बिहार:Munger Firing Case की अ CID करेगी जांच,हाई कोर्ट करेगा मॉनीटरिंग में SP और SIT टीम को ट्रांसफर का आदेश
पटना हाईकोर्ट ने बहुचर्चित मुंगेर फायरिंग केस की जांच CID से करवाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने फायरिंग में मारे नये युवक अनुराग पोद्दार के पिताा अमरनाथ पोद्दार की याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिककर्ता को बतौर क्षतिपूर्ति दस लाख रुपया देने का निर्देश भी दिया है।
- हाई कोर्ट ने फायरिंग में मारे गये युवक के पिता को बतौर क्षतिपूर्ति दस लाख रुपया देने का निर्देश दिया
- मां दुर्गा प्रतिमा विसर्जन फायरिंग कांड 18 साल के अनुराग पोद्दार की हुई थी मौत
- कोर्ट ने मुंगेर के वर्तमान एसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों और SIT टीम को ट्रांसफर का भी दिया आदेश
- सीआईडी को चार सप्ताह में सीलबंद लिफाफे में जांट रिपोर्ट पेश करने का निर्देश
पटना। पटना हाईकोर्ट ने बहुचर्चित मुंगेर फायरिंग केस की जांच CID से करवाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने फायरिंग में मारे नये युवक अनुराग पोद्दार के पिताा अमरनाथ पोद्दार की याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिककर्ता को बतौर क्षतिपूर्ति दस लाख रुपया देने का निर्देश भी दिया है।
हाईकोर्नेट के जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद मुंगेर के वर्तमान SP और SIT टीम के अफसरों को तीन दिनों के अंदर ट्रांसफर का भी आदेश दिया है। हाई कोर्ट मुंगेर फायरिंग में सीआईडी जांच की ऑफिसियल रूप से स्वयं मामले की मॉनीटरिंग करेगा। कोर्ट ने सीआईडी को चार सप्ताह में सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश भी दिया है।कोर्ट के आदेश के अनुसार इस मामले की फाइल किसी अन्य अफसर के पास नहीं भेजा जा सकता है।अब इस मामले की अगली सुनवाई मई के पहले सप्ताह में होगी।
उल्लेखनीय पुलिस फायरिंग में मारे गये अनुराग पोद्दार के पिता अमरनाथ पोद्दार की ओर से क्रिमिनल रिट याचिका दायर की गई थी। अमरनाथ पोद्दार ने अपने बेटे अनुराग पोद्दार को न्याय दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद उन्होंने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले कि सुनवाई दो महीने में पूरा कर फैसला देने का निर्देश भी हाईकोर्ट को दिया था।इस मुकदमे की खास बात यह रही कि सुनवाई में शामिल होने वाले सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट अलख आलोक श्रीवास्तव की महत्वपूर्ण भूमिका रही।वे सुप्रीम कोर्ट से याचिकाकर्ता से किसी भी प्रकार का फीस नहीं लेते थे। वे एयर टिकट और रहने की व्यवस्था भी स्वयं करते थे। सुप्रीम कोर्ट ने ही उन्हें सारे तथ्यों को पटना हाईकोर्ट में रखने को कहा था जिस पर हाईकोर्ट को फैसला भी सुनाना था।
फ्लैश बैक
मुंगेर टाउन में वर्ष 2020 की अक्टूबर में मूर्ति विसर्जन के दौरान हुए उपद्रव में अनुराग पोद्दार की मौत हो गई थी। आठ अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गये थे। अनुराग के पिता के बयान पर पुलिस वालों के खिलाफ कोतवाली में केस तो दर्ज किया गया था, लेकिन वे जांच की कार्यवाई से संतुष्ट नहीं थे l कोतवाली पुलिस स्टेशन में मूर्ति विसर्जन के दौरान लाठी चलाने के आरोप में 20 से 25 पुलिसकर्मियों पर थानाध्यक्ष. के बयान पर मामला दर्ज किया गया था l मूर्ति विसर्जन की घटना को लेकर एक बड़ा बवाल हुआ था l गुस्साए लोगों ने सराय थाने में आग लगा दी थी l इसके बाद चुनाव आयोग ने मुंगेर के हालात को देखते हुए डीएम व एसपी को हटाने की भी सिफारिश कर दी थी l उल्लेखनीय है कि 26 अक्टूबर को देर रात मूर्ति विसर्जन के दौरान गोली चली थी जिसमें अनुराग पोद्दार की मौत हो गई थी इसके साथ ही छह अन्य लोग घायल भी हो गये थे। इसके बाद 29 अक्टूबर को इस घटना के विरोध में फिर बवाल हो गया l
मुंगेर की तत्कालीन एसपी लिपि सिंह ने कहा था कि भीड़ में शामिल असामाजिक तत्वों ने फायरिंग की थी। उन्होंने तब कहा था कि विधानसभा चुनाव को देखते हुए पुलिस की ओर से प्रतिमा को जल्द विसर्जित करने का अनुरोध किया जा रहा था। लेकिन इसी बीच कुछ असामाजिक तत्वों ने पुलिस पर हमला करते हुए फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस के अनुसार, असामाजिक तत्वों की गोली से एक युवक (अनुराग पोद्दार) की मौत हुई। कई लोग घायल हो गए। उन्होंने यह भी कहा था कि इस घटना में सात थानाध्यक्ष समेत 20 पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे।