूल पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले साल सत्तारूढ़ दल ने जबरदस्ती चुनाव जीता था। वहीं, शिक्षक भर्ती घोटाले में मंत्री पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी पर मिथुन ने कहा कि यदि गलती की है तो सजा जरूर होगी। सबूत होने पर कानून से कोई भी नहीं बच सकता। उन्होंने कहा कि 'जब मैं बंबई में था। एक सुबह मैं उठा और सुना कि बीजेपी- शिवसेना की सरकार बनेगी। अगर यह महाराष्ट्र में किया जा सकता है तो यहां क्यों नहीं किया जा सकता है?' हालांकि मिथुन के दावे को सही भी मान लें तो 38 टीएमसी एमएलए के बीजेपी में आने से भी सरकार नहीं बनेगी। बीजेपी के फिलहाल राज्य में 69 एमएलए हैं। 38 और एमएलए मिलने के बाद यह आंकड़ा 107 का हो जायेगा।
बीजेपी के खिलाफ दुष्प्रचार, कहीं नहीं होने दिया दंगा
इसके बाद भी बीजेपी सरकार नहीं बना सकेगी। राज्य में सत्ता में आने के लिए जादुई आंकड़ा 144 का है। ऐसे में इन विधायकों के टूटने के बाद भी उसे 37 और एमएलए की जरूरत होगी। मिथुन चक्रवर्ती ने कहा कि टीएमसी नेताओं का मतलब चोर है। जनता उन्हें वोट देकर लाई थी। लेकिन अब राज्य में स्थिति ऐसी हो गई है कि केवल भगवान ही बचा सकते हैं। मिथुन ने यह भी कहा कि बीजेपी के खिलाफ तरह-तरह के दुष्प्रचार किए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि बीजेपी दंगा कर रही है। बीजेपी को मुसलमान पसंद नहीं हैं। साजिश के तहत ऐसा फैलाया जा रहा है। मुझे दिखाओ कि बीजेपी ने पिछले 1 साल में कहां दंगा किया है। देश के 18 राज्यों में बीजेपी सत्ता में है। अगर उन्हें मुसलमान पसंद नहीं हैं तो तीन सबसे बड़े मेगास्टार मुसलमान कैसे हो गये?
बालीवुड के दिल की धड़कन मिथुन चक्रवर्ती, पिछले साल मार्च में विधानसभा चुनावों से कुछ दिन पहले कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में एक मेगा रैली में पीएम नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हुए थे। हालांकि उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन उन्होंने बीजेपी के लिए चुनाव प्रचार में सक्रिय रूप से भाग लिया। उन्होंने बीजेपी कैंडिडेट के लिए पूरे राज्य में प्रचार किया था, परंतु चुनाव के बाद चक्रवर्ती सक्रिय राजनीति से दूर हो गएये थे।पश्चिम बंगाल की विधानसभा चुनाव से बीजेपी में एंट्री करने वाले मिथुन लगभग एक साल तक राजनीति से दूर रहने के बाद मिथुन फिर से सक्रिय दिख रहे हैं। मिथुन एक माह के भीतर बुधवार को दूसरी बार प्रदेश बीजेपी ऑफिस पहुंचे। यहां पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। इसके बाद मिथुन ने प्रदेश कार्यालय में सर्वप्रथम जनसंघ के संस्थापक डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी एवं भाजपा के संस्थापक सदस्यों में से एक दीनदयाल उपाध्याय की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद मिथुन ने यहां बीजेपी एमएलए व पार्टी के सीनीयर नेताओं के साथ बैठक की।
इससे पहले चार जुलाई को चक्रवर्ती ने राज्य बीजेपी ऑफिस में संवाददाताओं से कहा था, मैं पिछले साल से स्वस्थ नहीं था, इसलिए मैं राजनीतिक गतिविधियों में भाग नहीं ले सका और न ही पार्टी कार्यालय में आया। पार्टी ने मुझे कुछ कार्य सौंपे हैं, और मैं उन कर्तव्यों को पूरा करने के लिए अपनी पूरी कोशिश करूंगा। मैं राज्य में पार्टी के लिए काम करूंगा।उन्होंने कहा कि वह हमेशा से वंचितों के लिए काम करना चाहते थे और भाजपा ने उन्हें उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए एक मंच दिया है।