बेगूसराय की पहली मुस्लिम लड़की कौकब रिजवान बनीं पायलट, बचपन से था आसमान में उड़ान भरने का सपना 

बिहार के बेगूसराय की पहली मुस्लिम लड़की कौकब रिजवान पायलट बनने का गौरव हासिल किया है। कौकब ने कहा कि वो बचपन से आसमान में उड़ान भरने का सपना देखा करती थी। इस मुकाम तक पहुंचने के लिए माता पिता ने भरपुर साथ दिया।

बेगूसराय की पहली मुस्लिम लड़की कौकब रिजवान बनीं पायलट, बचपन से था आसमान में उड़ान भरने का सपना 
कौकब रिजवान(बांए) अपने दोस्त के साथ।

पटना। बिहार के बेगूसराय की पहली मुस्लिम लड़की कौकब रिजवान पायलट बनने का गौरव हासिल किया है। कौकब ने कहा कि वो बचपन से आसमान में उड़ान भरने का सपना देखा करती थी। इस मुकाम तक पहुंचने के लिए माता पिता ने भरपुर साथ दिया।

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बेगूसराय शहर के पोखरिया मोहल्ला निवासी व दवा कारोबारी रिजवान अहमद की बड़ी पुत्री कौकब रिजवान की इंडिगो में नौकरी लगी है। वह नोयडा स्थित ट्रेनिंग सेंटर में उड़ान का प्रैक्टिस कर रही हैं। कौकब के पिता मो. रिजवान व मात शाहीना परवीन  मूल रूप से भगवानपुर ब्लॉक के कटहरिया गांव के निवासी हैं। माता-पिता की सिर्फ दो पुत्रियां हैं। बड़ी कौकब पायलट बनी हैं। छोटी कौसर एमबीबीएस करने के बाद एमएस कर रही हैं।
रिजवान का कहना है  कि कौकब की प्रारंभिक शिक्षा बेगूसराय शहर के एक प्राइवेट स्कूल से हुई थी।  मुजफ्फरपुर में भी एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाई की। इस दौरान उसने वुशु कराटे में ग्रीन बेल्ट हासिल की, कई गोल्ड मेडल जीते। उच्च शिक्षा के लिए वह अरब अमीरात के यमन शहर चली गई। इसके बादडीजीसीए विंग एवेशन प्राइवेट लिमिटेड हैदराबाद से सीपीएल का ट्रेनिंग प्राप्त किया। कमर्शियल पायलट की ट्रेनिंग के उपरांत वह दोहा-कतर से टाइप रेटिंग का कोर्स पूरा किया।

कौकब ने बताया कि बचपन से आसमान में उड़ान भरने का सपना देखती थी। माता-पिता ऐसे मिले कि उन्होंने कभी बेटी होने का अहसास भी नहीं होने दिया। जब जैसी इच्छा जताई, वे दोनों पूरा करते गये। माता-पिता के कारण आज वह इस मुकाम तक पहुंच सकी हैं। कौकब ने बताया कि पायलट का ट्रेनिंग पूरा करने के उपरांत उसे पांच राउंड के एग्जाम से गुजरना पड़ा। इसके बाद वह एनएफटीआइ गोविंदिया महाराष्ट्र में ग्राउंड प्रशिक्षक के रूप में कार्य की। अब जाकर वह पूर्ण रूपेन इंडिगो ऐयरलाइंस में पायलट बनी हैं। फिलहाल नोयडा में उड़ान का अभ्यास कर रही हैं। अगले महीने से वह पैसेंजर्स को लेकर उड़ान भरेंगी। उनके पिता के अनुसार कौकब 2020 में ही पायलट की ट्रेनिंग पूरी कर ली थी, लेकिन कोरोना के कारण उनकी ज्वाइनिंग नहीं हो पा रही थी। कौकब को 10 दिन पहले अंतिम अभ्यास के लिए नोयडा में तैनात किया गया है।