यूपी: तीन लाख 51 हजार दीपों से जगमगायी अयोध्या, राममंदिर के भूमि पूजन समारोह, पुख्ता सुरक्षा इंतजाम
अयोध्या में पांच अगस्त को राम मंदिर भूमि पूजन समारोह की तैयारियां पूरी हो गई हैं। राम मंदिर के भूमि पूजन और कार्यारंभ समारोह के लिए अयोध्या को सजाया गया है। यहां कड़े सुरक्षा इंतजाम किये गये हैं। श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन पांच अगस्त को पीएम नरेंद्र मोदी करेंगे।
- पुष्पों से सजी रामनगरी
- अयोध्याा की सीमा को सील
- बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक
लखनऊ। अयोध्या में पांच अगस्त को राम मंदिर भूमि पूजन समारोह की तैयारियां पूरी हो गई हैं। राम मंदिर के भूमि पूजन और कार्यारंभ समारोह के लिए अयोध्या को सजाया गया है। यहां कड़े सुरक्षा इंतजाम किये गये हैं। श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन पांच अगस्त को पीएम नरेंद्र मोदी करेंगे। पूरे यूपी में आज दीपावली जैसा माहौल था। ऐसा ही कल भी रहेगा। रामजन्मभूमि पर राममंदिर के लिए भूमिपूजन तो बुधवार को होगा, लेकिन यह खुशी अयोध्या के साथ-साथ देशभर में मंगलवार से छा गई है।
बोर्डर सील, बाहरी लोगों की इंट्री बंद
अयोध्या की बोर्डर को सील कर दिया गया है। बाहरी लोगों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। बिना आइकार्ड चेक किये किसी को भी टाउन में जाने की अनुमिति नहीं मिल रही है। मंगलवार की मिडनाइट से लखनऊ-गोरखपुर एनएच पर भी जिले की सीमा से बाहरी व माल वाहक वाहनों के लिए ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया गया है। रामनगरी के संपर्क मार्गों पर पुलिस बल की तैनाती की गयी है। सभी प्रमुख मंदिर सहित कार्यशाला को भी कड़ी निगरानी में रखा गया है।
तीन लाख 51 हजार दीपों से जगमगायी रामनगरी
अयोध्या में दीपावली मनाया जा रहा है। अयोध्या धाम में 351000 दिये जलाये गये हैं। राम की पैड़ी समेत अयोध्या धाम के 50 स्थानों पर दिए जलाये गये। अयोध्या धाम के सभी मंदिरों में दिए जलाए गए हैं। अयोध्या में भगवान राम के भव्यतम मंदिर के निर्माण कार्य शुभारंभ से पहले सरयू तट पर विशेष सजावट की गई है। राम के स्वागत में अयोध्या का सरयू तट एक अप्रतिम रूप में दिख रहा है।
संत-महंत व मोहन भागवत पहुंचे रामनगरी
राममंदिर के भूमि पूजन समारोह में शामिल होने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी लखनऊ से अयोध्या पहुंचे हैं। यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या समेत कई मिनिस्टअयोध्या पहुंच चुके हैं। नाथ संप्रदाय के उपाध्यक्ष बालक नाथ जी महाराज भी रामनगरी पहुंचे।
इस दिव्य भव्य आयोजन का हिस्सा बनने के लिए स्वामी अवधेशानंद, योग गुरू स्वामी बाबा रामदेव, चिंदानन्द मुनि, साध्वी ऋतंभरा, पुरुष परमानन्द जी महाराज, बालकानन्द जी महाराज, धन्तेय शांति मिश्र महाराज, फूल डोल बिहारी दास, स्वामी मित्रानन्द महाराज, राजेंद्र देवाचार्य राघवाचार्य, महामंडलेश्वर अखिलेश्वरानन्द महाराज, डॉ. श्यामदेव देवाचार्य, राम कमलदास वेदांती, जगद गुरु रामानन्दाचार्य रामधराचार्य, डॉ. रामेश्वरदास श्री वैष्णव वनवासी संत दिगंबर गिरि बाल्मीकि संत सदानन्द जी, जत्थेदार इकबाल सिंह, डॉ. रामेश्वरानन्द हरि महाराज, बाबा लक्खा सिंह, अखाड़ा परिषद अध्यक्ष नरेंद्र गिरी, महामंत्री हरि गिरी, महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव रवींद्रपुरी, निरंजनी अखाड़े के सचिव रवींद्र महाराज पहुंच चुके हैं। कई महत्वापूर्ण हस्िहरियों का भी जमावड़ा अयोध्यान में शुरू हो गया है।
हजारों वर्षों की प्रतीक्षा के बाद मिला सौभाग्य: रामदेव
योग गुरु बाबा रामदेव, स्वामी अवधेशानंद, चिदानंद मुनि, सुधीर दहिया, राजू स्वामी एक हेलिकॉप्टर से अयोध्या एयरपोर्ट पहुंचे। ये लोग राममंदिर भूमि पूजन में शामिल होंगे। वहीं, अयोध्या रवाना होने से पूर्व उन्होंने एक वीडियो अपने ट्विटर हैंडल पर साझा किया। उसमें उन्होंने कहा - ''श्री रामजन्मभूमि के लिये हम प्रस्थान कर रहे हैं। हमें सौभाग्य मिला है कि हमारी आंखों के सामने, हमें दिव्य भव्य राम मंदिर के शिलान्यास में सम्मिलित होने का यह अवसर मिला है। सबके राम-राम नाम सुखदाई। ''
एसपीजी व ब्लैक कैट के घेरे में रामनगरी
एसपीजी कमांडो की टीम ने पीएम मोदी के हर कार्यक्रम स्थल का दौरा किया। इस दौरान उनकी देखरेख में हनुमानगढ़ी मंदिर तथा श्रीराम जन्मभूमि परिसर को म्यूनिशिपल कॉरपोरेशन की टीम ने सैनेटाइज किया। पीएम मोदी अयोध्या में कल सबसे पहले हनुमानगढ़ी में दर्शन करेंगे। हनुमानगढ़ी के सामने मंगलवार को ब्लैक कैट कमांडो ने मोर्चा संभाला लिया है। पीएम की ड्यूटी में तैनात मजिस्ट्रेट काले रंग का बंद गले का कोट, सफेद शर्ट व काले पैंट में होंगे। पीएम कार्यक्रम का यही ड्रेस कोड है। पीएम कार्यक्रम के 26 ड्यूटी प्वाइंट बनाये गये हैं।
कड़ी सुरक्षा और सख्त निगरानी
वीवीआईपी मूवमेंट और सख्त निगरानी को ध्यान में रखते हुए अयोध्या में बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है। अभेध किले में तब्दील हुई अयोध्या में पुलिस, आरएएफ और सीआरपीएफ की फोर्सेज को चप्पे-चप्पे पर तैनात किया गया है।
हनुमानगढ़ी में ही हनुमान निशान की विशेष पूजा
कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अयोध्या में श्रीराम मंदिर जन्मभूमि पर भूमि पूजन की तैयारियों तथा पूजा के कार्यक्रम में काफी बदलाव किया गया है। श्रीरामजन्मभूमि मंदिर में हनुमानगढ़ी से जो हनुमान निशान जाना था, अब वो नहीं जायेगा। हनुमानगढ़ी में ही उसकी विशेष पूजा की गई है। अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर में एक विशेष 'हनुमान निशान' है जो करीब सात सौ वर्ष पुराना बताया जाता है। यह चार मीटर चौड़ा और आठ मीटर लंबा ध्वज है। इसके साथ ही एक गदा और एक त्रिशूल है, जिसे करीब 20 लोग हनुमानगढ़ी से रामजन्मभूमि स्थल पर ले जाते हैं। कोरोना वायरस संकट के कारण इसको टाला गया है। इसी कारण विश्व हिन्दू परिषद से जुड़े लोगों के साथ हनुमानगढ़ी मंदिर में पुजारियों ने हनुमान निशान की विशेष पूजा की।
धर्म ध्वजा और हर ओर जय श्री राम
