Azam Khan:आजम खान को बड़ी राहत: भड़काऊ भाषण मामले में हुए बरी, इसी केस में गई थी एसपी लीडर की विधायकी
त्तर प्रदेश के समाजवादी पार्टी के लीडर व एक्स एमएलए आजम खां को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। रामपुर सेशन कोर्ट ने बुधवार को भड़काऊ भाषण के मामले में सजा के आदेश को खारिज कर दिया है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के समाजवादी पार्टी के लीडर व एक्स एमएलए आजम खान को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। रामपुर MP/MLA कोर्ट ने बुधवार को भड़काऊ भाषण के मामले में सजा के आदेश को खारिज कर दिया है।
यह भी पढ़ें:Dhanbad: DCA रेलवे ने सूर्या रियलकान सुपर डिवीजन टी-20 क्रिकेट का खिताब जीता
यह वही भड़काउ भाषण का मामला है, जिसमें आजम खान कि विधायकी गई थी। उन्हें तीन साल की सजा सुनाई गई थी। सजा के बाद आजम खान विधायकी चली गई थी। इसके बाद इस सीट पर उप चुनाव हुआ, जिसमें आजम पर केस करने वाले बीजेपी लीडर एमएलए चुने गये। लोअर कोर्ट द्वारा सजा सुनाये जाने के बाद आजम खां की तरफ से इसके खिलाफ सेशन कोर्ट MP/MLA कोर्ट में अपील की गई थी। एडवोकेट जुबैर अहमद ने बताया कि आजम खान को MP/MLA कोर्ट ने बरी कर दिया है। लोअर कोर्ट ने जिन साक्ष्यों के आधार पर सजा दी थी, उन्हें अमान्य करते हुए ऊपरी अदालत ने लगभग सात महीने बाद आजम को बाइज्जत बरी कर दिया है।
विधायकी बहाल नहीं होगी
कानून के जानकारों का कहना है कि एक्स मिनिस्टर आजम खान की विधायकी पर कुछ नहीं हो सकता है। महाराष्ट्र सरकार मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि स्पीकर द्वारा विधायकों की सदस्यता रद्द किए जाने के बाद उनकी बहाली नहीं की जा सकती है। वैसे ही हेट स्पीच मामले में आजम खान की विधायकी बहाल नहीं हो सकती है। लेकिन आजम को अन्य किसी मुकदमे में दो या दो साल से ज्यादा सजा सुनाई गई होगी। तब उनकी सदस्यता और छह साल तक चुनाव लड़ने पर रोक नहीं हटेगी।
रोड जाम करने के मामले में आजम को मिल चुकी है दो साल की सजा
हेट स्पीच मामले के अलावा 13 फरवरी, 2023 को मुरादाबाद कोर्ट ने आजम और उनके बेटे अब्दुल्ला खान को दो साल की सजा सुनाई थी। आजम को मुरादाबाद पुलिस ने 29 जनवरी 2008 को रोक लिया था। इस दौरान आजम गुस्सा होकर रोड पर बैठ गयेथे। इसके बाद आजम खान और उनके बेटे समेत समर्थकों के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने और सड़क जाम करने का मुकदमा दर्ज किया गया था।
27 महीने तक जेल में रहे थे आजम खान
आजम खान अलग-अलग मामलों में 27 महीने तक जेल में रहे। उन्हें 19 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी थी। इसके बाद 20 मई की सुबह वह सीतापुर जिला जेल से रिहा हुए थे। इस दौरान उनके बेटे अब्दुल्ला आजम, अदीब आजम और सपा नेता शिवपाल यादव भी मौजूद थे।आजम के ड्रीम प्रोजेक्ट जौहर यूनिवर्सिटी पर भी सवाल उठते रहे हैं। आरोप है कि जौहर यूनिवर्सिटी बनाने के लिए आजम ने अपने रसूख का गलत इस्तेमाल किया। आजम रामपुर विधानसभा सीट से 10 बार एमएलए रह चुके हैं।
2019 में आजम खान के खिलाफ बीजेपी लीडर ने दर्ज कराया था केस
मामला 2019 के लोकसभा चुनावों के समय का है। आजम खान पर डीएम और संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के खिलाफ हेट स्पीच का आरोप लगा था। आरोप था कि आजम ने पीएम मोदी और सीएम योगी के खिलाफ भी आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया था। इसके बाद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। हालांकि आजम खान ने यह चुनाव जीत लिया था लेकिन 2022 में उन्होंने विधानसभा चुनाव सीट से लड़ने के कारण अपनी सांसदी छोड़ दी थी। इसके बाद रामपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी को झटका लगा था।लोअर कोर्ट द्वारा । 28 अक्टूबर 2022 को दिये गये फैसले में आजम खान को तीन साल की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद आजम खान की विधायकी को रद्द कर दी गयी थी।
आजम को हेट स्पीच मामले में 27 अक्टूबर 2022 को सजा हुई थी। कोर्ट ने आजम पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया था। यह मामला 2019 का है। तब देश में लोकसभा चुनाव हो रहे थे। सपा नेता आजम खान उस वक्त एक चुनावी सभा को संबोधित करने के लिए रामपुर के मिलक विधानसभा क्षेत्र में पहुंचे थे। सभा स्थल पर काफी भीड़ थी। चुनावी सभा में कथित रूप से आजम खान ने आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणियां की थीं। जिस पर विपक्षी दलों ने हंगामा किया था। इसी दौरान बीजेपी लीडर आकाश सक्सेना ने उनके खिलाफ थाने में शिकायत दी थी। जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने मिलक कोतवाली में आजम खान के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन और भड़काऊ भाषण देने का मामला दर्ज किया था। पुलिस की जांच पड़ताल के बाद यह मामला रामपुर की MP-MLA कोर्ट में पहुंचा था।
केस करने वाले आकाश सक्सेना रामपुर शहर सीट से उपचुनाव में जीते
आजम खान की विधायकी जाने के बाद रामपुर शहर सीट पर पांच दिसंबर 2022 को उपचुनाव हुए थे। सात दिसंबर को रिजल्ट घोषित हुआ। बीजेपी कैंडिडेट आकाश सक्सेना ने आजम के करीबी आसिम रजा को 25,703 वोटों से हरा दिया। इससे पहले भी आकाश सक्सेना रामपुर विधानसभा सीट से 2022 में आजम के खिलाफ चुनाव लड़े थे, हालांकि वो हार गये थे। आकाश अब तक 43 केसों में आजम के खिलाफ सीधे पक्षकार हैं।