आज से 29 मार्च तक बैंक रहेंगे बंद, 28-29 मार्च को देशव्यापी हड़ताल
देशभर में बैंक 28 और 29 मार्च को बंद रहेंगे। शनिवार से चार दिन तक बैंक बंद रहेंगे। सीटू सहित 11 ट्रेड यूनियनों ने 28-29 मार्च को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। इस देशव्यापी हड़ताल में बैंक ट्रेड यूनियन भी शामिल हो रहा है।
नई दिल्ली। देशभर में बैंक 28 और 29 मार्च को बंद रहेंगे। शनिवार से चार दिन तक बैंक बंद रहेंगे। सीटू सहित 11 ट्रेड यूनियनों ने 28-29 मार्च को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। इस देशव्यापी हड़ताल में बैंक ट्रेड यूनियन भी शामिल हो रहा है।
26 से 29 तक बैंक की बंदी होगी। 26 मार्च यानी कल इस माह का चौथा शनिवार है, जबकि उसके अगले दिन, यानी 27 मार्च को रविवार का साप्ताहिक अवकाश। 28 और 29 मार्च को बैंकों की हड़ताल प्रस्तावित है। इसके बाद बैंक 30 मार्च को खुलेंगे।सीटू सहित 11 ट्रेड यूनियनों द्वारा यह बंदी केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे देश की संपदाओं की बिक्री, मजदूर विरोधी नीति, आंगनबाड़ी, सहिया, रसोइया और अन्य योजना के खिलाफ है।
इसके अलावा कर्मियों को न्यूनतम मजदूरी 26 हजार व सामाजिक सुरक्षा देने, पुरानी पेंशन योजना बहाल करने, निजीकरण पर रोक लगाने सहित अन्य मांगों को लेकर किया जा रहा है।इस देशव्यापी हड़ताल में बैंक ट्रेड यूनियन भी शामिल हो रहा है, जिसके कारण मार्च में एक बार फिर से बैंक बंद रहेंगे। यानी कि 28 - 29 मार्च को एक बार फिर से बैंक बंद रहेंगे।अपनी इन सब मांगों के लेकर ही सीटू सहित 11 ट्रेड यूनियनों ने 28 - 29 मार्च को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है।
देश की हालत बद से बदतर
ट्रेड यूनियनों के लीडर्स का कहना है कि मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार की नीतियों के चलते देश की हालत बद से बदतर होते जा रही है। देश की ऐसी हालत को देखते हुए हमलोग और संगठित-असंगठित क्षेत्र के कामगारों ने मिलकर 28-29 मार्च को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। मौजूदा समय में रोजगार और आजीविका के अवसरों में भारी गिरावट के कारण बेरोजगारी तेजी से बढ़ रही है।यूनियनों का कहना है कि सरकार की नीति ने छात्र समुदाय में निराशा और हताशा की स्थिति पैदा कर दी है। बड़ी संख्या में छात्र बेरोगार हो गए है। केंद्र सरकार की कॉरपोरेट परस्त नवउदारवादी नीतियों के तहत रखो और हटाओ की नीति पर चल रही है, जिसमें रोजगार की सुरक्षा नहीं है।
किसानों व गरीबों के साथ गद्दारी कर रही है सरकार
यूनियनों का कहना है कि सेंट्रल की बीजेपी गवर्नमेंट की नीति पूरी तरह जनविरोधी व राष्ट्र विरोधी है। पुरानी पेंशन योजना को खत्म कर नई पेंशन नीति लाये जाने से सेवानिवृत्त कर्मचारियों का बचत शेयर बाजार में लगाया जा रहा है। यह सरकार अमीरों को टैक्स में भारी छूट देकर देश के मजदूर, किसानों व गरीबों के साथ गद्दारी कर रही है।