राम मंदिर के भूमि पूजन का उत्साह कितना है,ये अयोध्या के हर हिस्से में साफ दिख रहा है। हर ओर धर्म ध्वजा लिए राम भक्त जय श्री राम का अभिवादन करते दिख रहे हैं। वही सरयू के तट पर कुछ कुछ देर पर जय श्री राम के नारे सुनाई पड़ रहे हैं।
राम मंदिर के निर्माण को लेकर एक ओर जहां उत्साह है, वहीं अयोध्या में मंदिर के भूमि पूजन समारोह को देखने की उत्सुकता भी। हर कोई उस क्षण का इंतजार कर रहा है, जिस क्षण अयोध्या में राम मंदिर के ऐतिहासिक निर्माण की आधार शिला रखी जाएगी।
रंगोली के रंग भी राम रंग में रंगे
अयोध्या में हर ओर सिर्फ भगवान राम के नाम की गूंज है। सरयू के तट से जन्मभूमि और दीपोत्सव से रंगोली तक हर कुछ में भगवान राम के दृश्य देखने को मिल रहे हैं।
मंदिर, देवालय और धर्मस्थान की सजावट
अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन समारोह की तैयारियां जिस अंदाज में की गई हैं, वह दृश्य सारे देश के लिए अद्भुत से हैं। धर्मनगरी में प्रत्यक्ष और टीवी पर परोक्ष रूप से अयोध्या को देख रहे लोग सोशल मीडिया पर भावनाओं का इजहार कर रहे हैं। इसी का असर भी है कि फेसबुक, ट्विटर समेत तमाम सोशल प्लेटफॉर्म्स पर अयोध्या का हैशटैग ट्रेंड का हिस्सा बन गया है। भूमि पूजन समारोह के लिए अयोध्या के छोटे-छोटे देवस्थानों को भी खास रंग में रंग दिया गया है। मंदिर के आसपास के हिस्से पीले रंग में रंगे गये हैं। वहीं हनुमानगढ़ी मंदिर जहां पीएम नरेंद्र मोदी खुद दर्शन के लिए जाने वाले हैं, वहां भी खास तैयारियां की गई हैं।परंपरा के मुताबिक, हर पूजा से पहले हनुमान निशान राम जन्मभूमि स्थल में जाता है। कोई शुभ कार्य होता है, तो हनुमान निशान की पूजा पहले की जाती है। वहां से ही निशान को ले जाया जाता है, ऐसा ही भूमि पूजन के लिए होना था। हनुमानगढ़ी के मुख्य पुजारी राजू दास का कहना है कि हनुमानगढ़ी का निशान भूमि पूजन के दौरान नहीं ले जाया जायेगा। पहले जाने का कार्यक्रम था लेकिन विश्व हिंदू परिषद और सब लोगों ने मिलकर यह फैसला किया है और इसकी पूजा आज हनुमानगढ़ी में की गई है।
नाका हनुमानगढ़ी को देसी घी के दीपों से सुसज्जित किया गया है। एक आध्यात्मिक संस्था की ओर से अयोध्या के सभी शिवालयों और सरयू तट को देसी घी के दीपों से आच्छादित की गई है। वहीं श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने लोगों से भूमिपूजन के अवसर पर चार व पांच अगस्त को पूजन, अनुष्ठान और शाम को दीपोत्सव का आह्वान किया है। इस आह्वान को अयोध्या ने शिद्दत से शिरोधार्य किया है। न केवल ट्रस्ट एवं संघ परिवार सहित भाजपा व उसके अन्य सहयोगी संगठनों की ओर से दीपोत्सव को सफल बनाने के लिए लोगों तक आवश्यक संसाधन भी मुहैया करायोजा रहे हैं, बल्कि रामनगरी के साधु-संत भी अपने स्तर से दीपोत्सव मनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
सिक्योरिटी कोड से लैस है भूमि पूजन के लिए बना आमंत्रण पत्र
पीएम नरेंद्र मोदी भूमि पूजन करेंगे। इस अनुष्ठान शामिल होने के लिए देशभर की सभी परंपराओं के संतों को निमंत्रण पत्र भेजा गया है। यह निमंत्रण पत्र बेहद खास है। निमंत्रण पत्र खास किस्म के सिक्योरिटी कोड से लैस है, जो केवल एक बार ही काम करेगा। कार्ड की नंबरिंग भी की गई है।
अयोध्या के कारसेवकपुरम में आयोजित प्रेस कांफ्रेस में श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि भूमि पूजन समारोह स्थल पर प्रवेश के वक्त निमंत्रण पत्र पर पड़े नाम और नंबर को सुरक्षा अधिकारी क्रॉस चेक करेंगे। एक बार प्रवेश लेने के बाद यदि कोई व्यक्ति परिसर से निकलकर दोबारा जाने करने की कोशिश करेगा तो उसे प्रवेश नहीं मिल सकेगा। भूमि पूजन में शामिल होने के लिए अतिथियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहुंचने से दो घंटे पहले ही आयोजन स्थल पर पहुंचना होगा। अतिथियों के वाहन सिर्फ रंगमहल बैरियर तक ही जायेंगे। वहां से अतिथियों को पैदल ही कार्यक्रम स्थल तक जाना होगा। अमावा मंदिर परिसर में वाहनों की पार्किंग की जायेगी।
सभी परंपराओं के संतों को निमंत्रण
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि आमंत्रित संतों में दशनामी संन्यासी परंपरा, वैष्णव परंपरा, रामानुज परंपरा, नाथ परंपरा, निम्बार्क, माधवाचार्य, वल्लभाचार्य, रामसनेही, कृष्णप्रणामी, उदासीन, कबीरपंथी, चिन्मय मिशन, रामकृष्ण मिशन, लिंगायत, वाल्मीकिसंत, रविदासी संत, आर्य समाज, सिख परंपरा, बौध, जैन, इस्कान, स्वामीनारायण, वारकरी, एकनाथ, बंजारा व वनवासी संत, आदिवासी गौण, गुरु परंपरा, भारत सेवाश्रम संघ, आचार्य समाज, सिंधी संत व अखाड़ा परिषद के पदाधिकारी हैं। नेपाल के जानकी मंदिर के महंत भी भूमि पूजन के कार्यक्रम का हिस्सा होंगे।
श्री रामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र में अब तक 30 करोड़ रुपये दान मिले
श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के कैशियर स्वामी गोविंद देव गिरि ने बताया कि मेरे अनुमान के अनुसार श्री रामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र में चार अगस्त तक 30 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। कल तक हमारे पास भारत में रहने वाले लोगों से मोरारी बापू द्वारा उठाए गए 11 करोड़ रुपये का अतिरिक्त फंड होगा। वहीं सात करोड़ रुपये विदेशों में रहने वाले लोगों से भी जुटाए गये हैं। हम तब तक बाहर से आने वाले दान को स्वीकार नहीं कर सकते हैं जब तक कि ट्रस्ट को एफसीआरए प्रमाणन प्राप्त नहीं हो जाता। इसलिए सात करोड़ रुपये का दान तब तक रखा जायेगा।
सार्वजनिक हुआ राम मंदिर का नया मॉडल
ट्रस्ट ने राम मंदिर का नया मॉडल सार्वजनिक कर दिया। सार्वजनिक होते ही मंदिर के नए मॉडल वाली होर्डिंग लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गई हैं। पुराने मॉडल में तीन शिखर थे, जिसे बाद में छह किया गया। पीएम नरेंद्र मोदी संग जो हस्तियां मंच पर विराजेंगी, उसका धरातल बहुरंगी प्रिंटेड कालीन का होगा, जबकि ऊपरी हिस्सा लाल एवं सफेद रंग का होगा, जो बहुरंगी छटा बिखेरगा। इसी तरह के दो और आकर्षक पंडाल बनाये गये हैं। कैंपस में वाटर प्रूफ एवं एसी जर्मन हैंगर पंडाल लगाने का कार्य पूरा हो गया है। रामनगरी के विकास की योजनाओं में सबसे बड़ी विकास योजना भी परिवर्तन के साथ सुविधाओं के लिहाज से नया विस्तार ले रही है। अयोध्या रेलवे स्टेशन के 160 करोड़ के पुनर्विकास की योजना में सुविधा विस्तार की नई कड़ी जोड़ने की तैयारी चल रही है। अयोध्या रामजन्मभूमि पर राम मंदिर के निर्माण के लिए तैयार है। पांच अगस्त को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर निर्माण की पहली ईंट रखेंगे तब उसके साथ ही रामजन्मभूमि के सैकड़ों साल के अंधेरे इतिहास का पटाक्षेप हो जायेगा।
राम मंदिर के प्रस्तावित मॉडल की फोटो जारी
मंदिर निर्माण के लिए बने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने भव्य मंदिर के प्रस्तावित मॉडल की फोटोभी जारी कर दी हैं। मंदिर का यह डिजाइन वास्तुकार निखिल सोमपुरा ने तैयार किया है। रामलला के मंदिर के लिए इससे पहले वीएचपी का पुराना मॉडल हमारे सामने था। इसे निखिल के पिता चंद्रकांत सोमपुरा ने तैयार किया था। अब पुराने डिजाइन में कुछ बदलाव किया गया है। मंदिर के नए मॉडल में ऊंचाई, आकार, क्षेत्रफल और बुनियादी संरचना में भी काफी परिवर्तन है।
साढ़े तीन साल में बनेगा मंदिर
आर्किटेक्ट प्रॉजेक्ट के अनुसार मंदिर को बनकर तैयार होने में तीन से साढ़े तीन साल का समय लगेगा। मंदिर तीन मंजिला होगा और यह वास्तुशास्त्र के हिसाब से बनाया जायेगा।
161 फीट ऊंचाई, पांच गुंबद
मंदिर के शिखर की ऊंचाई बढ़ाकर 161 फुट की गई है। इसके साथ ही गुंबदों की संख्या तीन से बढ़ाकर पांच की गई है। मंदिर के जमीन का आकार भी बढ़ा दिया गया है।राम मंदिर की ऊंचाई में 33 फीट की वृद्धि की जा रही है। इसी वजह से एक और मंजिल बढ़ाना पड़ा है। मंदिर के पुराने मॉडल के हिसाब से मंदिर की लंबाई 268 फीट 5 इंच थी। इसे बढ़ाकर 280-300 फीट किया जा सकता है।
गर्भगृह के ऊपर होगी मंदिर की चोटी
जहां रामलला का गर्भगृह बनेगा, उसके ऊपर के हिस्से को ही शिखर बनाए जाएगा। मंदिर में पांच गुंबद होंगे। पहले के मंदिर मॉडल में सिर्फ दो ही गुंबद थे लेकिन नए मॉडल में मंदिर की भव्यता को बढ़ाने के लिए इसे 5 कर दिया गया है।
गुंबदों के नीचे श्रद्धालुओं की व्यवस्था
राम मंदिर के पांचों गुंबदों के नीचे के हिस्से में चार हिस्से होंगे। इसमें सिंहद्वार, नृत्य मंडप, रंगमंडप बनेगें। यहां श्रद्धालुओं के बैठने विचरण करने और विविध कार्यक्रम आयोजित करने के लिए जगह रहेगी।मंदिर की भव्यता बढ़ाने के लिए इसका जमीनी क्षेत्रफल भी बढ़ाया गया है। मंदिर में पत्थर वही लगेंगे जो राम मंदिर कार्यशाला में तराश कर रखे गए हैं। इन पत्थरों की साफ सफाई कर चमकानें का काम दिल्ली की कंपनी कर रही है।मिट्टी परीक्षण की रिपोर्ट के आधार पर मंदिर के लिए नींव की खुदाई होगी। यह 20 से 25 फीट गहरी हो सकती है। प्लैटफॉर्म कितना ऊंचा होगा इस पर निर्णय राम मंदिर ट्रस्ट करेगा। अभी 12 फीट से 14 फीट तक की ऊंचाई की बात चल रही है।
मंदिर में 300 से ज्यादा स्तंभ
राम मंदिर के नए मॉडल के मुताबिक, पूरे मंदिर में कुल 318 स्तंभ होंगे। मंदिर के प्रत्येक तल पर 106 स्तंभ बनाए जायेंगे।मंदिर के शिल्पकार चंद्रकांत सोमपुरा की माने तो मंदिर बनने में कम से कम 100 करोड़ रुपये की लागत आयेगी। यह खर्च बढ़ सकता है। निर्माण की अवधि की सीमा तय की जायेगी तो ज्यादा संसाधन चाहिए होंगे। इससे बजट भी बढ़ेगा।
शिल्प शास्त्र की गणनाओं से बनेगा मंदिर
राम मंदिर का डिजाइन नागर स्टाइल का है। इसे शिल्प शास्त्र को दिमाग में रखकर बनाया गया है। बताया गया कि प्रत्येक गणना बहुत विशेष है। उदाहरण के तौर पर, कोई भी आयाम गर्भगृह से बड़ा नहीं हो सकता है। इसके अलावा गर्भगृह का मुख किस तरह होना चाहिए? जैसी बातों का भी खास ध्यान रखा गया है। पांचअगस्त को नींव की पहली ईंट रखे जाने के बाद मंदिर निर्माण का काम शुरू हो जाएगा। बताया जा रहा है कि साढ़े तीन साल के अंदर मंदिर का काम पूरा होगा। अब लोगों को इंतजार है कि यह समय जल्द से जल्द पूरा हो और एक बार फिर से जन्मभूमि मंदिर में निर्बाध रूप से भगवान राम का दर्शन शुरू हो सके।
ट्रस्ट के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भव्य राम जन्मभूमि मंदिर के प्रस्तावित मॉडल के कुछ चित्र साझा किए गए हैं। मंगलवार को ट्रस्ट ने इन तस्वीरों को जारी करते हुए लिखा, 'श्री राम जन्मभूमि मंदिर विश्व में भारतीय स्थापत्य कला का अनुपम उदाहरण होगा। श्री राम जन्मभूमि मंदिर भव्यता और दिव्यता की अद्वितीय कृति के रूप में विश्व पटल पर उभरेगा।' ट्रस्ट ने कुल आठ तस्वीरें जारी की हैं। इसमें मंदिर के मॉडल के साथ ही मंदिर के अंदर और बाहर के स्वरूप की तस्वीरें हैं।ट्रस्ट द्वारा जारी की गई फोटो विश्व हिंदू परिषद द्वारा प्रस्तावित मॉडल से मिलती-जुलती है। हालांकि इसमें काफी बदलाव किया गया है।
साढ़े तीन साल में बनकर तैयार होगा मंदिर
उल्लेखनीय है 18 जुलाई को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में राम मंदिर के प्रस्तावित मॉडल में बदलाव का फैसला किया गया था। पहले मंदिर की ऊंचाई 128 फीट तय की गई थी, जिसे बढ़ाकर 161 फीट कर दिया गया। इसके अलावा पहले गर्भगृह के पास तीन गुबंद बनाने की बात थी, लेकिन नए मॉडल में पांच गुबंद हैं। राम मंदिर करीब साढ़े तीन साल में बनकर तैयार होगा।
मंदिर कैंपस में 45 एकड़ में बनेगा राम कथा कुंज
राम जन्मभूमि मंदिर के चार द्वार होंगे जो चारों दिशाओं में खुलेंगे। मंदिर में कुल तीन तल होगा। राम मंदिर परिसर में रामकथा कुंज 45 एकड़ में बनेगा। साथ ही साथ ही मंदिर परिसर में धर्मशाला और गौशाला बनाने का भी प्रस्ताव है। राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए कई वर्षों से पत्थर इकट्ठा कर अयोध्या में रखा गया है। काफी की तराशी की जा चुकी है। पुराने पत्थरों की सफाई के लिए दिल्ली की एक कंपनी को जिम्मा दिया गया है।
राम जन्मभूमि मंदिर के भूमि पूजन के लिए बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या पहुंचेंगे। उनके स्वागत के लिए 5100 कलश तैयार किए गए हैं। आज और कल अयोध्या में उन कलशों में दीप जलाए जाएंगे। मुख्य पूजन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही निर्धारित शुभ मुहूर्त में करेंगे। यह मुहूर्त 32 सेंकेड का है, जो मध्याह 12 बजकर 44 मिनट आठ सेकेंड से लेकर 12 बजकर 44 मिनट 40 सेकेंड के बीच है। बताया गया कि षोडश वरदानुसार 15 वरद में ग्रह स्थितियों का संचरण शुभ और अनुकूलता प्रदान करने वाला है।